
DRDO Successfully Test Fighter Jet Escape System: भारत ने किया 800 km/h हाई-स्पीड इजेक्शन सीट टेस्ट
DRDO ने 800 km/h की गति पर हाई-स्पीड फाइटर जेट इजेक्शन सीट परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया। ऑनबोर्ड और ग्राउंड सिस्टम से मॉनिटर किए गए इस टेस्ट ने भारत को अमेरिका, रूस और फ्रांस जैसे देशों की श्रेणी में पहुंचा दिया है।
DRDO Successfully Test Fighter Jet Escape System: भारत ने किया हाई-स्पीड इजेक्शन सीट टेस्ट, दुनिया के चुनिंदा देशों में शामिल
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने 2 दिसंबर को चंडीगढ़ में फाइटर जेट की स्वदेशी इजेक्शन सीट—फाइटर जेट एस्केप सिस्टम—का हाई-स्पीड डायनामिक परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया। इस उपलब्धि के साथ भारत अब उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जो 800 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर इतने जटिल और तेज गति वाले इजेक्शन टेस्ट करने की क्षमता रखते हैं। इससे पहले केवल अमेरिका, रूस और फ्रांस ही ऐसे परीक्षण कर पाते थे।
800 km/h की रफ्तार पर हाई-स्पीड रॉकेट स्लेज टेस्ट
इस परीक्षण को DRDO की चंडीगढ़ स्थित टर्मिनल बैलिस्टिक रिसर्च लेबोरेटरी (TBRL) में आयोजित किया गया।
टेस्ट में निम्न महत्वपूर्ण पैरामीटरों को सफलतापूर्वक मान्य किया गया—
- कैनोपी सेवरेंस
- इजेक्शन अनुक्रमण
- पूर्ण एयरक्रू रिकवरी प्रक्रिया
यह परीक्षण ऑनबोर्ड और ग्राउंड-आधारित इमेजिंग सिस्टम के माध्यम से रिकॉर्ड किया गया, जिसे भारतीय वायुसेना (IAF) और इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन एंड सर्टिफिकेशन के विशेषज्ञों ने प्रत्यक्ष रूप से मॉनिटर किया।
भारत की आत्मनिर्भर रक्षा क्षमता को मिली नई उड़ान
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफल परीक्षण पर DRDO, IAF, ADA, HAL और उद्योग जगत को बधाई देते हुए इसे आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया।
DRDO प्रमुख डॉ. समीर वी. कामत ने कहा कि यह उपलब्धि न केवल स्वदेशी तकनीक का प्रमाण है, बल्कि आने वाले लड़ाकू विमानों—जैसे तेजस, AMCA, और भावी एडवांस्ड फाइटर प्लेटफॉर्म—की सुरक्षा क्षमता को मजबूत करेगी।
क्यों है यह इजेक्शन सीट टेस्ट इतना महत्वपूर्ण?
फाइटर जेट में किसी भी तकनीकी खराबी, इंजन फेलियर या संभावित क्रैश की स्थिति में पायलट अपनी जान बचाने के लिए इजेक्शन सीट का इस्तेमाल करता है।
भारत के अधिकतर फाइटर जेट्स में अब तक विदेशी कंपनी मार्टिन-बेकर की सीटें लगाई जाती थीं। स्वदेशी एस्केप सिस्टम का सफल परीक्षण भविष्य में 100% घरेलू इजेक्शन सीट निर्माण का रास्ता खोलता है।







