
बलरामपुर: राजस्व रिकॉर्ड में कूटरचना मामले में दो आरोपी गिरफ्तार, 09 फरार
बलरामपुर के ग्राम आरा में पुरानी जमीन पर फर्जी नामांतरण मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। नौ अन्य आरोपी फरार। कलेक्टर आदेश पर जांच में फर्जीवाड़ा उजागर।
बलरामपुर-राजपुर: राजस्व अभिलेखों में कूटरचना के मामले में दो आरोपी गिरफ्तार, 09 फरार
चौकी बरियों, थाना राजपुर | 21 जुलाई 2025| बलरामपुर-राजपुर ज़िले के ग्राम आरा में वर्षों पुराने भूमि प्रकरण में फर्जीवाड़ा और अभिलेखों में कूटरचना कर नाम दर्ज कराने के गंभीर आरोपों के तहत पुलिस चौकी बरियों ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है, जबकि अन्य 9 आरोपी अभी फरार हैं।
मामला और शिकायत
प्रकरण की शुरुआत नरेन्द्र कुमार कंवर, नायब तहसीलदार, उप तहसील बरियों के आवेदन से हुई, जिसमें बताया गया कि ग्राम आरा के निवासी मो. इकबाल और अन्य व्यक्तियों ने पुराने राजस्व रिकॉर्ड में फर्जी तरीके से छेड़छाड़ कर ग्रामवासियों को परेशान किया और अपने नाम अवैध रूप से नामांतरण करा लिया।
यह प्रकरण कलेक्टर बलरामपुर के आदेश पर गठित संयुक्त जांच दल की रिपोर्ट के बाद दर्ज किया गया। रिपोर्ट में वर्ष 1954-55 के खाता क्रमांक 117, 131, 158, 35, 164, 112, 118, 37 जैसे कई खातों में बिना सक्षम आदेश के प्रविष्टियाँ की गई पाई गईं।
गिरफ्तार आरोपी
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कमरूद्दीन अंसारी, पिता मोहिउद्दीन अंसारी, उम्र 62 वर्ष, निवासी कुन्दीकला, थाना लुण्ड्रा, जिला सरगुजा
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मुमताज जुलाहा, पिता सुलेमान, उम्र 45 वर्ष, मूल निवासी ग्राम गंगापुर, थाना मणिपुर, हाल मुकाम आरा, थाना राजपुर, जिला बलरामपुर
आरोपियों का बयान और प्रारंभिक जांच
आरोपियों ने पूछताछ में माना कि उनके नाम पर पुराना पट्टा था, किंतु उन्होंने जमीन को लेकर जालसाजी, कूटरचना और गलत दस्तावेजों के माध्यम से नामांतरण कराया। साथ ही, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि सभी दस्तावेज उस समय के पटवारी एवं वर्तमान में अमित बड़ा के सहयोग से तैयार किए गए थे।
अपराध और धाराएँ
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 318(4), 338, 336(3), 340(2), 61, 3(5) के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है।
विवेचना और कार्रवाई
गिरफ्तार आरोपियों को 19 जुलाई को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। वहीं अन्य 09 फरार आरोपियों की तलाश पुलिस द्वारा की जा रही है।
विशेष योगदान
इस कार्रवाई में चौकी प्रभारी उप निरीक्षक रविन्द्र प्रताप सिंह सहित उनकी टीम — प्रदीप यादव, भदेश्वर पैकरा, विजय गुप्ता, बृजभान पैकरा, जगनाथ केराम, सुबोध पैकरा, सुरेन्द्र रवि, रंजित गुप्ता, अनिल एक्का, महिला आरक्षक सरिता और चमेली — की विशेष भूमिका रही