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भाजपा सरकार के प्लेसेमेंट या आउट सोर्सिग प्रथा जिसमें कर्मचारियों के जान से खेला जाता है। एक उदाहरण

भाजपा सरकार के प्लेसेमेंट या आउट सोर्सिग प्रथा जिसमें कर्मचारियों के जान से खेला जाता है। एक उदाहरण

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छत्तीसगढ के गरियाबंद जिले में एक विघुत कर्मचारी के डियूटी के दौरान करेंट लगने से दर्दनाक मौत हो गई। आउट सोर्सिग के माध्यम से काम करता था। प्लेसेमेंट प्रथा या आउट सोर्सिग के माध्यम से इतना जोखिम भरा काम करना कहां तक उचित है आज हम आपको बताना चाहेगें। कर्मचारी जो कि अकेले ही विधुत खम्भे पर चढ्र काम करने लगा जिसके दौरान उसकी मृत्यु हो गई। विभाग के द्वारा अकेले ही एक प्लेसेमेंट प्रथा या आउट सोर्सिग के कर्मचारी को इतना जोखिम भरा कार्य हेतु भेज दिया गया था। आज आपको बताना चाहेगे की प्लेसेमेंट प्रथा या आउट सोर्सिग द्वारा किस तरह कर्मचारियों से कार्य कराया जाता है। और इससे किसको क्या लाभ होता है।

प्लेसेमेंट प्रथा या आउट सोर्सिग भाजपा सरकार द्वारा यह योजना 2007 से लागू किया गया। कई गरीब परिवार का बेरोजगार जो अपने घर परिवार के पालन पोेषण के लिए भाजपा सरकार द्वारा बनाये गये प्लेसेमेंट प्रथा या आउट सोर्सिग के माध्यम से काम लंेने कि प्रथा भाजपा सरकार द्वारा बनाया गया था। जिसमें श्रमिक को किसी भी प्रकार के जोखिमभरे कार्य या योग्यता पूर्ण बेरोजगारो से मात्र 5000 से 7000 हजार रूपये महीने में वेतन देकर कार्य कराया जाता है। जिसमें कोई भी जोखिम भरा काम हो। कोई भी योग्य बेरोजगार कर सकता है बिजली से संबंधित हो या फिर नाला नाली के साफ सफाई से संबंधित हो जिसमें कर्मचारी कुछ पैसो के लिए जोखिम भरा काम प्लेसेमेंट या आउट सोर्सिग कम्पनी कराती हैं। जो कि सरकार और विभाग के निर्देश पर कर्मचारी को रखती है और किसी भी वजह से किसी भी वक्त निकाल सकती है। जिसमें कर्मचरियों का प्रतिमाह वेतन भूगतान का निश्चित नही रहता प्लेसेमेंट या आउट सोर्सिग कम्पनी अपने इच्छा से भूगतान करती है। भाजपा सरकार की यह योजना लागू करने का मकसद था कि कम पैसे में अधिक लोगो को रोजगार देना और जनता का वाह वाही लूटना।
भाजपा सरकार के द्वारा लागू करने का मुख्य ल़क्ष्य था। कम बजट में अधिक से अधिक लोेगो को रोजगाार दिया जा सकेे। और उनका शोषण किया जा सके। पूरे छत्तीसगढ्र प्रदेश में भाजपा सरकार द्वारा कम बजट में इतने अधिक लोगो की नियुक्त किया गया। जिसकी काई गिनती नही है। भाजपा सरकार 15 वर्ष कार्य कराने के दौरान न ही इन्हे नियमित किया गया। बल्कि उनको नजर अदांज कर बाहरी लोगो कि नियुक्ति की गई।
भाजपा सरकार द्वारा यह योजना लागू करने से केवल प्लेसेमेंट या आउट सोर्सिग कम्पनी को लाभ हो रहा है क्योकी इस कार्य हेतु प्लेसेमेंट या आउट सोर्सिग कम्पनी को अलग से 25 प्रतिशत तक का कमीशन दिया जाता है। प्लेसेमेंट या आउट सोर्सिग कम्पनी में नियुक्ति हेतु अलग से राशि लिया जाता है। कर्मचारियों को प्लेसेमेंट या आउट सोर्सिग कम्पनी से वेतन के अलावा और किसी भी प्रकार का लाभ नही होता है। कर्मचारी भगवान भरोसे कार्य करता है। भाजपा सरकार द्वारा प्लेसेमेंट या आउट सोर्सिग कम्पनी को केवल कमिशन देने के लिए रखा जाता था। यह बात समक्ष नही आती कि इन कम्पनीयों के कमिशन देने से क्या फायदा होता वही पैसा प्लेसेमेंट या आउट सोर्सिग कम्पनी के द्वारा भुगतान न कर विभाग के द्वारा सीधा कर्मचारी के खाते में जाता तो क्या वह पैसा जो प्लेसेमेंट या आउट सोर्सिग कम्पनी को जो अतिरिक्त पैसा कमीशन के रूप में दिया जाता है वह पैसा कर्मचारी के दुख के समय दिया जाता तो क्या होता पर भाजपा सरकार पास इतनी समक्ष नही थी। जिसके कारण आज लाखों कर्मचारियो के परेशानियों के सामना करना पडता हैं। भाजपा सरकार ने अपने लाभ के लिए लाखों कर्मचारियों केे भविष्य से खेला जिसका एक उदाहरण है। गरियाबंद जिले में एक विघुत कर्मचारी के डियूटी के दौरान करेंट लगने से मौत हो। जिसे न तो विभाग के द्वारा और न ही प्लेसेमेंट या आउट सोर्सिग कम्पनी के द्वारा उसके परिवार को दुख के समय काई सहयोग नही मिल पाया।
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Ashish Sinha

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