छत्तीसगढ़ताजा ख़बरेंब्रेकिंग न्यूज़राज्यरायपुर

Chhattisgarh News: नई सरकार नई पहल, छत्तीसगढ़ 36 माह

रायपुर : विशेष लेख : नई सरकार नई पहल : छत्तीसगढ़ 36 माह

महिलाओं की सुरक्षा के लिए इंटीग्रेटेड प्लान सराहनीय कदम

WhatsApp Image 2025-09-25 at 3.01.05 AM

ओम डहरिया- रीनू ठाकुर रायपुर, 24 दिसम्बर 2021विकसित देशों पर नजर डालने पर यह बात पता चलती है कि वहां के विकास की भागीदारी में जितना योगदान पुरूषों का है, उतना ही योगदान वहां की महिलाओं का है। इन देशों की महिलाएं वहां की अर्थव्यवस्था में बराबरी से भूमिका निभा रही हैं। देश और प्रदेश की तरक्की के लिए महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे बढ़ाना जरूरी है इसलिए महिलाओं को उनके विकास के लिए जरूरी वातावरण और सुविधाएं देने के साथ ही उन्हें उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करना आवश्यक है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में नई सरकार ने प्रदेश में महिलाओं के हर क्षेत्र में उनकी प्रभावी भूमिका के निर्वहन के लिए उन्हें सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने और महिला सुरक्षा के लिए इंटीग्रेटेड प्लान तैयार करने की पहल की है। इस प्लान में महिलाओं के हितों और उनकी सुरक्षा से जुडे़ सभी मामलों पर विभिन्न विभागों से समन्वय कर जरूरी सहायता उपलब्ध कराने की पहल की जा रही है।

mantr
96f7b88c-5c3d-4301-83e9-aa4e159339e2 (1)

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा महिला सुरक्षा से जुड़े इंटीग्रेटेड प्लान में आधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी और सोशल मीडिया का भी उपयोग किया जाएगा ताकि महिलाओं की सुरक्षा से जुडे विभिन्न मुद्दों पर त्वरित रूप से सहायता पहुंचायी जा सकेगी। इस प्लान में ट्विटर, वाट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म की भी मदद लेने की व्यवस्था होगी। संकटकालीन परिस्थितियों में महिलाओं को सहायता उपलब्ध कराने के लिए मोबाईल आधारित मल्टीपल एप की व्यवस्था भी शुरू करने की योजना है। पुलिस प्रशासन को भी महिला अपराधों की रोकथाम के लिए संवेदनशील बनाया जा रहा है। महिला अपराधों पर नियंत्रण के लिए पुलिस को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पुलिस प्रशासन और महिलाओं के कल्याण और विकास से जुड़े विभागों में तालमेल के साथ ही अपराधिक प्रकरणों पर जल्द कार्यवाही के लिए रणनीति बनायी जाएगी।
छत्तीसगढ़ में महिला अपराधों की रोकथाम के लिए महिला थानों की स्थापना के साथ ही साइबर अपराधों पर अंकुश के लिए विशेष साइबर थानों की स्थापना भी की गई है। महिला अपराधों पर नियंत्रण के लिए सब्बो बर एक्के नंबर 112 पर डायल करने की सुविधा दी गई है। सामाजिक अपराधों से पीड़ित महिलाओं को विभिन्न प्रकार की सहायता उपलब्ध कराने के लिए वर्तमान में सभी जिलों में सखी वन स्टाफ सेंटर प्रारंभ किए गए हैं। देश का पहला सखी वन स्टाफ सेंटर राजधानी रायपुर में प्रारंभ किया गया था। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संकट में महिलाओं की मदद के लिए टोल फ्री नंबर 181 संचालित की जा रही है। घर के भीतर या बाहर किसी भी प्रकार की घटना, प्रताड़ना या संकट होने पर महिलाएं हेल्पलाइन नंबर 181 की मदद ले सकती हैं। किसी महिला की तरफ से कोई दूसरा व्यक्ति भी मदद के लिए 181 नंबर पर कॉल कर सकता है। घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाएं भी मदद के लिए फोन कर सकती हैं। यहां मामले की गंभीरता को देखते हुए कानूनी सलाह,स्वास्थ्य और आवास संबंधी सहायता पहुंचाई जाती है। वाट्सअप, फेसबुक, ट्विटर, ईमेल और वेबसाइट के माध्यम से भी महिला हेल्पलाइन-181 से मदद ली जा सकती है।  इसके अलावा राज्य सरकार प्रदेश के शहरों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए शहर में पिंक गश्त टीमें गठित की गई है, जिसमें रायपुर पुलिस की कुल 152 महिला पुलिस शामिल है, जो अलग-अलग थाना क्षेत्रों में जाकर उक्त अभियान के तहत् महिलाओं को जागरूक करने का कार्य करेगी।
राज्य सरकार द्वारा महिलाओें को न केवल भयमुक्त वातावरण उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं बल्कि उनके सर्वांगीण विकास के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। सुराजी गांव योजना में बनाए जा रहे गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने महिला स्व सहायता समूह को जोड़ा गया है। इसके साथ ही राष्ट्रीय आजीविका मिशन के माध्यम से विभिन्न प्रकार के उत्पाद तैयार कर रही हैं, इससे उनमें आत्मनिर्भरता आ रही है। महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण के स्थिति को बेहतर बनाने के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण योजना जैसी अनेक शुरू की गई है। छत्तीसगढ़ खाद्य सुरक्षा कानून के तहत राशन कार्ड परिवार की महिला मुखिया के नाम पर बनाए जा रहे हैं। 18 से 50 वर्ष की विधवाओं के लिए पेंशन की व्यवस्था के साथ ही राज्य सरकार के आवास योजना में महिला मुखिया के नाम पर आवास दिए जा रहे हैं। महिलाओं के नाम पर भूमि आवास की रजिस्ट्री में एक प्रतिशत की छूट दी जा रही है। महिलाओं को कॉलेज स्तर तक निःशुल्क शिक्षा, स्वरोजगार के लिए कम व्याज दरों पर ऋण एवं अनुदान प्रदान जैसे कदम उठाए गए हैं। विकास प्रशासन में भागीदारी के लिए महिलाओं को पंचायत और नगरीय निकायों में 50 प्रतिशत और शासकीय सेवाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। इसी प्रकार उन्हें उद्योग और व्यापार के क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की सुविधाएं दी जा रही है।
                   

Pradesh Khabar

e6e82d19-dc48-4c76-bed1-b869be56b2ea (2)

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!