ताजा ख़बरेंब्रेकिंग न्यूज़राज्यरायपुर

देश में नफरत की राजनीति कर बांटने का जो दौर चल रहा है इससे समाज में दुष्प्रचार का जिम्मेवार कौन: दीपक श्रीवास

देश में नफरत की राजनीति कर बांटने का जो दौर चल रहा है इससे समाज में दुष्प्रचार का जिम्मेवार कौन: दीपक श्रीवास

a41ad136-ab8e-4a7d-bf81-1a6289a5f83f
ea5259c3-fb22-4da0-b043-71ce01a6842e
mantr
96f7b88c-5c3d-4301-83e9-aa4e159339e2 (1)

रायपुर प्रेस वार्ता छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी. (RTI)विभाग के प्रदेश सचिव दीपक श्रीवास ने कहा जहां एकता और अखंडता भाईचारे का रिश्ता मजबूत है वहां जहर बोने का काम और षड्यंत्र फैलाने और धर्म के नाम पर राजनीति कर देश को अंधेरे में धकेलने का काम किया जा रहा है जहां रोजगार और महंगाई की मार है वही विघ्न शक्तियां जो समाज को तोड़ने के लिए धर्म को आड़ में लेकर अजान हनुमान और हिजाब की राजनीत हो रही है देश में जहां हमारे पूर्वजों ने ईश्वर अल्लाह तेरो नाम सबको सन्मति दे भगवान और एकता और अखंडता भाईचारे का रिश्ता को मजबूत करके हिंदू मुस्लिम तहजीब सिखाया गया आज वही ऐसे बीज बोया जा रहा है कि जो आपस में मजबूत स्तंभ है उसको तोड़ने का साजिश की जा रही हैआज भारत एक इमरजेन्सी की दौर से गुजर रहा है। देश का युवा बेरोजगार बनकर घूम रहा है और उसी बेरोजगार युवक के गरीब माता-पिता को नित्य बढती मँहगाई के कारण जीवनयापन करने में भी तकलीफ हो रही है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि भाजपा की नीतियों की वजह के कारण देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है । बेरोजगारी और महंगाई , ये देश के सबसे बड़े मुद्दे हैं। देश की अर्थव्यवस्था इस तरह से चरमरा गई है कि बीजेपी चाहे तो भी भारत में लोगों को रोजगार नहीं दे सकती क्योंकि उन्होंने रोजगार देने वाले क्षेत्रों को तबाह कर दिया है। भाजपा ने गरीबों का पैसा छीनकर 3-4 सबसे बड़े उद्योगपतियों के हवाले कर दिया है। भाजपा मूल रूप से एक फाइनेंशियल ट्रांसफर मैकेनिज्म के तौर पर काम कर रही है, जिसका काम गरीबों से पैसा लेकर 2-4 उद्योगपतियों को देना होता है। हालांकि नब्बे के शुरूआती दशक में निजीकरण और उदारीकरण जैसी नई आर्थिक नीतियों के भारत में प्रदार्पण करने के साथ ही भारत की रोजगार स्थिति को थोड़ा बहुत समर्थन मिला। इन्हीं नीतियों के कारण कई ऐसे उद्योगों का विकास हुआ जिनके कारण बेरोजगारी से संबंधित आंकड़े में कमी देखी गई। आर्थिक उदारीकरण और वैश्वीकरण के कारण बहुराष्ट्रीय कंपनियां भी, जिन्होंने हमारे युवाओं के जीवनस्तर को सुधारने में काफी सहायता की, भारत में अपने पांव पसारने में सफल रहीं। मगर आज भाजपा सरकार की गलत विदेश एवं आर्थिक नीतियों के कारण देश में हालात बद से बदतर होती जा रहे हैं। आज लोकतंत्र खतरे में है। स्थिति यह है कि सच बोलने वाले को देशद्रोही करार दे दिया जाता है। बार बार हम पर सवाल उठाया जाता है कि काँग्रेस ने 70 साल में क्या किया ? अगर काँग्रेस ने 70 साल में कुछ नहीं किया होता तो यह सवाल करने वाले लोग ऊंचे पदों पर नहीं बैठे होते। सरकार को बहुत कुछ विरासत में मिला लेकिन वह हमारे किए गए कामों का श्रेय स्वयं ले रही है और हम पर इतने साल तक कुछ नहीं करने का आरोप लगाती है। 2014 में मोदीजी ने कहा था कि हर साल दो करोड़ लोगों को नौकरियां दी जाएंगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। नौकरियां तो दी नहीं गईं, उल्टे बेरोजगारी ही तेजी से बढ़ी। आज करीब नौ लाख सरकारी पद खाली हैं। रेलवे में 15 प्रतिशत, रक्षा में 40 प्रतिशत पद खाली हैं। पांच साल में केवल 60 लाख लोगों को ही नौकरी मिली। ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 7.9 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में नौ प्रतिशत है। एमएसएमई क्षेत्र में 60 प्रतिशत इकाइयां बंद पड़ी हैं। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) को कभी मोदीजी ने काँग्रेस सरकार की विफलता का जीता-जागता स्मारक बताया था। लेकिन यही मनरेगा कोविड काल में गरीबों के लिए सबसे मददगार साबित हुआ। इसके बावजूद इसे 73 हजार करोड़ रुपये का आवंटन मिला। मोदीजी ने 100 दिन के रोजगार का और कोविड काल में 150 दिन के रोजगार का वादा किया था लेकिन केवल 20 दिन का ही रोजगार दिया गया। महंगाई का जिक्र आते ही दंगे शुरू हो जाते हैं। बेरोजगारी की बात करो तो हिंसा बढ़ जाती है। 12 साल का रिकार्ड टूट गया और मुद्रास्फीति आज 14.23 प्रतिशत है। बेरोजगारी आज अपने चरम पर है।

Ashish Sinha

8d301e24-97a9-47aa-8f58-7fd7a1dfb1c6 (2)
e0c3a8bf-750d-4709-abcd-75615677327f

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!