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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति, परम्पराओं और खेलों को पूरे भारत में एक अलग पहचान दिलाई – आशीष छाबड़ा

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति, परम्पराओं और खेलों को पूरे भारत में एक अलग पहचान दिलाई – आशीष छाबड़ा

बेमेतरा – विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगर के स्वामी विवेकानन्द स्टेडियम में जिला प्रशासन बेमेतरा द्वारा अयोजित जिला स्तरीय छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेल उदघाटन समारोह में मुख्य अतिथि बेमेतरा विधायक आशीष छाबड़ा शामिल हुए। सर्वप्रथम छत्तीसगढ़ महतारी की तैल चित्र में माल्यार्पण कर जिला स्तरीय छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेलों को शुरुवात किया। इस अवसर पर विधायक आशीष छाबड़ा ने कहा कि प्रदेष के यशस्वी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सोच हैं कि छत्तीसगढ़िया संस्कृति को आगे बढ़ाना हैं। छत्तीसगढ़ की संस्कृति व सभ्यता और विशिष्ट पहचान यहां की ग्रामीण परंपराओं और रीति रीवाजों से हैं, इसमें पारंपरिक खेलों का विशेष महत्व हैं। पिछले कुछ वर्षों में छत्तीसगढ़ के इन खेलों को लोग भूलते जा रहे थे, खेलों को चिरस्थायी रखने, आने वाली पीढ़ी से इनको अवगत कराने के लिए छत्तीसगढ़ियां ओलंपिक खेलों की शुरूआत की गई हैं। छत्तीसगढ़ का ये खेल मनोरंजक होने के साथ साथ स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में इन खेलों से बच्चें, बुजुर्ग व युवा सभी व्यायाम आदि शारीरिक गतिविधियों से जुड़ते हैं। छत्तीसगढ़ की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए खेलकूद को भी बढ़ावा दिया जा रहा हैं, छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेलों से राज्य के हर गांव, हर ब्लाक तथा हर जिले में स्थानीय खेलों का आयोजन हो रहा हैं। छत्तीसगढ़ी खेल गिल्ली डंडा, गेढ़ी दौड़, बिल्लस, रस्साकसी, पिट्टूल, सखली, कबड्डी,खो–खो, बाटी, फुगड़ी, भंवरा जैसे खेल हम हम सभी बचपन से खेलते आ रहे हैं, इन खेलों को हम भूल गए थे, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पुनर्जीवित किया और हमें लोक परंपरा और छत्तीसगढ़ी खेल की तरफ जोड़ने का प्रयास किया और इससे हम सभी फिर से जुड़ने जा रहे हैं। राजीव युवा क्लब के माध्यम से छत्तीसगढ़िया ओलंपिक को पूर्ण करने जा रहे हैं, जिसके माध्यम से अपनी संस्कृति और छत्तीसगढ़िया परंपरा, अपनी पहचान को परिलक्षित कर सकेंगे। खेल कूद शारीरिक विकास के साथ साथ मनोरंजन का भी साधन हैं, सरकार की मंशा पारंपरिक खेलकूद को बढ़ावा देने की हैैं। छत्तीसगढ़ के संस्कृति तीज त्यौहार, लोक संस्कृति, लोक कला ल बढ़ावा देने के बाद अब छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेल ल तको वैश्विक पहचान देवाये के खातिर छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेल का आयोजन किया जा रहा हैं। ‘खेलबो, कूदबो, जीतबो और गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ इसे चरितार्थ करते हुए जहां एक ओर छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेल के माध्यम से हर वर्ग हर उम्र व स्थानीय खेलों का समावेश कर सभी खिलाडिय़ों की प्रतिभाओं को सामने ला रहें हैं, वहीं प्रदेश के खेलों के संवर्धन एवं विकास के लिए हमेशा तत्पर हैं। प्रतिभागी खेल भावना से खेंलेगे तभी नवा छत्तीसगढ़ बनेगा, लगातार शिक्षा व खेल के क्षेत्र में क्रांति लाई जा रही है, जहां शिक्षा हर किसी के जीवन की सफलता की पूंजी हैं। इस अवसर श्रीमति शकुंतला मंगत साहू अध्यक्ष नगर पालिका परिषद बेमेतरा, सुमन गोस्वामी अध्यक्ष शहर कांग्रेस कमेटी बेमेतरा, मनोज शर्मा सभापति, रश्मि मिश्रा सभापति, मिथलेश वर्मा उपाध्यक्ष जनपद पंचायत बेमेतरा, रानी सेन पार्षद, राजू साहू पार्षद, मिथलेश वर्मा सदस्य जनपद प्रतिनिधि, अजय सेन, विक्की मिश्रा, अर्पित परगनिया, योगेश जांगड़े, देवशरण गोसाई, अरविंद तंबोली, जितेंद्र ढीमर, दिलेश्वर साहू, सुरुचि सिंह एसडीएम बेमेतरा, भूपेंद्र उपाध्याय सीएमओ बेमेतरा, नागेश्वर तिवारी जिला खेल अधिकारी, मनोज बक्शी डीएसओ, भरत बंजारे प्रभारी सीईओ जनपद बेमेतरा, सुनील तिवारी, दिनेश शर्मा, अजय शर्मा, होरिलाल तिवारी, जवाहर कुर्रे, विजय पाण्डे, चोवाराम मधुकर सहित बड़ी संख्या में खिलाड़ीगण उपस्थित रहें।

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Ashish Sinha

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