
राजभवन में छह राज्यों का स्थापना दिवस मनाया गया, राज्यपाल बोले— विविधता ही भारत की आत्मा | एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम
राजभवन रायपुर में कर्नाटक, तमिलनाडु, दिल्ली, उत्तराखंड, लक्षद्वीप और पुडुचेरी का स्थापना दिवस मनाया गया। राज्यपाल रमेन डेका ने कहा कि विविधता ही भारत की असली शक्ति है। सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और राज्यों की विशेषताओं पर समारोह में विस्तृत चर्चा हुई।
राजभवन में 6 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों का स्थापना दिवस मनाया गया, राज्यपाल रमेन डेका बोले— विविधता ही भारत की आत्मा
रायपुर। राजभवन के छत्तीसगढ़ मंडपम् में राज्यपाल रमेन डेका के मुख्य आतिथ्य में कर्नाटक, तमिलनाडु, दिल्ली, उत्तराखंड, लक्षद्वीप और पुडुचेरी का स्थापना दिवस समारोह हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। यह आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से संचालित “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” कार्यक्रम के तहत आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य देश की सांस्कृतिक विविधता को एकता के सूत्र में पिरोना है।
‘विविधता में एकता ही भारत की असली पहचान’ — राज्यपाल
समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल रमेन डेका ने कहा कि भारत केवल एक भौगोलिक इकाई नहीं, बल्कि हजारों वर्षों की सभ्यता, परंपरा और सांस्कृतिक विविधता का जीवंत संगम है। भाषाओं, वेशभूषा, भोजन, कला और परंपराओं में भिन्नता होने के बावजूद हमारी आत्मा एक है, यही विविधता भारत को विश्व में अद्वितीय बनाती है।
उन्होंने कहा कि देश आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत 2047 के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है, ऐसे में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। राज्यपाल ने लोगों को पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता और मानवीय सेवा जैसे कार्यों में योगदान देने का आह्वान किया।
विभिन्न राज्यों की विशेषताओं पर प्रकाश
राज्यपाल और अधिकारियों ने सभी सहभागी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक विशेषताओं का उल्लेख किया—
पुडुचेरी
- फ्रांसीसी स्थापत्य, आध्यात्मिक माहौल और सांस्कृतिक मेल-मिलाप का केंद्र
- प्राचीन काल में फ्रांस के साथ प्रमुख व्यापारिक केंद्र
- समुद्र तटों और सभ्यता की विरासत के लिए प्रसिद्ध
लक्षद्वीप
- स्वच्छ समुद्र तट, नीला पानी और समृद्ध जैव विविधता
- प्रकृति के साथ संतुलनपूर्ण जीवनशैली का प्रेरक उदाहरण
उत्तराखंड
- हिमालयी चोटियाँ, नदियाँ, घने जंगल
- छत्तीसगढ़ की तरह कृषि आधारित ग्रामीण समाज
- पर्यावरणीय चुनौतियों में दोनों राज्यों की समानता
दिल्ली
- देश का दिल, इतिहास की करवटों का साक्षी
- लाल किला, कुतुब मीनार, इंडिया गेट जैसे राष्ट्रीय गौरव के प्रतीक
- सदियों से सांस्कृतिक विविधता का केन्द्र
तमिलनाडु
- द्रविड़ सभ्यता का केंद्र
- महान मंदिर स्थापत्य, भरतनाट्यम, संगीत और संघम साहित्य की धरोहर
- देश का दूसरा सबसे बड़ा आईटी हब
कर्नाटक
- प्राचीन विरासत और आधुनिक तकनीक का संगम
- विजयनगर साम्राज्य की स्थापत्य कला, आधुनिक बैंगलुरू का आईटी हब
- भाषा, साहित्य और प्राकृतिक सौंदर्य में समृद्ध
छात्र-छात्राओं की रंगारंग प्रस्तुतियाँ
समारोह में विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने राज्यों की सांस्कृतिक विविधताओं पर आधारित प्रस्तुतियाँ दीं—
- कर्नाटक का यक्षगान
- तमिलनाडु का लोकनृत्य
- दिल्ली का पंजाब फोक डांस
- उत्तराखंड का गौपति नृत्य
- लक्षद्वीप का छड़ी नृत्य
- पुडुचेरी का गरडी नृत्य
कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों ने इन प्रस्तुति की सराहना की।
अधिकारियों ने भी साझा की जानकारी
राज्यपाल के सचिव डॉ. सीआर प्रसन्ना ने तमिलनाडु की विशेषताओं पर प्रकाश डाला। वहीं अन्य प्रतिनिधियों ने अपने-अपने राज्य की संस्कृति, परंपरा और धरोहरों के बारे में जानकारी साझा की।











