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अयोध्या रामलला आरती लाइव दर्शन: 16 अक्टूबर 2025 का अलौकिक श्रृंगार, समय और भोग की संपूर्ण जानकारी
आज 16 अक्टूबर 2025, गुरुवार को कार्तिक कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि पर रामलला का भव्य श्रृंगार! सुबह 6:30 की पहली आरती से लेकर रात 8:30 के शयन तक, राम मंदिर की दैनिक पूजा विधि, दर्शन का समय और मौसम के अनुसार वस्त्रों की जानकारी। जानिए दिल्ली से आने वाली फूलों की माला से प्रभु का अद्भुत रूप और चारों समय के विशेष भोग के व्यंजन।
अयोध्या से आज की खास खबर: 16 अक्टूबर 2025
रामलला का अलौकिक श्रृंगार: वैदिक परंपरा और मौसम के अनुरूप बाल-सेवा
अयोध्या, उत्तर प्रदेश: संपूर्ण ब्रह्मांड के स्वामी प्रभु श्री रामलला का आज, 16 अक्टूबर 2025, कार्तिक कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि पर, भव्य और अलौकिक श्रृंगार किया गया। राम मंदिर में विराजमान प्रभु के दर्शन और दैनिक सेवा का विधान एक छोटे बालक की सेवा की तरह ही होता है, जिसमें मौसम और तिथि के अनुसार परिवर्तन किए जाते हैं।
मुख्य आकर्षण:
- मौसम अनुकूल वस्त्र और भोग: मंदिर प्रबंधन द्वारा रामलला को सूती और हल्के वस्त्र पहनाए गए। यह व्यवस्था ग्रीष्म ऋतु की समाप्ति और हल्की ठंड की शुरुआत को देखते हुए की गई है। प्रभु को अर्पित किए जाने वाले भोग में भी मौसमी फलों, ठंडी खीर और गुलकंद जैसे सुपाच्य व्यंजनों को प्राथमिकता दी जा रही है। पुजारीगणों के अनुसार, यह परिवर्तन भगवान को शीतलता प्रदान करने की सनातन परंपरा का हिस्सा है।
- दैनिक आरती का समय:
- प्रातः (पहली) आरती: सुबह 6:30 बजे (रामलला को जगाने के बाद)।
- भोग आरती: दोपहर 12:00 बजे।
- संध्या आरती: शाम 7:30 बजे।
- शयन (सोना): रात 8:30 बजे।
- दिव्य श्रृंगार: भगवान का श्रृंगार प्रतिदिन दिल्ली से मंगाई गई फूलों की विशेष मालाओं से किया जाता है। भक्तों को श्री रामलला के दर्शन शाम 7:30 बजे तक ही उपलब्ध हैं।
- परिसर में निर्माण कार्य में तेजी: श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, राम मंदिर परिसर के सभी 16 मंदिरों को अक्टूबर के अंत तक श्रद्धालुओं के लिए खोलने की तैयारियां जोरों पर हैं। मंदिर के चारों ओर बन रहे परकोटा (परिसर की दीवार) और राम दरबार में भी निर्माण कार्य अंतिम चरण में है।
अयोध्या नगरी एक ओर जहां भव्य दीपोत्सव-2025 की तैयारियों में जुटी है, वहीं दूसरी ओर रामलला के दैनिक दिव्य दर्शन भक्तों को लगातार आकर्षित कर रहे हैं।