
सूरजपुर/बिश्रामपुर – एनएनएस द्वारा सात दिवसीय ग्रामीण शिविर का आयोजन किया गया है जिसने 45 विद्यार्थी हिस्सा ले रहे हैं।
जानकारी के अनुसार डी. ए. वी. स्कूल तिलसिवां परिसर में गुरु संत गाहिरा विश्वविद्यालय, सरगुजा के अंतर्गत रेवती रमन मिश्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय, सूरजपुर के प्राध्यापक सी. बी. मिश्रा के मार्गदर्शन में महाविद्यालय के 45 छात्र-छात्राओं का राष्ट्रीय सेवा योजना अंतर्गत 15.मार्च से 21.मार्च तक सात दिवसीय ग्रामीण शिविर का आयोजन किया गया है, जिसका थीम : स्वच्छता, ग्रामीण विकास व कोविड जागरूकता के लिए युवा है।
इस शिविर में आज 18 मार्च को सूरजपुर के ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी आयुष मिश्रा के आतिथ्य में छात्र-छात्राओं को राष्ट्रीय सेवा योजना अंतर्गत जानकारी दी गई कि “विद्यार्थियों द्वारा पढे़ हुए नैतिक मूल्यों को जीवन में उतारने व जीवन में न सिर्फ वित्तीय या भौतिक सुख को लक्ष्य बनाकर संकीर्णता रखें बल्कि देश का अच्छा नागरिक बनकर समाज व देश के विकास में बहुमूल्य योगदान दें, उदाहरणार्थ अच्छे नागरिक होने के लिए दृढ़ता से जीवन पर्यन्त कम से कम 3 आदर्शों का जल यथोचित उपयोग करें, कम से कम व्यय में कार्य करें,विद्युत की बचत करें, न सिर्फ अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाएँ, बल्कि जीवन भर उसकी सुरक्षा का प्रण लें।इन सब के अलावा आयुष मिश्रा ने विद्यार्थियों को उद्यान विभाग के योजनाओं की जानकारी दी। ताकि वे अपने घर परिवार व समाज के जन-जन तक जानकारी का प्रचार प्रसार कर सकें।
श्री मिश्रा ने मुख्यमंत्री के महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी को विस्तार से समझाते हुए बताया कि “नरवा : यानी बहने वालीं स्थानीय जल स्रोतों में वर्षा के जल का अधिक से अधिक संचयन हो सके, इसके लिए नालों के कैचमेंट एरिया को ग्रामीण अभियांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा पक्का बनाया जा रहा है, ताकि वर्ष भर नरवा के इर्द-गिर्द के कृषकों को जल उपलब्ध हो,इसके अलावा गरवा से अभिप्राय ग्रामीण पशु बताया, जिनका नस्ल सुधार पशु चिकित्सा विभाग की मदद से करके और अधिक दुग्ध तथा गोबर प्राप्त किया जा सकेसाथ ही घुरवा यानी संघनित कार्बनिक खाद उत्पादन करके कचरे के संक्रमण और बदबू से बचाकर बिना व्यय अच्छा और हानिरहित पोषक खाद का निर्माण करना बताया ताकि कृषकों के खर्च को कम कर स्वास्थ्य की गुणवत्ता भी बरकरार रखी जा सके
इसके साथ ही के एनजीजीबी बाड़ीघटक के अंतर्गत उद्यान विभाग के तकनीकी मार्गदर्शन में आधुनिक विधि द्वारा फल-सब्जियों का उत्पादन कराना बताया। जिससे गौठान ग्राम के शासकीय स्कूलों के बच्चों को मध्याह्न भोजन हेतु शुद्ध पोषक हरे फल-सब्जियों की उपलब्धता वर्ष भर बनी रहे व महिला स्व सहायता समूह के सदस्यों को वर्ष भर रोजगार मिल सके और परिवार के पुरुषों के साथ आय सृजन करने से घर की आय दुगुनी हो सक।, उद्यान विभाग से आधुनिक खेती के तकनीक सीखने का लाभ भी महिलाओं को हो रहा है।
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