
छुटभैय्ये नेता बाकी के पांच रेमडेसिविर इंजेक्शन बाजार में बेच रहे
एक मरीज का कोटा 6 डोज इंजेक्शन का ही है
छुटभैया नेताओं के गुर्गे मरीजों के अटेंडर बनकर कर रहे है रेमडेसविर की कालाबाजारी
कोरोना टेस्टिंग के नाम पर लाखों की ठगी
प्राइवेट लैब मरीजों के टेस्ट गलत तरीके से लेकर मरीजों की जान डाल रहे है खतरे में
एक मरीज को मिलती है रेमडेसिविर की 6 डोज, दे रहे सिर्फ एक!
सरकारी और निजी अस्पतालों में छुटभैया नेताओं का रैकेट बड़ी चतुराई से अपने काम को अंजाम दे रहा है। जितना स्टॉक मेडिकल स्टाकिस्टों के पास नहीं है उससे कहीं अधिक इन रेमडिसिविर तस्करों के पास इकट्ठे हो गए है। जो सरकारी और निजी अस्पतालों में जाकर डोह लेते है कि किसको रेमडिसिविर की जरूरत है उससे बातचीत कर सौदा को अंजाम दे रहे है। अवेडकर अस्पताल से लेकर जितने में कोविड अस्पताल, कोविड केयर सेंटर है वहां पर छुटभैया नेताओं के गुर्गे अपने सोर्स से वहां के मेडिकल स्टाफ, डाक्टर, नर्स फार्मेसी विभाग के लोगों से सांठगांठ कर उनके माध्यम से मनमाने दाम लेकर रेमडिसिविरि की सप्लाई कर रहे है जिसमें अस्पताल के लोगों को भी कमीशन पर अटैच कर लिया गया है।
रायपुर। कोरोना काल में मेडिकल कारोबार पर रेमडेसिविर माफिया ने शिकंजा कस लिया है। सरकारी और निजी अस्पताल में छुटभैैया नेताओं के गुर्गे डाक्टरों पर दबाव डालकर एक मरीज के नाम पर 6 डोज की पर्ची बनवाते हैऔर उसमें से एक डोज मरीज को देकर शेष पांच रेमडिडिसिविर को बाहर बाजार में ऊंचे दाम पर बचते है। मरीज को रेमडेसिविर इंजेक्शन मिलने पर खुश हो जाता है वहीं् बाकी पांच रेमडिडिसिविर को खुले बाजार में मनमाने दाम पर बचने का गोरखधंधा चल रहा है।
राजधानी में रोजाना कोरोना टेस्टिंग के नाम पर लाखों की ठगी हो रही है जिसका खुलासा जनता से रिश्ता ने अपने समाचार पत्र में खबर प्रकाशित करके किया। उसके बाद खबर का असर देखने को मिला आज स्वास्थ्य विभाग द्वारा सात लैबों को नोटिस जारी किया है। इनमें राजधानी रायपुर के छह और भिलाई का एक लैब शामिल है। विभाग ने इन लैबों के प्रबंधकों को नोटिस जारी कर दो दिनों के भीतर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने कहा है। स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना की आरटीपीसीआर जांच के बाद समय-सीमा में आई.सी.एम.आर. पोर्टल पर जानकारी दर्ज नहीं करने वाले सात लैबों को नोटिस जारी किया है। इनमें राजधानी रायपुर के छह और भिलाई का एक लैब शामिल है। विभाग ने इन लैबों के प्रबंधकों को नोटिस जारी कर दो दिनों के भीतर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने कहा है। स्पष्टीकरण प्राप्त नहीं होने की स्थिति में छत्तीसगढ़ पब्लिक एक्ट, 1949 तथा छत्तीसगढ़ एपिडेमिक डिजीज कोविड-19 रेगुलेशन, 2020 के अंतर्गत अनुमति रद्द करने की कार्यवाही की जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग ने रायपुर के मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर, पैथकाइंड डायग्नोस्टिक, एसआरएल लैब, लाइफवर्थ डायग्नोस्टिक, एएम पैथलैब, रिवारा लैब और भिलाई के श्रीशंकराचार्य इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज को नोटिस जारी कर दो दिनों के भीतर स्पष्टीकरण देने कहा है। विभाग ने इन लैबों को जारी नोटिस में कहा है कि कोविड-19 सैंपल की जांच के 48 घंटों के बाद भी आई.सी.एम.आर. पोर्टल में डॉटा एंट्री नहीं की जा रही है। इसके कारण समय पर मरीजों की कॉन्टेक्ट-ट्रेसिंग नहीं हो पा रही है, जिससे समुदाय में संक्रमण फैलने की आशंका बनी रहती है। जानकारी उपलब्ध नहीं होने से अस्पताल में भर्ती एवं उपचार प्रक्रिया सुचारु रुप से नहीं हो पाती है।
कोरोना माहमारी में भी कुछ लोग अपनी जेब गर्म करने में लगे हुए है। राजधानी में जारी लॉकडाउन के बीच भी कुछ ऐसे फर्जी डॉक्टर आ गए है जो कोरोना की फर्जी रिपोर्ट लोगों को देकर उनसे हज़ारों रुपए वसूलते है। कोरोना महामारी खतरनाक स्तर पर पहुंच चुकी है, लेकिन लोग इसकी गंभीरता को ना समझकर धोखाधड़ी और ठगी में लग गए है। ये फर्जी डॉक्टर कोरोना की फर्जी रिपोट्र्स लोगों को दे देते है, और उनसे दोगुना ज्यादा पैसा वसूल लेते है। एक बार फिर से कोरोना के मामले बढऩे लगे हैं। वहीं इस बीच एक फर्जी कोरोना रिपोर्ट बनाने वाले गैंग की सूचना सामने आ रही है। जो कोरोना की फर्जी रिपोर्ट बनाते है और लोगों से भारी पैसा वसूल लेते है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ये पता चला है कि कई ऐसे डॉक्टर अब जिले में घूम रहे है जिनके पास ना तो कोई सर्टिफिकेट है और ना ही कोई डिग्री फिर भी ऐसे डॉक्टर लोगों का कोरोना टेस्ट करके उनकी रिपोर्ट तैयार कर रहे है।
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