
रायगढ़ बना छत्तीसगढ़ का पहला डिजिटल पंचायत जिला, यूपीआई से टैक्स वसूली शुरू
रायगढ़ जिले ने प्रदेश में पहली बार सभी 549 पंचायतों में यूपीआई से टैक्स वसूली शुरू कर डिजिटल पंचायत शासन की नई मिसाल पेश की। टैक्स कलेक्शन में 117% वृद्धि।
रायगढ़ बना छत्तीसगढ़ का पहला डिजिटल पंचायत जिला, यूपीआई से हो रही टैक्स वसूली
रायपुर, 12 मई 2025 — छत्तीसगढ़ का रायगढ़ जिला डिजिटल इंडिया की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बढ़ाते हुए प्रदेश का पहला डिजिटल पंचायत जिला बन गया है। जिले की सभी 549 ग्राम पंचायतों में अब टैक्स और शुल्कों का भुगतान यूपीआई (UPI) जैसे डिजिटल माध्यमों से किया जा रहा है। प्रॉपर्टी टैक्स, बाजार शुल्क, जलकर और स्वच्छता कर जैसे भुगतान ग्रामीणजन अब अपने मोबाइल से घर बैठे कर रहे हैं।
यह पहल ग्रामीण शासन प्रणाली को पारदर्शी, सशक्त और तकनीकी रूप से उन्नत बनाने की दिशा में बड़ा बदलाव लेकर आई है। पंचायत भवनों और सार्वजनिक स्थलों पर क्यूआर कोड लगाए गए हैं, जिससे ग्रामीणों को किसी कार्यालय में जाकर भुगतान करने की आवश्यकता नहीं रह गई।
117% वृद्धि टैक्स कलेक्शन में
यूपीआई व्यवस्था लागू होने के बाद पंचायतों की आमदनी में जबरदस्त उछाल आया है। पूर्व कलेक्टर कार्तिकेया गोयल द्वारा प्रधानमंत्री अवॉर्ड की स्क्रीनिंग कमेटी को दी गई रिपोर्ट के अनुसार, बीते वर्ष की तुलना में 117 प्रतिशत तक टैक्स कलेक्शन में वृद्धि दर्ज की गई है।
330 बिरहोर परिवारों ने भी शुरू किया डिजिटल भुगतान
रायगढ़ जिले के 7 में से 5 ब्लॉक आदिवासी बहुल क्षेत्र हैं, और यहां भी डिजिटल टैक्स प्रणाली पूरी तरह लागू कर दी गई है। उल्लेखनीय है कि 330 पीवीटीजी बिरहोर परिवारों ने भी यूपीआई से भुगतान शुरू कर दिया है, जो डिजिटल समावेशन की दिशा में महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
महिला समूहों की भागीदारी में वृद्धि
महिला स्व-सहायता समूहों और बीसी सखियों द्वारा किए गए डिजिटल लेन-देन में निरंतर बढ़ोतरी देखी जा रही है।
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2022-23: ₹3969.30 लाख
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2023-24: ₹4236.50 लाख
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फरवरी 2025 तक: ₹4650.80 लाख
ग्राम सभाओं में 57% अधिक भागीदारी
यूपीआई लागू होने के बाद पंचायत व्यवस्था में जन भागीदारी भी बढ़ी है। तीन पंचायतों के विश्लेषण में ग्राम सभा में 57 प्रतिशत अधिक उपस्थिति दर्ज की गई, जो ग्रामीण सहभागिता का प्रतीक है।
प्रशासन का कहना
जिला पंचायत सीईओ जितेन्द्र यादव ने बताया कि यह सफलता वित्त मंत्री ओपी चौधरी और पूर्व कलेक्टर कार्तिकेया गोयल के मार्गदर्शन और वर्तमान कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी के नेतृत्व में संभव हुई। लोगों को डिजिटल लेन-देन के प्रति प्रशिक्षित और जागरूक किया गया। अब रायगढ़ छत्तीसगढ़ का डिजिटल पंचायत शासन मॉडल बन चुका है।