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ग्रीन केयर की मांग; गिधवा परसदा पक्षी अभ्यारण्य को रामसर साइट में शामिल करें

दुर्ग। पक्षी हमारे पारिस्थितिकी के महत्वपूर्ण अंग हैं । पक्षियों का स्वस्थ एवम सुरक्षित रहना हमारे जीवन चक्र के लिए आवश्यक हैं । पक्षियों की अनेक प्रजातियां विलुप्त हो चुकी हैं । प्रवासी पक्षियों का भी पारिस्थितिकी में बहुत बड़ा योगदान है। इनके संरक्षण एवम महत्व को बताने के लिए प्रतिवर्ष मई एवम अक्टूबर में प्रवासी पक्षी दिवस मनाया जाता है । हमारे देश में यूरोप ,मंगोलिया ,उत्तरी चीन, दक्षिण रूस, साइबेरिया, उत्तरी अमेरिका, आस्ट्रेलिया, आफ्रीका ,इंडोनेशिया ,ईरान , म्यांमार ,थाईलैंड ,एवम अन्य देशों से 240 से अधिक प्रजाति के प्रवासी पक्षी आते हैं । इनका संरक्षण बहुत जरूरी है ।

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विश्व प्रवासी पक्षी दिवस पर गिद्धवा परसदा का भ्रमण कर इस कड़ी मे ग्रीन केयर सोसायटी इंडिया ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवम वन मंत्री मोहम्मद अकबर से पुनः मांग की है कि दुर्ग वन मंडल अंतर्गत बेमेतरा जिले के गिद्धवा – परसदा बर्ड सेंचुरी को रामसर साइट में शामिल करें। ग्रीन केयर अध्यक्ष डॉ विश्वनाथ पाणिग्राही एवम संस्था के डायरेक्टर एवम सी ओ ओ अमूजूरी विश्वनाथ ने विश्व प्रवासी पक्षी दिवस के परिप्रेक्ष्य में गिद्धवा – परसदा का भ्रमण कर संयुक्त विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि गिद्धवा परसदा पक्षी अभ्यारण्य में वह सभी संभावनाएं मौजूद हैं जो रामसर साइट की अंतरराष्ट्रीय मापदंडों को भी पूरा करता है । वन विभाग द्वारा जनता के साथ हर वर्ष पक्षी उत्सव मनाया जाता है ।यहां की जनता भी पक्षी प्रेमी हैं। प्रवासी पक्षियों को अतिथि मानते है तथा इनका संरक्षण करते हैं । ग्रामवासी यह नारा भी बुलंद करते हैं।

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” हमर चिरई हमर चिंगारी
हमन करबो ओकर रखवारी ।

8 से 22 अक्टूबर के बीच हमारी संस्था ग्रीन केयर सोसायटी के सदस्य यहां आकर जन जागरूकता किए थे । डॉक्टर पाणिग्राही ने बताया कि हमारे छत्तीसगढ़ प्रदेश में 11 वेटलैंड साइट चिन्हित किए गए हैं लेकिन अभी तक एक भी साइट रामसर साइट में शामिल नहीं हो सका है । यह अवसर है मापदंडों के अनुरूप गिद्धवा परसदा को रामसर साइट में शामिल करने के लिए दावा प्रस्तुत करने का । साथ ही ग्राम गरियाबंद जिले के ग्राम लचकेरा जो बघनई नाला ,केचुवा नाला ,एवम सुखा नाला से घिरा है इस गांव में लाखों की संख्या में आते हैं वर्षाकाल में रहते हैं ,वंशवृद्धि पश्चात नवंबर महीने में वापस चले जाते हैं। अतः बघनई भी वेटलैंड सूची में दर्ज हो

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