P.S.YADAV/ब्यूरो चीफ/सरगुजा//कला परंपरा कला बिरादरी संस्थान छत्तीसगढ़ द्वारा सरगुजा के साहित्यकार रंजीत सारथी और विजय सिंह दमाली को साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान हेतु साहित्य रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया। रंजीत सारथी और विजय सिंह दमाली ने सरगुजिहा बोली में प्रौढ़ शिक्षार्थियों हेतु बुनियादी प्रवेशिका आखर पाएंख का निर्माण किया है।
प्राथमिक विद्यालय के हिंदी पाठ्यपुस्तक में लेखन एवं अनुवाद का कार्य भी किया है। इसके अलावा इन दोनों की रचनाओं का प्रसारण आकाशवाणी से तथा विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में इनके लिखे गीतों कविताओं का प्रकाशन होता रहता है। उल्लेखनीय है कि विजय सिंह दमाली सरगुजा के जाने-माने गीतकार हैं उन्होंने 2 दर्जन से अधिक छत्तीसगढ़ी ऑडियो वीडियो म्यूजिक एल्बम के लिए गीत लिखा है।
इनका लिखा हाय रे सरगुजा नाचे गीत बहुत ही लोकप्रिय है इनके लिखे करमा गीत करमा कुहुकी गाबो पर 26000 लोगों ने एक साथ नृत्य करके विश्व रिकार्ड बनाया है, जो गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकाॅर्ड में दर्ज है। साहित्य रत्न सम्मान 23 नवम्बर 2021 को ऑनलाइन प्रदान किया गया। सम्मान समारोह की मुख्य अतिथि विश्व प्रसिद्ध पंडवानी गायिका पद्म विभूषण डाॅक्टर तीजन बाई रहीं।
अति विशिष्ट अतिथि के रूप में विश्व प्रसिद्ध पंथी नर्तक पद्म आर.एस. बारले और राजभाषा आयोग छत्तीसगढ़ के पूर्व अध्यक्ष डाॅ. विनय पाठक रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कला परंपरा कला बिरादरी संस्थान छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष डाॅ. डीपी देशमुख ने की। कार्यक्रम का संचालन संस्थान के महासचिव गया प्रसाद साहू रतनपुरीहा ने किया।