
अयोध्या धाम में रामलला का अलौकिक श्रृंगार, चार समय लगता है भोग — सुबह 6:30 बजे से शुरू होती है पूजा
अयोध्या में भगवान श्री रामलला का भव्य श्रृंगार हुआ। प्रतिदिन मौसम और समय के अनुसार वस्त्र बदलते हैं और चार बार भोग लगाया जाता है। सुबह 6:30 बजे पहली आरती, रात 8:30 बजे शयन।
अयोध्या धाम में भगवान श्री रामलला का अलौकिक श्रृंगार, चार समय लगता है भोग
अयोध्या, 12 नवम्बर 2025। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र, अयोध्या धाम में आज मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि, विक्रम संवत 2082 के अवसर पर ब्रह्मांड नायक भगवान श्री रामलला सरकार का अलौकिक श्रृंगार संपन्न हुआ। भगवान श्रीरामलला का श्रृंगार प्रतिदिन भव्य रूप में किया जाता है, जिसमें मौसम और समय के अनुसार उनके वस्त्र, आभूषण और भोग परिवर्तित होते हैं।
मंदिर प्रशासन के अनुसार, रामलला को दिनभर में चार समय भोग लगाया जाता है। इन सभी व्यंजनों को मंदिर की पवित्र रसोई में तैयार किया जाता है। सुबह की शुरुआत बाल भोग से होती है। इसके बाद दोपहर 12 बजे मध्याह्न भोग आरती, सायं साढ़े सात बजे संध्या आरती, और रात्रि 8.30 बजे शयन आरती संपन्न होती है।
श्रद्धालुओं को रामलला के दर्शन रात 7.30 बजे तक ही करने की अनुमति है। इसके बाद भगवान का शयन कराया जाता है।
मंदिर समिति ने बताया कि हर दिन और मौसम के अनुसार श्रीरामलला को विशेष वस्त्र पहनाए जाते हैं —
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गर्मी के मौसम में हल्के सूती वस्त्र,
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सर्दियों में ऊनी वस्त्र और स्वेटर,
तथा श्रृंगार के लिए फूलों की माला विशेष रूप से दिल्ली से मंगाई जाती है।
सुबह 6:30 बजे की आरती में रामलला को जगाया जाता है और पूजा की शुरुआत होती है। इसके बाद स्नान, लेप, वस्त्राभूषण और भोग का क्रम चलता है।
श्रद्धालुओं के लिए यह दिव्य दृश्य भक्ति और आस्था का अद्भुत संगम प्रस्तुत करता है।








