
महासमुंद जिला जल अभावग्रस्त घोषित, बिना अनुमति नलकूप खनन पर रोक
महासमुंद जिला जल अभावग्रस्त घोषित, बिना अनुमति नलकूप खनन पर रोक
महासमुंद, 3 मार्च 2025 – आगामी गर्मी के मौसम में पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए महासमुंद जिले को जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित कर दिया गया है। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री विनय कुमार लंगेह ने छत्तीसगढ़ पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 (कमांक-3) 1987 की धारा 03 के तहत यह आदेश जारी किया है, जो तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।
नलकूप खनन पर प्रतिबंध, अनुमति अनिवार्य
अधिनियम की धारा 06 के अनुसार, जिले में अब बिना पूर्व अनुमति के कोई नया नलकूप खनन नहीं किया जा सकेगा। हालांकि, शासकीय, अर्द्धशासकीय एवं नगरीय निकायों को अपने क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति के लिए नलकूप खनन की अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी, लेकिन वे निर्धारित नियमों का पालन सुनिश्चित करेंगे।
प्राधिकृत अधिकारियों को दी गई जिम्मेदारी
जन सुविधा को ध्यान में रखते हुए, जिला प्रशासन ने नलकूप खनन की अनुमति प्रदान करने के लिए संबंधित अधिकारियों को प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त किया है। वे लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, नगरीय निकाय, एवं तहसील से रिपोर्ट प्राप्त कर नियमानुसार अनुमति प्रदान करेंगे।
🔹 महासमुंद नगर पालिका क्षेत्र – अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (एडीएम), महासमुंद
🔹 अनुविभाग महासमुंद (शहर को छोड़कर) – अनुविभागीय अधिकारी (रा.), महासमुंद
🔹 अनुविभाग बागबाहरा – अनुविभागीय अधिकारी (रा.), बागबाहरा
🔹 अनुविभाग पिथौरा – अनुविभागीय अधिकारी (रा.), पिथौरा
🔹 अनुविभाग बसना – अनुविभागीय अधिकारी (रा.), बसना
🔹 अनुविभाग सरायपाली – अनुविभागीय अधिकारी (रा.), सरायपाली
नियमों के उल्लंघन पर होगी सख्त कार्रवाई
बोरवेल खनन या मरम्मत का कार्य केवल पंजीकृत बोरवेल एजेंसी द्वारा ही किया जा सकेगा। यदि कोई व्यक्ति या एजेंसी नियमों का उल्लंघन करते हुए नलकूप खनन करते हुए पाई जाती है, तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
महासमुंद जिले में पेयजल संकट को रोकने के लिए यह आदेश महत्वपूर्ण साबित होगा। नागरिकों से अपील की गई है कि वे प्रशासन के नियमों का पालन करें और जल संरक्षण में अपनी भूमिका निभाएं।