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अनुभव की तुलना शिक्षा से नहीं की जा सकती

बिलासपुर : अनुभव की तुलना शिक्षा से नहीं की जा सकती

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वरिष्ठजन अपने अनुभव नवयुवकों में बांटे : न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी

वृद्धाश्रमों से 46 बुज़ुर्गों की हुई घर वापसी

न्यायमूर्ति ने किया ‘अनुभूति’ पत्रिका का विमोचन

छत्तीसगढ़ वरिष्ठ नागरिक कान्फेडेशन तथा ज्येष्ठ नागरिक संघ रतनपुर के तत्वाधान में चतुर्थ प्रादेशिक सम्मेलन महामाया प्रांगण, रतनपुर में आयोजित किया गया। इसमें छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने सहभागिता करते हुए वरिष्ठजनों के लिये विशेष कानूनी जागरूकता का सत्र रखा गया था।

सम्मेलन का शुभारंभ न्यायमूति गौतम भादुड़ी, कार्यपालक अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया।

सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए माननीय न्यायमूति गौतम भादुड़ी ने कहा कि वरिष्ठजनों के हितार्थ आयोजित इस कार्यक्रम के आयोजन हेतु महामाया मंदिर परिसर से अच्छा कोई स्थान नहीं हो सकता। यहां मां का आशीर्वाद प्राप्त है, जो लोगों में एक नई उर्जा लेकर आयेगा और आप लोग यहां से वापस जाकर अपनी जवाबदारी अच्छे से निभायेंगे। उन्होंने कहा कि वरिष्ठजनों के पास अनुभव होता है और इसकी औपचारिक शिक्षा से तुलना नहीं की जा सकती। किसी भी कार्य को सफलतापूर्वक सम्पन्न करने के लिए अनुभव महत्वपूर्ण होता है। वरिष्ठजन अपने अनुभवों को नवयुवकों में बांटे, जिसका लाभ उन्हें भी प्राप्त हो सके। आप अपने तथा लोगों के अधिकार को दिलाने में भी अपने अनुभव का लाभ उठा सकते हैं।

जनसंपर्क विभाग के सूचना शिविर के माध्यम से लोगों तक पहुँच रही है जानकारी।

उन्होंने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा चलाये जा रहे अभियान करूणा का जिक्र करते हुए कहा कि इस अभियान के अंतर्गत ऐसे वृद्धजन जो वृद्ध आश्रमों में रह रहे हैं, उनके परिवार वालों के साथ कौन्सिलिंग कर घर वापसी हेतु प्रोत्साहित जा रहा है जिसमें अब तक 46 वरिष्ठजनों को उनके घर वापस भिजवाया जा चुका है। इसके अलावा एक अन्य अभियान अनुतोष भी चलाया जा रहा है, जो जनोपयोगी सेवाओं से संबंधित है, जैसे बिजली, पानी, सड़क, यातायात, आवास, भूमि, स्वास्थ्य आदि से संबंधित समस्याओं का निराकरण किया जा सकता है। ऐसे प्रकरणों का निराकरण विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से संपर्क कर कराया जा सकता है। वरिष्ठजनों को किसी समाचार पत्र के माध्यम से भी किसी व्यक्ति की समस्या की जानकारी प्राप्त होती है तो वे उसे विधिक सेवा प्राधिकरण के साथ साझा कर सकते हैं।

प्रमुख सचिव ने माटीकला व हाथकरघा के कार्यों का किया अवलोकन।

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उन्होंने कहा कि बहुत सारे वरिष्ठ नागरिकों की सेवा निवृत्ति पश्चात मिलने वाले पेंशन एवं स्वत्वों के भुगतान का विवाद लंबित होता है इसके लिये पेेंशन लोक अदालतों की स्थापना की गई हैं जहां से वे अपने विवादों का निराकरण करा सकते है। नालसा ने भी इस संबंध में योजना बनाई है। एक टोल फ्री नंबर 15100 भी जारी किया गया है, जिसमें वरिष्ठजन अपनी समस्या बता सकता है। उन्होंने कहा कि कान्फेडेशन के अध्यक्ष चन्द्रप्रकाश देवरस की मांग पर प्रत्येक जिले में एक पीएलव्ही वरिष्ठ नागरिकों में से नियुक्त किया जावेगा, जो वरिष्ठ नागरिकों के कार्य को प्राथमिकता से देखेगा और इसके लिये प्रत्येक जिले में एक विधिक सलाह केन्द्र भी स्थापित किये जावेंगे। आज के कार्यक्रम में भी एक हेल्प डेस्क स्थापित की गई है, यदि यहां किसी वरिष्ठजन को कोई समस्या है तो वे उक्त हेल्प डेस्क में अपनी समस्या रख सकता है। इस अवसर पर उन्होंने एक अनुभूति नामक पत्रिका जिसका प्रकाशन वरिष्ठ नागरिक फेडेरेशन के द्वारा किया गया है, का विमोचन किया ।

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कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर सुधीर कुमार ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों की अनेक शारीरिक और मानसिक परेशानियां होती हैं। बच्चे उनकी बात नहीं मानते हैं, जबकि इन्हें बच्चों से बहुत अपेक्षाएं होती हैं। वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों को सुरक्षा देने के लिये नालसा एवं सालसा कार्य करते हैं, इसके लिये स्कीम भी बनाई गई है, जिस पर कार्य किया जा रहा है। वरिष्ठ नागरिकों को शारीरिक एवं भावनात्मक शोषण भी हो रहा है, नालसा की योजना 2016 बनाई गई है। वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिये अधिनियम 2007 भी बनाई गई है। अगर बच्चों से भरण पोषण नहीं हो रहा है कि धारा 125 दंप्रसं. के अंतर्गत भरण पोषण हेतु मामला न्यायालय में पेश किया जा सकता है। वरिष्ठजनों को शासन द्वारा भी कई प्रकार की छूटे दी जाती है, जिसका लाभ उन्हें उठाना चाहिये।

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कार्यक्रम का स्वागत भाषण राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव सिद्धार्थ अग्रवाल ने दिया। उन्होंने कहा कि विधिक सेवा प्राधिकरण हर जरूरतमंद की दहलीज तक पहुंचने में समर्थ है। जिसकी परिकल्पना राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने की है। युवाओं को सफल होना है तो उन्हें पांच बातों का ध्यान रखना होगा जिसमें निष्ठाभाव, अनुकूल क्षमता, निःस्वार्थ भाव, जवाबदेही तथा वर्तमान में रहने की क्षमता। आत्मबल कैसे प्राप्त करे इसके लिये अपने घर के बुजुर्गों का सम्मान करें व उनके आर्शीवाद प्राप्त करें और जवाबदारी से उनकी सेवा करें। कार्यक्रम में आभार प्रदर्शन श्री चन्द्रप्रकाश देवरस, अध्यक्ष, वरिष्ठ नागरिक कान्फेडेशन के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अवर सचिव द्विजेन्द्रनाथ ठाकुर, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के सचिव डॉ. सुमीत सोनी, विधिक सहायता अधिकारी शशांक शेखर दुबे, वरिष्ठजन संघ के पदाधिकारीगण एवं बिलासपुर जिला सहित अन्य जिलों से आये वरिष्ठजन बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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Ashish Sinha

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