
बलरामपुर: मितानिन दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रम और सम्मान समारोह आयोजित
बलरामपुर के बदौली ग्राम पंचायत में मितानिन दिवस मनाया गया। मितानिन बहनों को साड़ी व श्रीफल देकर सम्मानित किया गया। सुग्गा नृत्य दल को भी सम्मान मिला।
बलरामपुर: ग्राम पंचायत बदौली में मितानिन दिवस पर मितानिन बहनों का सम्मान, साड़ी और श्रीफल भेंट
मितानिन दिवस: बलरामपुर के बदौली में स्वास्थ्य सेवाओं की प्रथम प्रहरी का हुआ सम्मान

बलरामपुर। जिले के बदौली ग्राम पंचायत में रविवार को मितानिन दिवस बड़े ही उत्साह और गरिमापूर्ण माहौल में मनाया गया। पंचायत द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में मितानिन दीदियों की महत्वपूर्ण सेवाओं को याद करते हुए उन्हें सम्मानित किया गया। स्वास्थ्य सेवाओं को गाँव तक पहुँचाने में मितानिनों द्वारा निभाई जा रही भूमिका को देखते हुए ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने एक स्वर में उनकी सराहना की।

कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक विधि-विधान से हुई। पंचायत प्रतिनिधियों ने सबसे पहले सभी मितानिन बहनों का स्वागत किया। इसके बाद उन्हें साड़ी और श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया। आयोजन के दौरान वक्ताओं ने कहा कि मितानिनें स्वास्थ्य सेवाओं की सबसे पहली कड़ी हैं, जो प्रसूति, टीकाकरण, पोषण, प्राथमिक चिकित्सा और कई आपात स्थितियों में गाँव-गाँव तक पहुंचकर आम लोगों की मदद करती हैं। उनकी निष्ठा और सेवा भाव ने ग्रामीण स्वास्थ्य तंत्र को मजबूत आधार दिया है।

इसके अलावा, कार्यक्रम के दौरान सुग्गा नृत्य प्रस्तुत करने वाली महिलाओं के दल को भी साड़ी भेंट की गई। सुग्गा नृत्य की प्रस्तुति ने वातावरण को पूरी तरह सांस्कृतिक रंगों से भर दिया। ग्रामीणों का कहना था कि ऐसे आयोजन न केवल लोक संस्कृति को जीवित रखते हैं बल्कि समाज में भाईचारा और उत्साह भी बढ़ाते हैं।
ग्राम पंचायत बदौली के सरपंच सुरेश राम ने कहा कि मितानिन दीदियों का योगदान अमूल्य है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य व्यवस्था की पहली जिम्मेदारी इन्हीं मितानिन बहनों के कंधों पर होती है और वे पूरी निष्ठा से इस कार्य को निभा रही हैं। उपसरपंच राम कुमार यादव ने भी मितानिनों की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी मेहनत और समर्पण को देखते हुए पंचायत आगे भी उनके लिए विभिन्न सुविधाओं को बढ़ाने का प्रयास करेगी।
कार्यक्रम में उपस्थित पंच अमित लाल मिंज, चेत लाल, अमर सिंह, अरविंद कुमार जायसवाल, संजय टोप्पो और दीपक मिंज ने कहा कि मितानिनें गाँव की स्वास्थ्य प्रहरी हैं। कई बार रात के समय, बारिश में, कठिन परिस्थितियों में भी वे मरीजों को अस्पताल पहुंचाने से लेकर प्राथमिक उपचार उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाती हैं। ग्रामीणों ने भी अपने अनुभव साझा किए और बताया कि कैसे मितानिन दीदियों ने कई बार समय रहते मदद कर बड़ी समस्याओं को टाल दिया।
गांव के नागरिकों ने बताया कि पहले स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंचने में काफी कठिनाई होती थी, लेकिन अब मितानिनें लगातार घर-घर जाकर टीकाकरण, पोषण, मातृ स्वास्थ्य और विविध योजनाओं की जानकारी देती हैं। कई ग्रामीण परिवारों ने कहा कि वे मितानिनों को परिवार के सदस्य की तरह मानते हैं।
कार्यक्रम का संचलन पंचायत सचिव द्वारा किया गया और अंत में सभी मितानिन दीदियों को धन्यवाद देकर कार्यक्रम का समापन किया गया। ग्रामीणों ने आशा व्यक्त की कि आने वाले समय में भी मितानिन दिवस जैसे आयोजन होते रहेंगे, जिससे उन्हें प्रोत्साहन मिलता रहेगा और समाज में उनकी भूमिका और मजबूत होगी।









