छत्तीसगढ़ब्रेकिंग न्यूज़

शहरी और मुख्य सड़क पर स्थित स्कूलों में स्वीकृत से अधिक शिक्षक हैं पदस्थ- नारायण चंदेल

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने शिक्षा व्यवस्था में गुणात्मक सुधार और बुनियादी सुविधाएँ मुहैया कराने के प्रदेश की कांग्रेस सरकार के दावे को फर्जी बताया है। उन्होंने कहा कि कुछ विद्यालयों में स्वीकृत सेट-अप से अधिक शिक्षक पदस्थ होने और कुछ विद्यालयों में शिक्षकों के पद रिक्त पड़े होने के कारण शिक्षा के मूल उद्देश्यों को हासिल नहीं किया जा सक रहा है, वहीं आदिवासी इलाकों में करोड़ों रुपए खर्च करके जुटाई गईं पीने के पानी की बुनियादी सुविधा दम तोड़ चुकी है।

WhatsApp Image 2025-09-25 at 3.01.05 AM

नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि बिलासपुर जिले के चारों विकासखंडों के कुल 210 हायर सेकेंडरी और हाई स्कूलों में 1876 व्याख्याताओं के पद स्वीकृत हैं, लेकिन इनमें से 54 स्कूलों में स्वीकृत सेट-अप से 126 व्याख्याता ज्यादा हैं जबकि 80 स्कूलों में व्याख्याताओं के 174 पद अब तक खाली पड़े हैं। तबादला उद्योग चलाने में मशगूल प्रदेश सरकार को इस बात से कोई सरोकार ही नहीं है कि यदि 126 अतिशेष व्याख्याताओं को उनके मूल विद्यालयों में भेजा जाए तो रिक्त पड़े 174 पदों की समस्या काफी हद तक हल हो सकती है।

mantr
96f7b88c-5c3d-4301-83e9-aa4e159339e2 (1)

उन्होंने कहा कि राजनीतिक पहुँच और संरक्षण के चलते शहरी और मुख्य सड़क पर स्थित स्कूलों में स्वीकृत पदों से काफी अधिक शिक्षक पदस्थ हैं जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित शालाओं में काफी पद रिक्त होने के कारण बच्चों की पढ़ाई पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।

सरगुजा संभाग के जशपुरनगर जिले के 2296 प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों और 1500 आंगनबाड़ी केंद्रों में बेहाली का आलम यह है कि वहाँ पीने के साफ पानी तक की व्यवस्था ही चरमरा चुकी है। रनिंग वॉटर सप्लाई के नाम पर केवल स्कूलों पर 35 करोड़ रुपए खर्च करने के बाद भी हालात ये हैं कि वहाँ बच्चे ढोंढ़ी का पानी पीने के लिए विवश हैं।

Pradesh Khabar

e6e82d19-dc48-4c76-bed1-b869be56b2ea (2)

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!