
राम मंदिर ध्वजारोहण: 500 वर्षों बाद शिखर पर फहराया धर्मध्वज, पीएम मोदी बने साक्षी
अयोध्या के राम मंदिर पर आज 11 फीट ऊंचा धर्मध्वज फहराया गया। पीएम मोदी ने मुहूर्त में ध्वजारोहण किया। 500 वर्षों की प्रतीक्षा के बाद शिखर पर लगा केसरिया ध्वज, संत समाज ने बताया ऐतिहासिक क्षण।
Ram Mandir Dhwajarohan: 500 वर्षों की प्रतीक्षा समाप्त, राम मंदिर के शिखर पर फहराया धर्मध्वज; पीएम मोदी और CM योगी बने साक्षी
अयोध्या में 25 नवंबर का दिन इतिहास के स्वर्णिम अध्याय की तरह दर्ज हो गया, जब 500 वर्षों की प्रतीक्षा, संघर्ष और तपस्या के उपरांत भव्य राम मंदिर के मुख्य शिखर पर धर्मध्वज फहराया गया। यह क्षण केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि भारत की सनातन परंपरा, आस्था, मर्यादा और सांस्कृतिक गौरव का वैश्विक उद्घोष बन गया।
19–20 नवंबर को पहुंचे विद्वान, 7 पताकाओं की विशेष स्थापना
धर्मध्वज स्थापना के लिए काशी व दक्षिण भारत से आए विद्वानों का दल 19 और 20 नवंबर को अयोध्या पहुंचा। मुख्य शिखर सहित कुल 7 पताकाएं स्थापित की गईं—
- 1 ध्वज शेषावतार मंदिर में
- 6 ध्वज परकोटा के पंचायतन के छह मंदिरों में
सभी ध्वज विशेष विधि-विधान और शास्त्रोक्त प्रक्रिया के तहत लगाए गए।
11 फीट ऊंचा, 22 फीट लंबा ध्वज; ‘ॐ’, सूर्य और कोविदार वृक्ष के शुभ चिह्न
राम मंदिर के शिखर पर जो ध्वज फहराया गया, वह 11 फीट ऊंचा, 22 फीट लंबा, और 4 किलो वजनी है। यह खास सिल्क कपड़े से तैयार किया गया है, जिसमें सूर्य, ‘ॐ’ और कोविदार वृक्ष के शुभ चिन्ह अंकित हैं।
ध्वज को मंदिर के 42 फीट ऊंचे और 5100 किलो वजनी ध्वजदंड पर स्थापित किया गया।
मुहूर्त: 11:45 से 12:29 के बीच ध्वजारोहण
ध्वजारोहण के लिए पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने 30 मिनट का विशेष मुहूर्त निकाला था— वही शास्त्री जिन्होंने प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त निर्धारित किया था।
पीएम मोदी ने निर्धारित समय में धर्मध्वज फहराया, जिसके साथ मंदिर निर्माण पूर्ण होने की औपचारिक घोषणा भी की गई।
संत समाज भावुक—“500 वर्षों बाद सपना साकार”
राम वैदेही मंदिर के प्रतिष्ठित संत दिलीप दास ने कहा—
“यह क्षण सिर्फ ध्वजारोहण नहीं, सनातन संस्कृति के पुनरुद्धार का अद्वितीय उत्सव है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ धर्म परंपरा के प्रहरी हैं।”
संत समाज ने इसे आस्था, धैर्य और संघर्ष की सदियों लंबी यात्रा का फल बताया। उनका मानना है कि धर्मध्वज का आरोहण विश्व में सनातन संस्कृति की प्रतिष्ठा को और मजबूत करेगा।
CM योगी का भावपूर्ण संबोधन
सीएम योगी आदित्यनाथ ने ध्वजारोहण के बाद कहा—
- “अयोध्या आस्था और आधुनिकता के नए युग में प्रवेश कर चुकी है।”
- “ध्वजारोहण यज्ञ की पूर्णाहूति नहीं, बल्कि नए युग का शुभारंभ है।”
- “रामलला की नगरी आज सोलर सिटी, स्मार्ट सिटी और धार्मिक पर्यटन का वैश्विक केंद्र बन रही है।”
उन्होंने कहा कि 500 वर्षों में साम्राज्य बदले, पर आस्था नहीं बदली।
आज अयोध्या में विकास और विरासत का सुंदर समन्वय दिखाई दे रहा है।
योगी ने इसे 140 करोड़ भारतीयों की आस्था और आत्मगौरव का प्रतीक बताया और कहा—
“श्रीराम मंदिर पर फहराता केसरिया ध्वज धर्म, सत्य, न्याय और राष्ट्रधर्म का प्रतीक है।”
संत समाज का मोदी–योगी को श्रेय
साधु-संतों ने प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी को इस उपलब्धि का महत्वपूर्ण आधार बताया।
उनके अनुसार—
- मंदिर संस्कृति का पुनरुद्धार
- धार्मिक स्थलों का विकास
- संतों का सम्मान
- सनातन परंपराओं का संरक्षण
इन सबने देश की आध्यात्मिक चेतना को नई ऊर्जा दी है।











