
गर्मी, लू एवं तपीस की मात देने के लिए नारियल पानी की मांग आने जाने वाले राहगीरों की पहली पसंद बनती जा रही
गर्मी, लू एवं तपीस की मात देने के लिए नारियल पानी की मांग आने जाने वाले राहगीरों की पहली पसंद बनती जा रही
गर्मी, लू एवं तपीस की मात देने के लिए नारियल पानी राष्ट्रीय राजमार्ग 43 पर स्थित ग्राम अजबनगर मे नारियल पानी की मांग आने जाने वाले राहगीरों की पहली पसंद बनती जा रही
गोपाल सिंह विद्रोही //प्रदेश खबर प्रमुख// छत्तीसगढ़//जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय राजमार्ग 43 पर सड़क सड़क किनारे जगह-जगह कई नारियल पानी की दुकानें सज गई है जिसे देख कर अंदाजा लगाना आसान हो जाता है कि देशी पेय पदार्थ नारियल पानी की मांग कितनी है।
राष्ट्रीय राजमार्ग 43 विश्रामपुर अंबिकापुर के मध्य स्थित ग्राम सिलफिली से लेकर अजबनगर, रविंद्र नगर जो इस मार्ग के किनारे बसा हुआ है यहां के लोग नारियल पानी ,खजूर रस ,बिक्री का अपना मुख्य व्यवसाय बन चुके हैं या यू कहे कि इन ग्रामों की पहचान खजूर रस (ताड़ी) एवं नारियल पानी का व्यवसाय करना बन चुका है । यहां के लोगो का आजीविका का मुख्य साधन नारियल पानी,खजूर रस का विक्री करना बना चुका है। जगह-जगह नारियल पानी की दुकानें सजी-धजी लगी है, दुकाने देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि यह पूरा इलाका नारियल की खेती व्यापक पैमाने पर कर रहा है परंतु ऐसा कुछ भी नहीं। पेप्सी, कोकोकोला ,थम्स अप, मिरिंडा विदेशी पेय पदार्थ को टक्कर देशी पेय पदार्थ खजूर का रस एवं नारियल पानी जबरदस्त टक्कर दे रहा है ।आने जाने वाले राहगीर जो इस मार्ग से गुजरते है उनका पहला पसंद है नारियल पानी तथा दूसरे स्थान पर खजूर का रस होता । लोग अपने परिवार के साथ बेझिझक खजूर एवं नारियल पानी का आनंद उठाते हुए नजर आ जाएंगे।इस संबंध में अभय ढाबा के संचालक सुखदेव विश्वास ,अभय विश्वास बताते हैं कि हमारे पास नारियल पानी की कई वैराइटीज उपलब्ध है। जैसा ग्राहक ऐसा नारियल पानी । इनका कहना है कि नारियल पानी की डिमांड अन्य पेय पदार्थो से ज्यादा है ,हमारे यहां उड़ीसा, आंध्र प्रदेश ,राउरकेला, अमरकंटक आदि स्थानों से नारियल मंगाया जाता है इन्होंने बताया कि स्थानीय नारियल का उत्पादन है परंतु उसमें बाहरी नारियल से कम मलाई निकलता है। बाहर प्रदेशों से मंगाए गए नारियल में पानी के साथ-साथ मलाई भी पर्याप्त निकलता है, जिसे ग्राहक अपना प्यास बुझातेने के साथ साथ मलाई का आनद भी उठाते है। नारियल पानी बाद दूसरे नंबर पर खजूर रस( ताड़ी) का नंबर आता है खजूर रस । खजूर रस का भी कई प्रकार है, सुबह खजूर की वृक्ष से उतारा गया रस मीठा एवं गुणकारी एवं लाभकारी है जबकि बासी खजूर रस जिन्हें लोग ताड़ी के रूप में जानते हैं वह खट्टी छाछ की तरह स्वाद एवं हल्का-हल्का नशा प्रदान करता। ताज खजुरा रस एवं वासी खजूर रस गर्मी में विदेशी पेय पदार्थ से ज्यादा मांग रहती है । उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 43 सिलफिली से लेकर आजब नगर तक सड़क के दोनों किनारे नारियल पानी एवं खजूर रस कि कई दुकानें है जिसे देख ऐसा प्रतीत होता है कि नारियल पानी एवं खजूर रस का गढ़ है जबकि ऐसा नहीं है ,केवल यहां खजूर रस ही पर्याप्त मात्रा में उत्पादित होता है जबकि नारियल पानी कई प्रदेशों से मंगाया जाता है। यह शुभ संकेत है कि लोग विदेशी जहरीले पेय पदार्थ से हट कर देशी पेय पदार्थ जैसे नारियल पानी खजूर रस ,ताड़ी, दही , छांछ ,सत्तू जैसे गुणकारी पदार्थ की ओर अग्रसर हो रहे हैं ।












