
दूसरे भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी का समापन भाषण
दूसरे भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी का समापन भाषण
महामहिम,
मैं आप सभी द्वारा दिए गए बहुमूल्य सुझावों और व्यक्त किए गए सकारात्मक विचारों का स्वागत करता हूँ। भारत के प्रस्तावों के संबंध में, मेरी टीम आपके साथ सभी विवरण साझा करेगी, और हम सभी विषयों पर समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ेंगे।
महामहिम,
भारत और कैरिकॉम देशों के बीच संबंध हमारे साझा अतीत के अनुभवों, हमारी साझा वर्तमान जरूरतों और भविष्य के लिए हमारी साझा आकांक्षाओं पर आधारित हैं।
भारत इन संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। अपने सभी प्रयासों में, हमने वैश्विक दक्षिण की चिंताओं और उसकी प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित किया है।
भारत की अध्यक्षता में, पिछले वर्ष, जी-20 वैश्विक दक्षिण की आवाज के रूप में उभरा। कल, ब्राजील में भी, मैंने वैश्विक समुदाय से वैश्विक दक्षिण के देशों को प्राथमिकता देने का आह्वान किया।
मुझे खुशी है कि भारत और हमारे सभी कैरिकॉम मित्र इस बात पर सहमत हैं कि वैश्विक संस्थानों में सुधार आवश्यक हैं।
उन्हें आज की दुनिया और आज के समाज के हिसाब से खुद को ढालने की जरूरत है। यह समय की मांग है। इसे हकीकत बनाने के लिए कैरीकॉम के साथ घनिष्ठ सहयोग और कैरीकॉम का समर्थन बहुत जरूरी है।
महामहिम,
आज हमारी बैठक में लिए गए फैसले हर क्षेत्र में हमारे सहयोग को नए आयाम देंगे। इन्हें लागू करने में भारत-कैरीकॉम संयुक्त आयोग और संयुक्त कार्य समूहों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
हमारे सकारात्मक सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए, मैं प्रस्ताव करता हूं कि तीसरा कैरीकॉम शिखर सम्मेलन भारत में आयोजित किया जाए।
एक बार फिर, मैं राष्ट्रपति इरफान अली, प्रधानमंत्री डिकॉन मिशेल, कैरीकॉम सचिवालय और आप सभी के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं।