
सांस्कृतिक विविधता हमें समृद्ध और शक्तिशाली बनाती है : राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन
सांस्कृतिक विविधता हमें समृद्ध और शक्तिशाली बनाती है : राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन
रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर शुरू की गई केन्द्र सरकार के “एक भारत-श्रेष्ठ भारत” कार्यक्रम के तहत विविधता में एकता की भावना को बढ़ावा देने के लिए सभी राज्य एक-दूसरे राज्यों का स्थापना दिवस मना रहे हैं। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ राजभवन में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था। जिसमें छत्तीसगढ़ में निवास करने वाले इन राज्यों के लोगों ने उत्साह के साथ भाग लिया। राजभवन में ’एक भारत श्रेष्ठ भारत’ कार्यक्रम के तहत रविवार को छत्तीसगढ़ सहित 17 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों का स्थापना दिवस मनाया गया।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने कहा कि सांस्कृतिक विविधता हमें समृद्ध और शक्तिशाली बनाती है। राजभवन में राज्यपाल हरिचंदन के मुख्य आतिथ्य में भारत के राज्यों क्रमशः छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, केरल, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखण्ड तथा झारखण्ड और केंद्रशासित प्रदेशों लद्दाख, चंडीगढ़, अण्डमान और निकोबार द्वीप, पुदुचेरी तथा लक्षद्वीप का स्थापना दिवस हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया। हर राज्य की अपनी एक अलग पहचान है। विविधता होते हुए भी हम सब एक है। जिसके कारण विश्व में हमारी साख है। दुनिया की सभी शक्तियां हमारे भारत वर्ष की प्रशंसा करती हैं।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने कहा कि भारत अनेक रंगो के फ़ूलों की माला है। हर राज्य की अपनी एक अलग पहचान है। विविधता होते हुए भी हम सब एक है। जिसके कारण विश्व में हमारी साख है। दुनिया की सभी शक्तियां हमारे भारत वर्ष की प्रशंसा करती हैं। उन्होंने सभी राज्यों की विशिष्टताओं का उल्लेख किया। प्राकृतिक संसाधनों, वनोपज एवं खनिज से भरपूर छत्तीसगढ़, अपनी समृद्ध संस्कृति और इतिहास की कहानी कहता हुआ मध्यप्रदेश राज्य भले ही ही दो अलग-अलग राज्य हैं। लेकिन दोनों राज्यों के निवासियों का खान-पान, भाषा, संस्कृति, आचार-विचार, घुले-मिले है और वे परस्पर स्नेह के अटूट बंधन में बंधे हुए हैं। तमिलनाडु देश का दूसरा सबसे बड़ा सूचना प्रौद्योगिक का क्षेत्र है। साक्षरता के साथ-साथ सामाजिक न्याय, स्वास्थ्य स्तर, स्त्री-पुरूष समानता के क्षेत्र में केरल अग्रणी है। आंध्रप्रदेश कृषि के साथ-साथ प्रसिद्ध धार्मिक स्थल तिरूपती बालाजी के लिए प्रसिद्ध है। सार्वधिक लोकप्रिय प्राकृतिक सौंदर्य, ऊंचे-ऊंचे हिमालय पर्वतों की श्रृंखला, हिन्दुओं के पवित्र तीर्थ स्थल वैष्णव देवी तथा अमरनाथ के लिए जम्मू और कश्मीर जाना जाता है। पंजाब का इतिहास कुर्बानियों से भरा हुआ है। जिस पर हर देशवासी को गर्व है। अमृतसर का स्वर्ण मंदिर प्रमुख सिक्ख धर्म स्थल है। छोटा राज्य होने के बावजूद हरियाणा राज्य ने विभिन्न क्षेत्रों में शानदार उपलब्धियां हासिल की है। दिल्ली हमारी राजधानी ही नही देश का दिल भी है। देव भूमि उत्तराखंड में दुनिया भर के पर्यटक आते है। कोयला खनिज संपदा से भरपूर झारखंड अपनी आदिवासी संस्कृति के लिए जाना जाता है।
कार्यक्रम में इन सभी राज्यों की संस्कृति एवं लोक परंपरा आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रंगारंग प्रस्तुति दी गई। छत्तीसगढ़ का लोक-नृत्य सुवा, कर्मा, राउत नाचा, पंथी नृत्य पंजाब का भांगडा, कर्नाटक का लोक-नृत्य, कश्मीर, हरियाणा, उत्तराखंड, अंडमान-निकोबार द्वीप, मध्यप्रदेश का लोक नृत्य, केरल का लोक नृत्य, आंध्रप्रदेश के भारत नाट्यम नृत्य ने अतिथियों का मन मोह लिया। विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों को राज्यपाल ने राजकीय गमछा और स्मृति चिन्ह भेंट किया। उन्होंने भी राज्यपाल को अपने राज्य की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। छत्तीसगढ़ से पद्मश्री से सम्मानित भारती बंधु, डॉ. सुरेन्द्र दुबे, श्रीमती शमशाद बेगम, मदन चौहान, अजय मंडावी, अनुप रंजन, डा रमेंद्रनाथ मिश्रा, श्रीधर, श्रीमती सुचिता शरण सहित अन्य समुदाय के विशिष्ट जनों को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में राज्यपाल के विधिक सलाहकार राजेश श्रीवास्तव, उपसचिव दीपक अग्रवाल , इन सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के छत्तीसगढ़ में निवासरत, युवा, महिलाएं व नागरिक उपस्थित रहे।