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मवेशियों को जानबुझकर सड़कों में छोड़ने वालों के खिलाफ होगी कार्यवाही

मवेशियों को जानबुझकर सड़कों में छोड़ने वालों के खिलाफ होगी कार्यवाही

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पशुओं को खुले में न छोड़ने ग्रामीणों को बैठक में दी जायेगी समझाईश

आवारा एवं पालतु पशुओं को अलग-अलग रंगों से किया जायेगा टैगिंग

कलेक्टर अग्रवाल ने घुमंतु पशुओं के रोकथाम के लिए गठित समिति की बैठक में दिये निर्देश

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गरियाबंद//कलेक्टर दीपक अग्रवाल ने आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में सड़कों में घुमंतु पशुओं के कारण होने वाले सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए महत्वपूर्ण बैठक ली। बैठक में आवारा पशुओं के नियंत्रण के लिए बनाये गये संयुक्त दल के सदस्यगण शामिल हुए। कलेक्टर ने बैठक में कहा कि पशुओं के कारण होने वाले सड़क दुर्घटनाओं से बचाव के लिए पशुओं को सड़कों को हटाने विशेष अभियान चलाया जाए। जानबुझकर अपने मवेशियों को सड़कों में आवारा घुमने के लिए छोड़ने वाले पशु मालिकों पर भी कार्यवाही किया जाए। उन्होंने कहा कि नगरीय निकाय एवं ग्राम पंचायत में जाकर आमजनों तथा पशुपालकों की बैठक लेकर उन्हें आवारा एवं पालतु पशुओं के कारण होने वाली दुर्घटनाओं के संबंध में जानकारी देकर अवगत कराएं। पशुओं को सड़क पर नहीं छोड़ने के संबंध में जागरूक करें। साथ ही किसी पशु मालिक द्वारा उक्त आदेश का पालन नहीं किये जाने पर वैधानिक कार्यवाही के संबंध में भी अवगत कराएं। कलेक्टर ने निर्देशित करते हुए पशु नियंत्रण दल के सदस्यों को कहा कि पंचायतवार पशु पालकों को सूचीबद्ध करें। साथ ही आवारा पशुओं को चिन्हांकित कर सूचीबद्ध करें। उन्होंने पशुपालन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि पशुओं के सींगों में रेडियम कलर लगाये ताकि आवारा एवं पालतू पशुओं का चिन्हांकन किया जा सके। साथ ही पालतु पशुओं के सींग में पीला रंग एवं आवारा पशुओं में लाल रंग का टैग लगाये। इस दौरान बैठक में पशुपालन विभाग, परिवहन विभाग, पीडब्ल्यूडी, एनएच के अधिकारियों सहित पशु नियंत्रण हेतु गठित संयुक्त दल के सदस्यगण मौजूद रहे।
कलेक्टर अग्रवाल ने बैठक में कहा कि सड़क किनारे या आसपास किसी शासकीय सूखा स्थल का चिन्हांकन करें, जहां पर पशुओं को रखने की आवश्यक व्यवस्था की जा सकें। इस कार्य हेतु संबंधित नगरीय निकाय, ग्राम पंचायतों में कार्यरत सामाजिक संगठन, स्वयंसेवी संगठन, एनजीओ आदि का सहयोग भी लिया जायें। आवारा पशुओं को गौशाला में स्थानांतरित किये जाने हेतु गौशाला प्रमुखों से बातचीत कर आवश्यक कार्यवाही किया जायें। प्रत्येक नगरीय निकाय व ग्राम पंचायत में एसओपी तैयार करें, जो सड़कों में पशुओ के दिखने, मिलने की सूचना पर तत्काल कार्यवाही कर सकें। उन्होंने जिला परिवहन अधिकारी को हेल्पलाईन नंबर जारी करने एवं मॉनिटरिंग एप्प का भी निर्माण करने के निर्देश दिए। जिससे कि आवारा पशुओं के संबंध में सूचना मिल सकें एवं तत्काल कार्यवाही की जा सकें। कलेक्टर ने सड़कों को आवारा पशुओं को हटाने के लिए सड़कों में अत्यधिक मवेशी जमाव वाले स्थलों का चिन्हांकन कर विभागों को संयुक्त रूप से सक्रियतापूर्वक कार्यवाही करने के निर्देश दिये।

Ashish Sinha

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