
छत्तीसगढ़ में ईडी की कार्रवाई पर सियासी संग्राम: कांग्रेस ने बताया लोकतंत्र पर हमला, सड़कों पर संघर्ष की तैयारी
छत्तीसगढ़ में ईडी की कार्रवाई पर सियासी संग्राम: कांग्रेस ने बताया लोकतंत्र पर हमला, सड़कों पर संघर्ष की तैयारी
रायपुर, 10 मार्च 2025: छत्तीसगढ़ की राजनीति में उस समय नया मोड़ आ गया जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ कार्रवाई की। इसे लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए इस कार्रवाई को “लोकतंत्र की हत्या” करार दिया। इस विरोध की अगुवाई स्वयं राज्य के प्रथम पूर्व उपमुख्यमंत्री टी. एस. सिंहदेव कर रहे हैं, जिन्होंने इसे विपक्ष की आवाज़ दबाने का प्रयास बताया है और खुद को इस लड़ाई में सक्रिय रूप से शामिल किया है।
ईडी की कार्रवाई और कांग्रेस की प्रतिक्रिया
ईडी द्वारा की गई इस कार्रवाई पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। टी. एस. सिंहदेव ने अपने आधिकारिक बयान में इस कदम की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि यह भारतीय जनता पार्टी की बी-टीम के रूप में काम कर रही ईडी द्वारा विपक्षी नेताओं को टारगेट करने का एक उदाहरण है।
उन्होंने कहा, “यह केवल भूपेश बघेल पर हमला नहीं है, बल्कि पूरे लोकतांत्रिक ढांचे और जनता की आवाज़ पर हमला है। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे और इस अन्याय के खिलाफ पूरी मजबूती से खड़े रहेंगे।”
उन्होंने यह भी घोषणा की कि वे स्वयं भिलाई के लिए रवाना हो रहे हैं, जहां वे पार्टी कार्यकर्ताओं और जनता से संवाद करेंगे और विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे।
राजनीतिक मायने और संभावित असर
छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल और टी. एस. सिंहदेव के बीच मतभेद जगजाहिर रहे हैं। लेकिन इस मुद्दे पर दोनों नेताओं का एकजुट होना कांग्रेस के अंदर एक नई राजनीतिक एकता का संकेत दे सकता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ईडी की इस कार्रवाई को लेकर कांग्रेस इसे बड़ा राजनीतिक मुद्दा बना सकती है। वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक के अनुसार, “कांग्रेस इस मुद्दे को केंद्र सरकार की एजेंसियों के दुरुपयोग के रूप में पेश कर रही है। इससे पार्टी को विपक्ष के अन्य दलों का समर्थन भी मिल सकता है।”
क्या है मामला?
ईडी की कार्रवाई को लेकर आधिकारिक रूप से ज्यादा जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक यह मामला छत्तीसगढ़ में कथित वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है। भूपेश बघेल पहले भी कई बार केंद्र सरकार पर राजनीतिक दुर्भावना से एजेंसियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगा चुके हैं।
कांग्रेस की रणनीति
इस मुद्दे पर कांग्रेस ने बड़ा आंदोलन छेड़ने की योजना बनाई है। पार्टी के वरिष्ठ नेता रायपुर और अन्य शहरों में विरोध प्रदर्शन करने की रणनीति बना रहे हैं। कांग्रेस विधायकों और पदाधिकारियों की एक आपात बैठक बुलाई गई है, जिसमें आगामी रणनीति पर चर्चा होगी।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस ने कुछ प्रमुख कदम उठाने का निर्णय लिया है:
1. सड़क पर प्रदर्शन: कांग्रेस पूरे प्रदेश में प्रदर्शन करेगी और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करेगी।
2. कानूनी विकल्प: पार्टी कानूनी विकल्पों पर भी विचार कर रही है और इस कार्रवाई को चुनौती देने की संभावना है।
3. जनता से संवाद: कांग्रेस इस मुद्दे को जनता तक ले जाने की योजना बना रही है, ताकि इसे आगामी चुनावों में मुद्दा बनाया जा सके।
टी. एस. सिंहदेव की भूमिका
इस पूरे विवाद में टी. एस. सिंहदेव की भूमिका अहम हो गई है। लंबे समय तक भूपेश बघेल के साथ सत्ता-संघर्ष में रहे सिंहदेव अब खुलकर उनके समर्थन में खड़े नजर आ रहे हैं। यह बदलाव कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति के लिए भी महत्वपूर्ण है।
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि सिंहदेव का यह कदम भविष्य में उनकी पार्टी में बढ़ती भूमिका का संकेत दे सकता है। कांग्रेस कार्यकर्ता भी इसे एकजुटता के रूप में देख रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सियासी रणनीति
राज्य में कांग्रेस इस मुद्दे को भुनाने की पूरी कोशिश कर रही है। पार्टी इसे मोदी सरकार की “तानाशाही” और “लोकतंत्र विरोधी रवैये” के रूप में पेश कर रही है।
आने वाले दिनों में क्या होगा?
कांग्रेस के बड़े आंदोलन की तैयारी
ईडी की कार्रवाई पर आगे की जानकारी
इस मुद्दे का छत्तीसगढ़ की जनता पर प्रभाव
छत्तीसगढ़ की राजनीति में ईडी की कार्रवाई ने बड़ा भूचाल ला दिया है। कांग्रेस इसे केंद्र सरकार की साजिश बताकर सड़कों पर उतरने की तैयारी में है।
आने वाले दिनों में यह मुद्दा और तूल पकड़ सकता है, जिससे छत्तीसगढ़ की राजनीति में नया मोड़ आ सकता है।