
गणेश चतुर्थी और ईद मिलाद-उन-नबी पर कलेक्टर के दिशा-निर्देश, शांति और सुरक्षा के लिए प्रशासन सख्त
गणेश चतुर्थी और ईद मिलाद-उन-नबी पर्व पर सरगुजा कलेक्टर ने जारी किए दिशा-निर्देश। पंडाल, मूर्ति स्थापना, ध्वनि यंत्र और विसर्जन पर नियम सख्त। शांति समिति और पुलिस बल की तैनाती सुनिश्चित।
गणेश चतुर्थी और ईद मिलाद-उन-नबी पर प्रशासन सख्त: कलेक्टर ने जारी किए दिशा-निर्देश
अम्बिकापुर, 26 अगस्त 2025/ आगामी गणेश चतुर्थी, गणेश विसर्जन और 5 सितम्बर को मनाए जाने वाले ईद मिलाद-उन-नबी पर्व के दौरान शांति एवं सुव्यवस्था बनाए रखने कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी सरगुजा ने विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। आदेश के अनुसार, धार्मिक आयोजनों में भीड़-भाड़ और यातायात व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने पंडाल, ध्वनि यंत्र, मूर्ति स्थापना और विसर्जन से संबंधित कड़े नियम तय किए हैं।
पंडाल व्यवस्था
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सड़कों पर पंडाल लगाकर मार्ग अवरुद्ध नहीं होंगे।
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विद्यालय, अस्पताल एवं आपात मार्गों को प्राथमिकता दी जाएगी।
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आयोजन समितियों को यातायात, पुलिस और नगर निगम से अनापत्ति प्रमाणपत्र लेना होगा।
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पंडालों में सीसीटीवी कैमरे, वालंटियर्स और डस्टबिन रखना अनिवार्य होगा।
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भंडारे में प्लास्टिक सामग्री के उपयोग पर रोक रहेगी।
मूर्ति स्थापना और पर्यावरण संरक्षण
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केवल मिट्टी की मूर्तियों की स्थापना की अनुमति।
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प्लास्टर ऑफ पेरिस और केमिकल युक्त रंगों की मूर्तियों पर प्रतिबंध।
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मुख्य पंडाल के बाहर मूर्ति रखने की अनुमति नहीं होगी।
ध्वनि विस्तारक यंत्र के नियम
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उपयोग का समय: सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक।
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रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक पूर्ण प्रतिबंध।
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ध्वनि स्तर 45-70 डीबी तक सीमित।
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साउंड लिमिटर अनिवार्य।
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अश्लील और धार्मिक उन्माद फैलाने वाले गीतों पर रोक।
मूर्ति विसर्जन
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विसर्जन केवल निर्धारित तिथि, मार्ग और स्थल पर होगा।
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सड़कों पर मंच बनाने की अनुमति नहीं।
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घाटों पर सफाई, प्रकाश, गोताखोर, जेसीबी और क्रेन की व्यवस्था प्रशासन करेगा।
शांति व्यवस्था
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सभी अनुविभागीय दण्डाधिकारी अपने क्षेत्र में शांति समिति की बैठक लेंगे।
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पुलिस विभाग को पर्याप्त बल तैनात करने निर्देश।
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कलेक्टर ने नागरिकों से अपील की है कि वे सौहार्द्र और शांतिपूर्ण माहौल में त्यौहार मनाएं और प्रशासन को सहयोग दें