
भारत का डिजिटल मॉडल बना दुनिया के लिए मिसाल, पीएम मोदी बोले – ‘हम दे रहे हैं डिजिटल एम्पावरमेंट, ऐड नहीं’
ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025 में पीएम मोदी ने कहा कि 25 से ज्यादा देश भारत के डिजिटल आइडेंटिटी प्लेटफॉर्म को अपना रहे हैं। एआई और यूपीआई के जरिए भारत बना टेक्नोलॉजी इनक्लूसिव सोसायटी का उदाहरण।
भारत का डिजिटल मॉडल बना विश्व के लिए उदाहरण : पीएम मोदी
25 से अधिक देश भारत के ओपन सोर्स डिजिटल आइडेंटिटी सिस्टम को कर रहे हैं अपनाने की तैयारी
मुंबई, 10 अक्टूबर 2025 | ब्यूरो रिपोर्ट|ग्लोबल फिनटेक फेस्ट के छठे संस्करण को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज भारत का डिजिटल मॉडल पूरी दुनिया के लिए आशा की किरण बन चुका है। उन्होंने बताया कि 25 से ज्यादा देश भारत के मॉड्यूलर ओपन सोर्स आइडेंटिटी प्लेटफॉर्म को अपना रहे हैं ताकि वे अपनी स्वतंत्र डिजिटल आइडेंटिटी सिस्टम विकसित कर सकें।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत केवल टेक्नोलॉजी शेयर ही नहीं कर रहा, बल्कि दूसरे देशों को टेक्नोलॉजी डेवलप करने में भी मदद कर रहा है। बिना नाम लिए उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चुटकी लेते हुए कहा —
“हम डिजिटल ऐड नहीं दे रहे, बल्कि डिजिटल एम्पावरमेंट दे रहे हैं। समझदार को इशारा काफी है।”
उन्होंने कहा कि भारत का डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर केवल देश की सफलता की कहानी नहीं है, बल्कि यह ग्लोबल साउथ के देशों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है। भारत ने साबित किया है कि टेक्नोलॉजी केवल सुविधा नहीं, समानता का साधन भी बन सकती है।
“AI का मतलब — All Inclusive है” : प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के महत्त्व पर जोर देते हुए कहा कि भारत के लिए एआई का अर्थ है “ऑल इन्क्लूसिव” यानी सभी को साथ लेकर चलना। उन्होंने कहा कि जनहित सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए एआई एक बड़ी भूमिका निभा सकता है।
“एआई की पूरी ताकत का उपयोग करने के लिए हमें डेटा, स्किल्स और प्रशासन में निवेश करना होगा।”
उन्होंने बताया कि इंडिया-एआई मिशन के तहत भारत हाई पर्फारमेंस कम्प्यूटिंग कैपेसिटी तैयार कर रहा है, ताकि हर शोधकर्ता और स्टार्टअप को सस्ती और सरल सुविधा मिले। इसके लिए देश में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, स्किलिंग हब्स और स्वदेशी एआई मॉडल्स विकसित किए जा रहे हैं, जिससे एआई का लाभ हर जिले और हर भाषा तक पहुंचे।
यूपीआई बना डिजिटल ट्रांजैक्शन की रीढ़
फिनटेक फेस्ट में प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत में हर महीने 20 बिलियन ट्रांजैक्शन्स यूपीआई के माध्यम से हो रहे हैं, जिनकी कुल वैल्यू 25 लाख करोड़ रुपये है।
“आज दुनिया के हर 100 रियल टाइम डिजिटल ट्रांजैक्शन्स में से 50 अकेले भारत में होते हैं,” प्रधानमंत्री ने कहा।
उन्होंने जोड़ा कि कभी बैंकिंग भारत में एक विशिष्ट सेवा मानी जाती थी, लेकिन आज फिनटेक इकोसिस्टम ने इसे हर नागरिक तक पहुंचा दिया है।
भारत-यूके डिजिटल सहयोग
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर इन दिनों भारत दौरे पर हैं। गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी और स्टार्मर के बीच कई अहम मुद्दों पर बातचीत हुई और कई समझौतों पर हस्ताक्षर हुए।
स्टार्मर ने कहा कि वे अपने देश में भी भारत जैसे ‘आधार कार्ड सिस्टम’ की शुरुआत करना चाहते हैं।
उन्होंने मुंबई पहुंचकर इन्फोसिस के को-फाउंडर नंदन नीलेकणि से मुलाकात की और भारत के आधार प्रोग्राम की सराहना की। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन इस प्रणाली से बहुत कुछ सीखना चाहता है।
“भारत के स्वदेशी समाधान बन रहे वैश्विक प्रासंगिकता के प्रतीक”
अपने संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत के स्वदेशी डिजिटल समाधान वैश्विक स्तर पर प्रासंगिक सिद्ध हो रहे हैं।
“हम दुनिया को दिखा रहे हैं कि टेक्नोलॉजी समावेशन का साधन बन सकती है, प्रतिस्पर्धा का नहीं।”












