
भाजपा राज में स्वास्थ्य सुविधाएं लचर, सरगुजाऔर बस्तर में आदिवासी मलेरिया, डायरिया से मर रहे!
भाजपा राज में स्वास्थ्य सुविधाएं लचर, सरगुजाऔर बस्तर में आदिवासी मलेरिया, डायरिया से मर रहे!
बिगड़ती कानून व्यवस्था के खिलाफ कांग्रेस 24 को करेगी विधानसभा का घेराव
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि साय सरकार भी आम आदमी को शुद्ध पेयजल और छोटी-छोटी बीमारियां भी नहीं दे पा रही है। वनांचलों में मलेरिया और डायरिया जैसी आम बीमारियों से भी मौतें होती हैं। 7 महीने में भाजपा सरकार ने छत्तीसगढ़ की जनता को बर्बाद कर दिया है। प्रदेश में बस्तर, सरगुजा, जशपुर, कवर्धा सहित कई जिलों में लगभग 11000 लोग डायरिया से पीड़ित हैं और 22,000 से अधिक लोग मलेरिया से पीड़ित हैं। आदिवासी क्षेत्रों में पिछले 10 दिनों में 10 से अधिक मौतें डायरिया से हुईं और 12 मौतें मलेरिया से हुईं। बिलासपुर के टेगन माड़ा उपस्वास्थ्य केंद्रों में दो सगे भाई मर गए, बीजापुर के पोटाकेबिन में मलेरिया से दो बच्चे मर गए।कांकेर जिले में भी एक स्कूली छात्रा की मौत मलेरिया से हो गयी है।
जशपुर में दो बच्चों और कवर्धा के चिल्फी में एक संरक्षित जनजाति बैगा परिवार के पांच लोगों की मौत हो गई। बिलासपुर जिले में दो भाइयों की मौत, गरियाबंद जिले के मैनपुर के कुल्हाड़ी घाट शोभा में एक बच्ची की मौत, गोना क्षेत्र में मलेरिया का कहर जारी है।
यह डबल इंजन सरकार है 2024 में भी मलेरिया और डायरिया से अधिक लोग मरेंगे। राज्य सरकार की लापरवाही के कारण लोगों को सामान्य चिकित्सा भी नहीं मिल रही है।हाई कोर्ट ने भी मलेरिया और डायरिया से होने वाली मौतों को गंभीरता से लिया है। हाई कोर्ट ने मलेरिया और डायरिया की लगातार बढ़ती मौतों पर ध्यान दिया और राज्य सरकार को नोटिस दिया। सरकार को शर्म आती है। सरकार मलेरिया और डायरिया से होने वाले मृत्यु दरों को कम करने में लगी है। 2018 में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी थी और भाजपा के 15 साल के कुशासन का अंत हुआ था
उस समय छत्तीसगढ़ में मलेरिया संक्रमण दर 5.63 प्रतिशत था, लेकिन पांच वर्षों के दौरान कांग्रेस सरकार ने मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम को बेहतर ढंग से लागू किया, जिससे यह दर घटकर 0.99 प्रतिशत रह गई। मलेरिया संक्रमण की दर दस गुना घटी। छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद साय सरकार की लापरवाही और अकर्मण्यता के चलते सात महीने में मलेरिया संक्रमण की दर पुनः तेजी से बढ़ने लगी है। कांग्रेस सरकार ने हाट बाजार क्लिनिकों और मेडिकेटेड मच्छरदानियों को बस्तर, सरगुजा, कवर्धा और जशपुर के आदिवासी क्षेत्रों में मलेरिया और डायरिया से मौतों को कम किया था। छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं की हालत भयावह हो गई है, न सिर्फ वनांचल में बल्कि शहरों में भी स्थिति ठीक नहीं लोग मलेरिया, डायरिया जैसी सामान्य बीमारी से मर रहे है।
छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनते ही लोग फिर से नक्सलवाद, एनीमिया, मलेरिया और कुपोषण से मर रहे हैं। इलाज के लिए लोग भटक रहे हैं, अस्पतालों में दवाई नहीं है, सामान्य जांच नहीं है। मेडिकेट मच्छरदानी केवल कागजों पर दी जाती हैं। मच्छरदानी पर भी भ्रष्टाचार कर रहे है।गांव मलेरिया से प्रभावित हैं। मच्छरदानी नहीं दी जाती है। स्वास्थ्य मंत्री जी, पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने हाट बाजार क्लिनिक खोले क्यों? सरकार की स्थापना के बाद से स्वास्थ्य सुधार लगभग ठप्प हो गया है। 50 करोड़ रुपये की मशीन रायपुर के मेकाहारा अस्पताल में बंद पड़ी है। यह जशपुर से लेकर रायपुर, बिलासपुर और बीजापुर तक है।2018 के पहले भी प्रदेश में भाजपा की रमन सरकार में कानून व्यवस्था और स्वास्थ्य सुविधाओं में अराजकता थी। अवैध कारोबार, भू-माफिया, रेत माफिया, गांजा तस्कर, ड्रग्स तस्कर और मानव तस्करी ने सबसे बढ़िया प्रदर्शन किया। आज फिर से वही स्थिति बन गई है। साय सरकार ने सिर्फ सात महीने में कांग्रेस सरकार की मजबूत कानून व्यवस्था को समाप्त कर दिया है। गृहमंत्री केवल बाहर से बोलते हैं, कानून नहीं है। अवैध वसूली शुरू हो गई है। 24 जुलाई को कांग्रेस विधानसभा का घेराव करेगी, जो सरकार को बदतर कानून व्यवस्था के खिलाफ जागृत करेगा। हजारों कांग्रेसी 24 जुलाई को विधानसभा घेराव करने के लिए तैयार हैं। हमारा विधानसभा घेराव शांतिपूर्ण और आक्रमक होगा। यह आंदोलन जनता की जान माल की रक्षा के लिये भाजपा की निकम्मी सरकार के प्रति आम आदमी का प्रतिकार होगा।