असम और मिजोरम के बीच चल रहा है सीमा विवाद, दोनों राज्यों की पुलिस आमने-सामने
गृह मंत्रालय की बैठक में असम, मिजोरम के मुख्य सचिवों व पुलिस प्रमुखों ने हिस्सा लिया
गृहमंत्रालय की बैठक में बड़ा फैसला, असम-मिजोरम बॉर्डर पर तैनात होगी CRPF
नई दिल्ली, 28 जुलाई (भाषा) असम और मिजोरम के बीच सीमा संघर्ष को हल करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा बुधवार को बुलाई गई बैठक में दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों और पुलिस प्रमुखों ने शिरकत की। इस संघर्ष में पांच पुलिस कर्मियों और एक नागरिक की मौत हो गई थी।
अधिकारियों ने बताया कि गृह सचिव अजय भल्ला ने बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें असम के मुख्य सचिव जिष्णु बरुआ और पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति महंत तथा मिजोरम के उनके समकक्ष लालनुनमाविया चुआंगो और एसबीके सिंह ने हिस्सा लिया।
असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद को लेकर अब एक बड़ा फैसला लिया गया है. जिस पर दोनों राज्यों ने भी अपनी सहमति जताई है. पिछले दिनों हुई हिंसक और खूनी झड़प के बीच केंद्रीय गृहमंत्रालय ने एक बैठक बुलाई थी. जिसमें ये फैसला लिया गया है कि राज्यों की पुलिस की जगह अब असम-मिजोरम बॉर्डर पर केंद्रीय सुरक्षा बल तैनात किए जाएंगे.
दोनों राज्यों की पुलिस भी आमने-सामने
बता दें कि कुछ दिन पहले असम और मिजोरम बॉर्डर पर हिंसक झड़प हुई थी. जिसमें आरोप है कि दोनों राज्यों की पुलिस ने फायरिंग की. जिसमें असम पुलिस के 6 जवानों की मौत हो गई थी. असम के नेताओं का कहना है कि मिजोरम पुलिस की तरफ से हुई गोलीबारी में जवानों की मौत हुई है. दोनों राज्य विवादित इलाकों से पुलिस को हटाने की मांग कर रहे थे. इसके लिए ट्विटर पर दोनों मुख्यमंत्रियों की जमकर बहस भी चली, साथ ही गृहमंत्री अमित शाह को टैग करते हुए कई ट्वीट किए गए. जिसके बाद अब दोनों राज्यों की पुलिस को सीमा से हटाने का फैसला लिया गया है. जब तक ये तनाव जारी है, तब तक सीमा पर केंद्रीय बल सीआरपीएफ की तैनाती रहेगी.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद पिछले कई दशकों से चला आ रहा है. जिसे किन्हीं कारणों से हर बार हवा दी जाती है और सीमा पर तनावपूर्ण स्थिति बनती है. इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ. दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने मामले को शांत करने की जगह एक दूसरे पर आरोप लगाने शुरू कर दिए. ट्विटर पर आरोपों का सिलसिला शुरू हो गया. एक तरफ असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा और मिजोरम के सीएम जोरमथांगा ट्विटर पर लड़ रहे थे, वहीं दूसरी तरफ बॉर्डर पर खूनी संघर्ष चल रहा था. जिसमें असम पुलिस के 6 जवानों की मौत हो गई.
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने इस बड़ी घटना के बाद भी अपने तेवर नहीं बदले और कहा कि हम एक इंच भी जमीन नहीं लेने देंगे. या इसे कोई नहीं ले सकता है. उन्होंने विवाद के बीच पुलिस की तैनाती का भी जिक्र कर चेतावनी दी और कहा कि हम अपने क्षेत्र को सुरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. सीमा पर पुलिस तैनात है.
इस पूरे विवाद में दोनों मुख्यमंत्री अमित शाह को टैग करना नहीं भूल रहे थे. यानी दोनों राज्य खुद को सही साबित करने के लिए अपनी तरफ से लगातार सफाई दे रहे थे. इसी बीच तनाव बढ़ता देख गृहमंत्री ने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की. जिसके बाद सीमा पर जारी तनाव को सुलझाने के लिए एक बैठक बुलाई गई. जिसमें अब न्यूट्रल फोर्स को बॉर्डर पर तैनात करने का फैसला लिया गया है.