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छत्तीसगढ़ में सस्ती होगी विदेशी शराब, सरकार ने अतिरिक्त आबकारी शुल्क हटाया

छत्तीसगढ़ में विदेशी मदिरा होगी सस्ती: आबकारी नीति 2025-26 में ‘अतिरिक्त आबकारी शुल्क’ समाप्त

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रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए नई आबकारी नीति जारी कर दी है, जिसमें विदेशी मदिरा को लेकर एक बड़ा फैसला लिया गया है। नीति के तहत अब विदेशी मदिरा (IMFL) पर लगाया जाने वाला ‘अतिरिक्त आबकारी शुल्क’ (Additional Excise Duty) समाप्त कर दिया गया है। यह शुल्क पहले छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन (CSMCL) द्वारा मदिरा खरीद मूल्य पर 9.5% लगाया जाता था, जिससे विदेशी मदिरा की कीमतें बढ़ जाती थीं। इस शुल्क को समाप्त करने से अब मध्यम और उच्च रेंज की विदेशी शराब सस्ती हो जाएगी और इसकी फुटकर कीमतों में 40 रुपये से लेकर 3000 रुपये प्रति बोतल तक की कमी आने की संभावना है।

सरकार का मानना है कि इस कदम से राज्य में अन्य प्रदेशों से अवैध रूप से शराब की तस्करी पर रोक लगेगी, क्योंकि अब शराब की कीमतें पड़ोसी राज्यों के बराबर या उनसे कम हो सकती हैं।

क्या है आबकारी नीति 2025-26 में बड़ा बदलाव?

प्रदेश सरकार ने विदेशी मदिरा को लेकर एक बड़ा आर्थिक सुधार किया है, जिससे प्रदेश में शराब उपभोक्ताओं और व्यापारियों दोनों को राहत मिलेगी। नई नीति में 9.5% अतिरिक्त आबकारी शुल्क समाप्त करने का निर्णय लिया गया है, जिससे कई ब्रांड्स की कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिलेगी। यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब राज्य सरकार शराब के अवैध कारोबार पर शिकंजा कसने और राजस्व बढ़ाने के लिए प्रयासरत है।

नई नीति के प्रभावी होने के बाद ब्रांड के अनुसार 40 रुपये से 3000 रुपये प्रति बोतल तक कीमतें कम हो सकती हैं। विशेष रूप से मीडियम और प्रीमियम कैटेगरी की शराब पर इसका सीधा असर दिखेगा।

कीमतों में कमी से सरकार को क्या होगा फायदा?

इस नीति के पीछे सरकार का उद्देश्य केवल उपभोक्ताओं को राहत देना नहीं है, बल्कि इसके माध्यम से शराब की अवैध तस्करी पर रोक लगाना, राज्य सरकार का राजस्व बढ़ाना और शराब बिक्री को नियंत्रित करना भी शामिल है।

1. अवैध तस्करी पर रोक – अभी तक पड़ोसी राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ में विदेशी शराब महंगी होने के कारण वहां से तस्करी की जाती थी। कीमतें कम होने से यह गतिविधि घटेगी।

2. राजस्व में वृद्धि – कीमतें कम होने से अधिक उपभोक्ता कानूनी रूप से शराब खरीदेंगे, जिससे सरकारी खजाने में ज्यादा पैसा आएगा।

3. संगठित शराब व्यापार को बढ़ावा – जब शराब की दरें नियंत्रण में रहेंगी, तो लोग अधिकृत दुकानों से ही खरीदेंगे और अवैध बिक्री कम होगी।

राज्य सरकार के लिए नया राजस्व मॉडल

छत्तीसगढ़ में शराब बिक्री से हर साल हजारों करोड़ का राजस्व आता है। नई आबकारी नीति से सरकार का अनुमान है कि विनियमित शराब बिक्री से न केवल तस्करी रुकेगी, बल्कि अधिकृत बिक्री बढ़ेगी, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।

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विशेषज्ञों का मानना है कि अतिरिक्त आबकारी शुल्क हटाने का फैसला सरकार की राजस्व नीति का हिस्सा है। पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने शराब की कीमतों को लेकर कई प्रयोग किए हैं, लेकिन इस बार सीधा राहत देने का निर्णय लिया गया है।

कौन-कौन से ब्रांड होंगे सस्ते?

नई नीति के लागू होने के बाद छत्तीसगढ़ में प्रमुख रूप से बिकने वाले मीडियम और प्रीमियम ब्रांड्स की कीमतों में उल्लेखनीय कमी आएगी। इनमें शामिल हैं:

मीडियम रेंज: Officers Choice, Royal Stag, Blenders Pride, Signature

प्रीमियम रेंज: Chivas Regal, Black Label, Red Label, Glenfiddich, Jack Daniel’s

इन ब्रांड्स की कीमतों में 40 रुपये से 3000 रुपये प्रति बोतल तक की कमी होने की संभावना है।

उपभोक्ताओं को क्या मिलेगा फायदा?

राज्य में शराब पीने वालों के लिए यह एक राहत भरी खबर है। पहले जहां हाई-एंड ब्रांड्स बहुत महंगे थे, अब वे अपेक्षाकृत सस्ते मिलेंगे। इससे अन्य राज्यों से शराब लाने की प्रवृत्ति भी कम होगी और लोग अधिकृत दुकानों से ही शराब खरीदने को प्राथमिकता देंगे।

आबकारी विभाग की प्रतिक्रिया

छत्तीसगढ़ आबकारी विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, “यह निर्णय राज्य में शराब बिक्री को संगठित और विनियमित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। अवैध तस्करी को रोकने के लिए सरकार ने यह नीति बनाई है, जिससे अधिकृत शराब विक्रेताओं को फायदा होगा और सरकार को भी अधिक राजस्व प्राप्त होगा।”

पड़ोसी राज्यों पर क्या पड़ेगा असर?

छत्तीसगढ़ में शराब की कीमतें कम होने से आसपास के राज्यों, जैसे मध्यप्रदेश, झारखंड, ओडिशा और महाराष्ट्र, में भी शराब व्यापार प्रभावित हो सकता है। अब छत्तीसगढ़ में शराब सस्ती होने के कारण वहां से शराब लाने की प्रवृत्ति कम होगी।

राजनीतिक समीकरण और सरकार का उद्देश्य

यह फैसला ऐसे समय में आया है जब राज्य सरकार को बढ़ते राजस्व घाटे और अवैध शराब बिक्री पर लगाम लगाने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। नई नीति का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह भी हो सकता है कि सरकार आगामी चुनावों को देखते हुए आम जनता को राहत देने के प्रयास कर रही है।

छत्तीसगढ़ की नई आबकारी नीति 2025-26 में विदेशी शराब पर से 9.5% अतिरिक्त आबकारी शुल्क हटाने का फैसला एक बड़ा बदलाव है। इससे विदेशी मदिरा की कीमतों में उल्लेखनीय कमी आएगी, जिससे अवैध तस्करी रुकेगी, सरकार का राजस्व बढ़ेगा और संगठित शराब बिक्री को बढ़ावा मिलेगा। उपभोक्ताओं के लिए यह निश्चित रूप से एक राहत भरी खबर है, जबकि सरकार इसे एक संतुलित आबकारी नीति के रूप में देख रही है। अब देखना यह होगा कि यह निर्णय वास्तविक रूप से कितना प्रभावी साबित होता है।

Ashish Sinha

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