
स्वदेशी जागरण मंच का कल से तीन दिवसीय आर्थिक चिंतन बैठक का आयोजन प्रारंभ
गोपाल सिंह विद्रोही प्रदेश के प्रमुख छत्तीसगढ़ -स्वदेशी जागरण मंच राष्ट्रीय प्लेटफार्म पर कल से 23 24 एवं 25 सितंबर 2021 को ऑनलाइन 3 दिवसीय आर्थिक चिंतन का आयोजन करेगा। जिसमें देश के उद्योगपति, सामाजिक, बौद्धिक, कृषि विशेषज्ञ, अर्थशास्त्री एवं राजनेता शामिल होंगे। इस विषय में जानकारी देते हुए स्वदेशी जागरण मंच सरगुजा संभाग के संयोजक राजकिशोर चौधरी ने बताया कि स्वदेशी जागरण मंच विगत 30 वर्षों से अपने शोध गतिविधियों एवं अन्य माध्यमों से देश की आर्थिक स्थिति एवं दिशा को उन्नत करने में सहयोग कर रहा है। भारत का हित स्वदेशी दृष्टिकोण का मुख्य सूत्र है। कोरोना महामारी एवं बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के कारण न केवल देश की बल्कि विश्व की आर्थिक व्यवस्था भी डगमगा गई है। युवाओं के देश भारत में रोजगार जो पहले से ही विषम परिस्थिति में था करोना के कारण और लड़खडा सा गया है, इन विषम परिस्थितियों में देश की आर्थिक व रोजगार की दिशा में आगामी सकारात्मक पहल क्या हो सकती है, इस विषय पर व्यापक चिंतन स्वदेशी जागरण मंच ने करने का बीड़ा उठाया है। “भविष्य में भारत का मार्ग क्या हो” इस पर देशव्यापी चर्चा के लिए स्वदेशी शोध संस्थान एवं एसोसिएशन आफ इंडियन यूनिवर्सिटीज 900 भारतीय विश्वविद्यालयों का संघ ने एक पहल की है इसके अंतर्गत दिनांक 23, 24, 25 सितंबर 2021 को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर देश के जाने-माने प्रमुख अर्थशास्त्री, राजनेता विद्वान, कृषि विशेषज्ञ, उद्योगपति एवं अन्य सामाजिक संगठनों के प्रमुख इस पर चर्चा करेंगे। 3 दिन तक चलने वाला यह ऑनलाइन वेबीनार प्रतिदिन शाम 6:00 बजे से रात्रि 8:00 बजे तक चलेगा,जिसका विभिन्न प्लेटफार्म पर लाइव प्रसारण किया जाएगा।इस चर्चा में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री भारत सरकार श्री नितिन गडकरी, केंद्रीय श्रम रोजगार मंत्री भारत सरकार श्री भूपेंद्र यादव, जोहो कारपोरेशन के चेयरमैन श्रीधर बाबू, पतंजलि आयुर्वेद के प्रमुख आचार्य बालकृष्ण, अमूल के प्रबंध निदेशक श्री रूपेंद्र सोढी, नाबार्ड के चेयरमैन जीआर चिन्ताला प्रमुख रूप से उपस्थित रहेगे। पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्मदिवस 25 सितंबर को इस चर्चा का पहला चरण पूर्ण होगा। उसके पश्चात इस चर्चा को महानगरों, प्रांतों, राजधानियों, जिला केंद्रों एवं गांव तक ले जाया जाएगा। इस राष्ट्रीय बहस का उद्देश्य सबकी भागीदारी और सहमति से देश के आर्थिक विकास के लिए आगामी लक्ष्य का निर्धारण करना है। ताकि सब एकजुट होकर उस लक्ष्य की प्राप्ति में लगे। स्वदेशी जागरण मंच की प्रेरणा से यह अर्थ चिंतन 2021 के अंतर्गत देशभर में चलाई जा रही है।