छत्तीसगढ़ताजा ख़बरेंब्रेकिंग न्यूज़राजनीतिराज्यरायपुर

भाजपा का घर-घर तिरंगा अभियान प्रायश्चित के लिये – कांग्रेस

भाजपा का घर-घर तिरंगा अभियान प्रायश्चित के लिये – कांग्रेस

a41ad136-ab8e-4a7d-bf81-1a6289a5f83f
ea5259c3-fb22-4da0-b043-71ce01a6842e

आजादी के बाद 52 वर्षों तक संघ मुख्यालय में तिरंगा नहीं फहराया गया था

तिरंगा कांग्रेस के लिये स्वाभिमान का प्रतीक, भाजपा के लिये राजनीति का जरिया

रायपुर/भाजपा की घर-घर तिरंगा अभियान नई राजनैतिक नौटंकी है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि आजादी के बाद 52 वर्षों तक आरएसएस के मुख्यालय नागपुर में तिरंगा नहीं फहराया गया था। आज भाजपाई देश भक्ति का ढोंग करने घर-घर तिरंगा अभियान चला रहे है। अपने पूर्वजों के पापों का प्रायश्चित करने भाजपाई तिरंगा अभियान की नौटंकी कर रहे है। भाजपा द्वारा आजादी की 77वीं वर्षगांठ पर हर घर तिरंगा का अभियान स्वतंत्रता आंदोलन में भाजपा के काले इतिहास में पर्दा डालने की कोशिश मात्र है। कांग्रेस पार्टी के लिये तिरंगा स्वाभिमान का प्रतीक है, इसीलिये झंडे के तले कांग्रेस ने देश की आजादी की लड़ाई लड़ा था तथा देश को आजाद कराया। कांग्रेस ने 1929 में लाहौर अधिवेशन के समय रावी नदी के किनारे तिरंगा फहराया और पूर्ण स्वराज का नारा दिया था, उसके बाद से हर साल 26 जनवरी को तिरंगा फहराया जाने लगा। आजादी की 77वीं वर्षगांठ पर देश भक्ति का जलसा निकालने की नौटंकी करने वालों के पूर्वज स्वतंत्रता संग्राम के समय अंग्रेजों के पैरोकार की भूमिका में खड़े थे।

mantr
96f7b88c-5c3d-4301-83e9-aa4e159339e2 (1)

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि देश की आन-बान-शान का प्रतीक रहे तिरंगा को भाजपा ने पितृ पुरुष गोलवलकर ने देश के लिये अपशगुन बताया था। तिरंगे के प्रति सम्मान का आडंबर कर रही भाजपा के आदर्श गोलवलकर ने अपनी पुस्तक बंच ऑफ थॉट्स में तिरंगा को राष्ट्रीय ध्वज मानने से ही मना कर दिया था। इस पुस्तक में उन्होंने लोकतंत्र और समाजवाद को गलत बताते हुए संविधान को एक जहरीला बीज बताया था। 14 अगस्त 1947 को आरएसएस के मुखपत्र द आर्गेनाइजर में लिखा था “तीन शब्द ही अशुभ है, तीन रंगो वाला झण्डा निश्चित तौर पर बुरा मनोवैज्ञानिक प्रभाव पैदा करेगा और देश के लिये हानिकारक साबित होगा।” 30 जनवरी 1948 को जब महात्मा गाँधी की हत्या कर दी गयी तो अखबारों के माध्यम से खबरें आई थीं कि आरएसएस के लोग तिरंगे झंडे को पैरों से रौंदकर खुशी मना रहे थे। आज़ादी के संग्राम में शामिल लोगों को आरएसएस की इस हरकत से बहुत तकलीफ हुई थी। जवाहरलाल नेहरू जी ने 24 फरवरी 1948 को अपने एक भाषण में इस घटना को लेकर कड़ा विरोध जताया था और ऐसा करने वालों को देशद्रोही बताया था। आजादी के बाद 52 सालों तक आरएसएस के मुख्यालय नागपुर में तिरंगा नहीं फहराया जाता था। 2001 में तीन युवको ने आरएसएस मुख्यालय पर तिरंगा फहराने का प्रयास किया था, जिनके खिलाफ संघियो में एफआईआर दर्ज करवायी, 2013 तक मुकदमा चलने के बाद वे युवक बरी हुये। आजादी के अमृत महोत्सव के नाम पर राष्ट्रभक्ति की नौटंकी करने वाले भाजपाई आजादी की लड़ाई में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को विरोध करते थे।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा के पितृ संगठन आरएसएस के मूलस्वरूप हिन्दू महासभा का गठन 1925 में हुआ, देश आजाद 1947 में हुआ इन 22 सालों तक भारत के आजादी की लड़ाई में हिन्दू महासभा का क्या योगदान था? भाजपाई बता नहीं सकते। 1947 में जब देश आजाद हुआ तब दीनदयाल उपाध्याय 32 वर्ष के परिपक्व नौजवान थे, देश की आजादी की लड़ाई में उनका क्या योगदान था? कितनी बार जेल गये? 1942 में कांग्रेस महात्मा गांधी की अगुवाई में भारत छोड़ो आंदोलन चला रही थी, तब भाजपा के पितृ पुरुष श्यामा प्रसाद मुखर्जी अंग्रेजी हूकूमत को सलाह दे रहे थे कि भारत छोड़ो आंदोलन को क्रूरतापूर्वक दमन किया जाना चाहिये। अंग्रेजो के इशारे पर मुस्लिम लीग के साथ मिलकर बंगाल में अंतरिम सरकार बनाये। ऐसी विचार धारा वाली भाजपा की तिरंगा यात्रा निकालना केवल राजनैतिक ढोंग है।

Ashish Sinha

8d301e24-97a9-47aa-8f58-7fd7a1dfb1c6 (2)
e0c3a8bf-750d-4709-abcd-75615677327f

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!