
‘दो पुत्रों का पिता की शव लावारिश हालत मे’ लोगों ने पुलिस के सहयोग से कराया अंतिम संस्कार
‘दो पुत्रों का पिता की शव लावारिश हालत मे’ लोगों ने पुलिस के सहयोग से कराया अंतिम संस्कार
गोपाल सिंह विद्रोही प्रदेश खबर प्रमुख सीजी बिश्रामपुर– दो पुत्र होने के बाद भी शव लावारिश हालत में पड़ा रहे और लोगो ने चंदा कर अंतिम संस्कार कराए यह सुन कर लोग स्तब्ध है परंतु यह घटना मानवता की शर्मसार करने वाली सत्य घटना बिश्रामपुर साप्ताहिक इतवारी बाजार की है।
जानकारी के अनुसार ग्राम शिवनदनपुर के रहने वाला 68 वर्षीय मुन्नी विश्वकर्मा आत्मज स्व काशी नाथ विश्वकर्मा के दो पुत्र है जो दोनो मनेंद्रगढ़ में रहते है।पिता को घर निकाला कर दिया है।वृद्ध पिता भिक्षाटन कर अपना उदर पूर्ति कर इतवारी बाजार के खपरैल शेड के नीचे धूप ,गर्मी,बरसात में असरा पाया था। बीते मंगलवार दोपहर 1:30 बजे उसकी मृत्यु हो गई । खपरैल शेड के नीचे बेजान पड़ी शरीर पर दिन भर किसी की नजर नहीं पड़ी ।शाम 6:30 बजे कुछ ही दूरी पर फर्नीचर का कार्य करने वाला मदन विश्वकर्मा ने नवभारत प्रतिनिधि को सूचना दी।सूचना मिलने पर मृतक के दोनो पुत्रो को सूचना दी गई । एक पुत्र आने से इंकार कर दिया तो दूसरे ने बुधवार अर्थात् घटना के दूसरे दिन आने की बात कही। मजबूरन बिश्रामपुर पुलिस ने पार्थिव शरीर को एसईसीएल बिश्रामपुर के केन्द्रीय चिकित्सालय के मर्च्युरी में रखवाया।
सीमांचल की बाल कविताओं का संग्रह बचपना का जिला शिक्षा अधिकारी ने किया विमोचन ।
लोगो ने चंदा कर किया अंतिम संस्कार
ग्रामपंचायत शिवनंदनपुर ने तत्काल 2000 रू सहायता राशि प्रदान की साथ ही सरपंच बिमला देवी, वार्डपंच धर्मेंद्र गुप्ता, मदन शर्मा,विशाल शर्मा,गुलाम अहमद गुड़ा,अनवर कुरैशी, अशरफ,आदि ने आपसी चंदा कर स्थानीय आरटीआई कालोनी स्थित पासिंग नाला जैसे ही पहुंचे मृतक का एक बड़ा पुत्र पहुंचा तो लोगो ने मुखाग्नि दिलवाई। दुखद पहलू यह है कि दो पुत्रों का भरण पोषण करने वाला पिता का भरण पोषण दो पुत्र मिल कर नहीं कर सके जिससे अभागा पिता को दर दर भटकना पड़ा और भिक्षा मांग कर पेट पालना पड़ा । एक पिता का इससे और बड़ा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है।आज की यह घटन संस्कार विहीन भौतिकवादी समाज के मुंह पर तमाचा है।
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