
अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह: पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, राज्यपाल और CM साय ने दी विद्यार्थियों को प्रेरक संदेश
बिलासपुर में अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के छठवें दीक्षांत समारोह में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सहित राज्यपाल, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और अन्य अतिथियों ने विद्यार्थियों को संबोधित किया। कार्यक्रम में 64 शोध उपाधि, 92 गोल्ड मेडल और 36,950 उपाधियाँ प्रदान की गईं।
अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय का छठवां दीक्षांत समारोह सम्पन्न: पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दी विद्यार्थियों को सीख और शुभकामनाएं
रायपुर/बिलासपुर। अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय, बिलासपुर का छठवां दीक्षांत समारोह आज गरिमामय वातावरण में आयोजित हुआ। इस भव्य समारोह में मुख्य अतिथि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, अध्यक्षता राज्यपाल रमेन डेका, तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उपमुख्यमंत्री अरुण साव, और उच्च शिक्षा मंत्री टंक राम वर्मा शामिल हुए। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य डॉ. अरुण दिवाकर नाथ वाजपेयी उपस्थित रहे।
समारोह में 64 शोधार्थियों को शोध उपाधि, 92 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक, तथा 36,950 छात्रों को स्नातक और स्नातकोत्तर उपाधि प्रदान की गई। इसी दौरान अतिथियों ने विश्वविद्यालय की त्रैमासिक पत्रिका ‘कन्हार’ का विमोचन भी किया।
कोविंद ने कहा— बेटियां हर क्षेत्र में आगे, निरंतर सीखना ही सफलता की कुंजी
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि विश्वविद्यालयों में बेटियां शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही हैं और यह बदलाव समाज के सकारात्मक विकास का संकेत है।
उन्होंने कहा—
“कभी यह मत सोचिए कि आप पीछे रह गए हैं। यदि आप प्रयास करना नहीं छोड़ते, तो आप हमेशा पहले स्थान पर हो सकते हैं।”
कोविंद ने कहा कि विश्वविद्यालय से स्नातक होना शिक्षा का अंत नहीं, बल्कि आज के युग में निरंतर सीखना, कौशल विकास और आत्मविकास ही सफलता का मार्ग है। उन्होंने युवाओं से भारतीय संस्कृति, योग, विज्ञान और परंपराओं से जुड़े रहने का आह्वान किया।
राज्यपाल रमेन डेका— “अनुशासन जीवन की सबसे मजबूत नींव”
राज्यपाल रमेन डेका ने विद्यार्थियों को जीवन में आने वाली चुनौतियों से भयभीत न होने की सलाह दी।
उन्होंने कहा—
- हर गिरावट के बाद उठ खड़े होने की क्षमता ही व्यक्ति को सफल बनाती है।
- तनाव आज की बड़ी समस्या है, इसलिए योग, ध्यान और शारीरिक गतिविधियां जीवन का हिस्सा बनानी चाहिए।
- जीवन को उद्देश्यपूर्ण और सकारात्मक तरीके से जीना हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय— “डिग्री नहीं, सीखने की निरंतर इच्छा ही सफलता तय करती है”
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि यह समारोह केवल औपचारिक आयोजन नहीं, बल्कि विद्यार्थियों के सपनों और प्रयासों का उत्सव है। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम, अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट तथा बहुविषयक अध्ययन जैसे सुधारों को सराहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नए युग में वही युवा सफल होंगे, जो अपनी संस्कृति से जुड़े रहकर तकनीक, नवाचार और मेहनत को अपनाएंगे। उन्होंने विश्वास जताया कि यह पीढ़ी छत्तीसगढ़ और भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।
सीएम ने बताया कि विश्वविद्यालय में
- प्रवेश, परीक्षा फॉर्म, ट्रांसक्रिप्ट और डिग्री प्रमाणपत्र
पूरी तरह डिजिटलाइज किए जा चुके हैं,
जिससे छात्रों को पारदर्शी और तेज सेवाएं मिल रही हैं।
उन्होंने कहा कि पीएम-उषा कार्यक्रम के तहत मिली वित्तीय सहायता से प्रयोगशालाओं, स्मार्ट क्लास, डिजिटल लाइब्रेरी और आधुनिक अवसंरचना का विकास होगा।
उपमुख्यमंत्री अरुण साव— “राज्य ने शिक्षा सहित कई क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की”
उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जी के मार्गदर्शन में बना छत्तीसगढ़ आज विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने विश्वविद्यालय को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और शोध के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों के लिए बधाई दी।
उच्च शिक्षा मंत्री टंक राम वर्मा— 20 करोड़ की विकास परियोजनाएँ स्वीकृत
उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि दीक्षांत समारोह विद्यार्थियों के परिश्रम का सम्मान है।
उन्होंने बताया—
- विश्वविद्यालय में अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट का प्रभावी उपयोग किया जा रहा है।
- 20 करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है, जिससे शैक्षणिक अधोसंरचना और मजबूत होगी।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में गणमान्य और विद्यार्थी शामिल
समारोह में विधायक अमर अग्रवाल, धर्मजीत सिंह, धरमलाल कौशिक, सुशांत शुक्ला, अटल श्रीवास्तव, दिलीप लहरिया, क्रेडा के अध्यक्ष भूपेंद्र सवन्नी, महापौर पूजा विधानी, कुलसचिव डॉ. तारणीश गौतम सहित बड़ी संख्या में प्राध्यापक और विद्यार्थी शामिल रहे।











