
ईडी की कार्रवाई पर सचिन पायलट का बड़ा हमला: “भाजपा लोकतंत्र के लिए खतरा, विपक्ष की आवाज दबाने की साजिश!”
ईडी की कार्रवाई पर सचिन पायलट का बड़ा हमला: “भाजपा लोकतंत्र के लिए खतरा, विपक्ष की आवाज दबाने की साजिश!”
नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) जैसी एजेंसियों के कथित दुरुपयोग को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भाजपा सरकार पर कड़ा प्रहार किया है।
उन्होंने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ ईडी की छापेमारी को राजनीतिक प्रतिशोध करार देते हुए कहा कि भाजपा विपक्ष को डराने-धमकाने की नीति पर काम कर रही है। सचिन पायलट ने इस पूरी कार्रवाई को “लोकतंत्र के लिए खतरा” बताया और साफ शब्दों में कहा कि कांग्रेसजन इससे डरने वाले नहीं हैं, बल्कि न्याय की लड़ाई में हर संघर्ष के लिए तैयार हैं।
ईडी, सीबीआई का राजनीतिक हथियार बनाना लोकतंत्र के लिए घातक: सचिन पायलट
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि “भाजपा सत्ता के दुरुपयोग की सभी हदें पार कर चुकी है। विपक्षी नेताओं को डराने और उनकी छवि खराब करने के लिए सरकारी एजेंसियों का बेजा इस्तेमाल किया जा रहा है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग जैसी संस्थाओं को लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बाधित करने के लिए इस्तेमाल कर रही है। भाजपा के इस रवैये ने भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों को खतरे में डाल दिया है।
भूपेश बघेल के खिलाफ ईडी की कार्रवाई: क्या है पूरा मामला?
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाल ही में छापेमारी और पूछताछ की कार्रवाई की है। यह मामला कथित कोयला घोटाले और भ्रष्टाचार से जुड़ा बताया जा रहा है।
भूपेश बघेल ने पहले ही आरोप लगाया था कि चुनावी साल में उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत फंसाने की कोशिश की जा रही है। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा अपने विरोधियों के खिलाफ झूठे मामलों का सहारा लेकर उन्हें कमजोर करने की कोशिश कर रही है।
“विपक्ष की आवाज दबाने की रणनीति अब पैटर्न बन चुकी है”
सचिन पायलट ने अपने बयान में कहा कि “भाजपा का विपक्ष को कुचलने का रवैया अब एक सुनियोजित पैटर्न का रूप ले चुका है।” उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार चुनावी फायदे के लिए जांच एजेंसियों का खुलेआम दुरुपयोग कर रही है।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि “लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। लेकिन भाजपा लोकतांत्रिक मूल्यों को खत्म करने पर तुली हुई है।”
ईडी, सीबीआई सिर्फ विपक्ष के पीछे क्यों? भाजपा के भ्रष्टाचार पर चुप्पी क्यों?
सचिन पायलट ने सवाल उठाया कि भाजपा शासित राज्यों में हो रहे घोटालों पर केंद्र सरकार चुप क्यों है?
उन्होंने कहा, “कर्नाटक में 40% कमीशन सरकार के आरोप लगे, लेकिन कोई जांच नहीं हुई। मध्य प्रदेश में व्यापमं घोटाले में सैकड़ों युवा ठगे गए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।” उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि “ईडी और सीबीआई सिर्फ वहीं काम करती हैं, जहां भाजपा को राजनीतिक फायदा मिलता है।”
“कांग्रेसजन डरने वाले नहीं, हम हर संघर्ष के लिए तैयार”
सचिन पायलट ने अपने बयान के अंत में कहा कि कांग्रेस नेता किसी भी हाल में सत्य की लड़ाई से पीछे नहीं हटेंगे।
उन्होंने कहा, “हमारे ऊपर कितनी भी जांचे बैठा दी जाएं, कांग्रेसजन किसी भी डराने-धमकाने की राजनीति से डरने वाले नहीं हैं। यह लड़ाई सत्य और न्याय की है, और हम इसे हर हाल में जारी रखेंगे।”
राजनीतिक विश्लेषण: क्या ईडी-सीबीआई सिर्फ राजनीतिक औजार बन गए हैं?
विशेषज्ञों का मानना है कि पिछले कुछ वर्षों में केंद्रीय जांच एजेंसियों की निष्पक्षता पर सवाल उठे हैं। विपक्षी दलों का कहना है कि ये संस्थाएं अब कानून की रक्षा करने के बजाय सत्ताधारी दल के राजनीतिक एजेंडे को पूरा करने का माध्यम बन गई हैं।
कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने बार-बार यह सवाल उठाया है कि “अगर जांच एजेंसियां निष्पक्ष होतीं, तो भाजपा नेताओं पर भी इसी तरह की जांच होती। लेकिन सच्चाई यह है कि भाजपा के नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती, जबकि विपक्षी नेताओं को लगातार निशाना बनाया जाता है।”
भाजपा और कांग्रेस के बीच यह राजनीतिक टकराव आगे भी जारी रहने की संभावना है। विपक्षी दलों के नेताओं पर जांच एजेंसियों की कार्रवाई के चलते राजनीतिक तनाव और बढ़ सकता है।
कांग्रेस नेता सचिन पायलट का यह बयान कांग्रेस के रुख को स्पष्ट करता है कि वह सरकार की जांच एजेंसियों के दुरुपयोग के खिलाफ मुखर होकर खड़ी रहेगी।
अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा के बीच सियासी संग्राम क्या मोड़ लेता है।