
अयोध्या रामलला आरती: चार समय का भोग और दिव्य श्रृंगार, जानें पूरा समय
अयोध्या में रामलला को प्रतिदिन चार समय भोग लगाया जाता है। 04 दिसंबर को विशेष अलौकिक श्रृंगार किया गया। सुबह 6.30 बजे पहली आरती, दोपहर 12 बजे भोग आरती और शाम 7.30 बजे संध्या आरती होती है। जानें रामलला का श्रृंगार, वस्त्र और दर्शनों का पूरा समय।
अयोध्या में रामलला का अलौकिक श्रृंगार और चार समय का भोग
04 दिसंबर को विशेष पूजन और आरती का आयोजन
अयोध्या, 04 दिसंबर 2025।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र, अयोध्या धाम में विराजमान ब्रह्मांड नायक प्रभु श्री रामलला का श्रृंगार प्रतिदिन अत्यंत भव्य और अद्भुत रूप में किया जाता है। मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि, विक्रम संवत 2082 पर रामलला का विशेष अलौकिक श्रृंगार किया गया, जिसमें भक्तों ने दिव्य स्वरूप के दर्शन किए।
रामलला को प्रतिदिन चार समय भोग
रामलला को दिन के चार अलग-अलग समय पर भोग लगाया जाता है—
- सुबह बाल भोग
- दोपहर का भोग
- संध्या भोग
- शयन भोग
रोजाना और मौसम के अनुसार अलग-अलग व्यंजन तैयार किए जाते हैं, जो राम मंदिर की विशेष रसोई में बनते हैं। भोजन पूरी तरह सात्त्विक, शुद्ध और परंपरागत विधि से तैयार किया जाता है।
वस्त्रों में भी मौसम के अनुसार परिवर्तन
रामलला को मौसम के अनुरूप वस्त्र पहनाए जाते हैं—
- गर्मी: सूती व हल्के वस्त्र
- सर्दी: स्वेटर एवं ऊनी वस्त्र
दैनिक पूजा क्रम में रामलला का लेप, स्नान, वस्त्रधारण और श्रृंगार अत्यंत वैदिक विधि से संपन्न किया जाता है।
दैनिक आरती का समय
- पहली आरती: सुबह 6.30 बजे
- दोपहर भोग आरती: 12.00 बजे
- संध्या आरती: 7.30 बजे
- इसके बाद 8.30 बजे शयन कराया जाता है।
- रामलला के दर्शन रात्रि 7.30 बजे तक किए जा सकते हैं।
रामलला को सजाने में प्रयुक्त फूलों की मालाएँ दिल्ली से विशेष रूप से मंगाई जाती हैं, जो प्रतिदिन बदली जाती हैं। भक्तों को हर दिन भगवान के अलग-अलग रूप और श्रृंगार के दर्शन करने का सौभाग्य मिलता है।











