
भूपेश बघेल के घर ED की रेड: भाजपा की ‘बदले की कार्रवाई’ या भ्रष्टाचार पर चोट?
भूपेश बघेल के घर ED की रेड: भाजपा की ‘बदले की कार्रवाई’ या भ्रष्टाचार पर चोट?
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजनीति में सोमवार को जबरदस्त उथल-पुथल मच गई जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के निवास पर छापेमारी की। कांग्रेस ने इसे सीधे-सीधे “भाजपा की बदले की राजनीति” करार दिया, जबकि भाजपा इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई बता रही है।
टी.एस. सिंहदेव, जो खुद राज्य की राजनीति के बड़े चेहरे हैं, ने ट्वीट कर भाजपा पर तीखा हमला बोला। उन्होंने लिखा, “यह पूरी तरह से प्रतिशोध की राजनीति है। भाजपा जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है, लेकिन सत्य की जीत होगी और भाजपा मुंह की खाएगी।”
ED की कार्रवाई और कांग्रेस का आक्रोश
सोमवार सुबह रायपुर में हलचल तब बढ़ गई जब ED की टीम ने भूपेश बघेल के निवास पर दस्तक दी। केंद्रीय जांच एजेंसी की इस कार्रवाई को कोयला घोटाले और अन्य वित्तीय अनियमितताओं से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह कार्रवाई भाजपा के इशारे पर की जा रही है ताकि विपक्ष को डराया जा सके।
क्या ED भाजपा के इशारे पर काम कर रही है?
कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि केंद्र की भाजपा सरकार विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। बीते कुछ वर्षों में विपक्षी नेताओं पर बढ़ती ED, CBI और IT की कार्रवाई को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं।
पिछले महीने ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था, “जहां-जहां चुनाव होते हैं, वहां-वहां ED और CBI की एंट्री हो जाती है। यह महज संयोग नहीं, बल्कि सत्ता के दुरुपयोग का सबसे बड़ा उदाहरण है।”
भाजपा नेताओं का कहना है कि भूपेश बघेल के कार्यकाल में कोयला और शराब घोटाले जैसे बड़े भ्रष्टाचार हुए, जिनकी जांच जरूरी है। उनका दावा है कि कांग्रेस सिर्फ जनता की सहानुभूति लेने के लिए इसे राजनीतिक रंग दे रही है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ED की कार्रवाई से कांग्रेस को नुकसान भी हो सकता है और फायदा भी। यदि कांग्रेस इसे सही तरीके से भुना पाई, तो वह भाजपा पर “तानाशाही और दमनकारी नीतियों” का आरोप लगाकर जनता की सहानुभूति बटोर सकती है। वहीं, भाजपा इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के रूप में पेश कर सकती है।
अब सवाल यह है कि क्या ED की इस कार्रवाई से कांग्रेस को सियासी बढ़त मिलेगी या भाजपा अपनी रणनीति में कामयाब होगी? क्या यह मामला लोकसभा चुनावों में बड़ा मुद्दा बनेगा? यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में इस मामले में और कौन-कौन से खुलासे होते हैं।