
“100 दीपों से सजी श्रद्धांजलि: अंबिकापुर में शिवराज्याभिषेक दिवस पर राष्ट्रभक्ति की गूंज”
“100 दीपों से सजी श्रद्धांजलि: अंबिकापुर में शिवराज्याभिषेक दिवस पर राष्ट्रभक्ति की गूंज”
अंबिकापुर। हिंदू साम्राज्य दिवस के अवसर पर ज्येष्ठ शुक्ल त्रयोदशी को छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक की 351वीं वर्षगांठ पर अंबिकापुर में ऐतिहासिक उत्सव का आयोजन हुआ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और नव जागरूक सेवा समिति के संयुक्त तत्वावधान में कार्यक्रम श्रद्धा, प्रेरणा और राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत रहा।
सुबह नगर की 14 शाखाओं में शिवाजी महाराज के चित्र पर पूजा-अर्चना कर उनके ऐतिहासिक राज्याभिषेक (1674) का स्मरण किया गया। शिवाजी के अमर वाक्य “यह राज्य शिवाजी का नहीं, धर्म का है” को उद्धृत करते हुए युवाओं को धर्म और राष्ट्रसेवा के प्रति जागरूक किया गया।
शाम को गुदरी बाजार स्थित शिवाजी चौक पर भव्य कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें 100 दीपों की ज्योति जलाकर शिवराज्याभिषेक की स्मृति को राष्ट्रसेवा की प्रेरणा से जोड़ा गया। मंच पर डॉ. वी. के. वर्मा, श्री अशोक सिंह और श्री कृष्ण त्रिपाठी विशिष्ट अतिथि रहे।
मुख्य वक्ता श्री कृष्ण त्रिपाठी ने शिवाजी के जीवन से प्रेरक प्रसंग साझा करते हुए उन्हें केवल वीर योद्धा नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और राजनीतिक चेतना के प्रतीक बताया। उन्होंने अफजल खान वध, कूटनीति, गागा भट्ट व गुरु रामदास जी के योगदान पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि आज भी स्वदेशी और आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा शिवाजी के विचारों से जुड़ी है।
कार्यक्रम का संचालन जयेश वर्मा ने किया और आभार शैलेश सिंह ने व्यक्त किया। रिंकू वर्मा ने नव जागरूक सेवा समिति के सामाजिक कार्यों की जानकारी दी।
यह आयोजन युवाओं में इतिहास बोध, राष्ट्रभक्ति और सांस्कृतिक चेतना जागृत करने की दिशा में एक सशक्त पहल सिद्ध हुआ।