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छत्तीसगढ़ कैबिनेट के बड़े फैसले: शराब नीति, उद्योग, उपभोक्ता और किसानों को राहत

कैबिनेट के अहम फैसले: आबकारी नीति, औद्योगिक विकास और उपभोक्ता मामलों में बड़े निर्णय

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रायपुर, 2 मार्च 2025 – मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित छत्तीसगढ़ मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्यहित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इनमें आबकारी नीति 2025-26 को यथावत रखने, औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने, उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में नए पद सृजित करने, रजिस्ट्रेशन अधिनियम में संशोधन तथा धान एवं चावल परिवहन की दरों को मंजूरी देने जैसे फैसले शामिल हैं।

आबकारी नीति 2025-26: बदलाव नहीं, जारी रहेगी मौजूदा व्यवस्था

कैबिनेट ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए छत्तीसगढ़ आबकारी नीति को अनुमोदित किया, जिसमें कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया है। राज्य में 674 मदिरा दुकानें पूर्ववत संचालित होंगी, जिनमें आवश्यकतानुसार प्रीमियम मदिरा दुकानें भी शामिल रहेंगी। देशी मदिरा की आपूर्ति पूर्व निर्धारित दरों पर जारी रहेगी और विदेशी मदिरा का थोक क्रय एवं वितरण छत्तीसगढ़ स्टेट बेवरेजेस कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा किया जाएगा।

सरकार ने उपभोक्ताओं को राहत देते हुए विदेशी मदिरा की फुटकर दुकानों पर लगने वाले 9.5% अतिरिक्त आबकारी शुल्क को समाप्त कर दिया है। इसके अलावा, अधोसंरचना विकास शुल्क यथावत रहेगा। इस फैसले से शराब की कीमतों में कमी आने की संभावना है, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।

छत्तीसगढ़ लोक परिसर (बेदखली) संशोधन विधेयक-2025 को मंजूरी

राज्य सरकार ने लोक परिसरों से अवैध कब्जों को हटाने और बेदखली की प्रक्रिया को प्रभावी बनाने के लिए छत्तीसगढ़ लोक परिसर (बेदखली) (संशोधन) विधेयक-2025 के प्रारूप को मंजूरी दे दी है। इस विधेयक से सरकारी परिसरों पर अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया को कानूनी मजबूती मिलेगी और अधिक प्रभावी तरीके से लागू किया जा सकेगा।

ई-प्रोक्योरमेंट में बदलाव: सशक्त समिति होगी समाप्त

राज्य सरकार ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को प्रोत्साहित करने के लिए ई-प्रोक्योरमेंट के लिए गठित सशक्त समिति को समाप्त करने का फैसला लिया है। सरकार ने तर्क दिया कि वर्तमान में पीएफआईसी (Public Finance Institutional Committee) द्वारा 100 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं को मंजूरी दी जाती है। इसके अलावा, बड़ी आईटी परियोजनाओं के लिए पहले से ही एक सशक्त समिति कार्यरत है, जिससे अनुमोदन प्रक्रिया में दोहराव हो रहा था। इस निर्णय से परियोजनाओं की स्वीकृति प्रक्रिया सरल और तेज होगी।

उपभोक्ता विवादों के त्वरित निपटारे के लिए नया पद सृजित

छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में लंबित मामलों के शीघ्र समाधान और सुनवाई की प्रक्रिया को गति देने के लिए सदस्य का एक नया पद सृजित करने का निर्णय लिया गया है। इस कदम से उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा और न्याय प्रक्रिया में तेजी आने की उम्मीद है।

धान-चावल परिवहन दरों को मिली स्वीकृति

राज्य सरकार ने खरीफ विपणन वर्ष 2022-23, 2023-24 और 2024-25 के लिए समर्थन मूल्य योजना के अंतर्गत धान और चावल के परिवहन की दरें निर्धारित करने के लिए गठित राज्य स्तरीय समिति की अनुशंसा को मंजूरी दे दी है। इससे किसानों को उनकी फसलों के परिवहन में सहूलियत मिलेगी और सरकारी खरीद प्रणाली को मजबूती मिलेगी।

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श्रम कानूनों में संशोधन: श्रमिकों और उद्योगों के लिए राहत

सरकार ने छत्तीसगढ़ श्रम विधियां संशोधन एवं विविध प्रकीर्ण उपबंध विधेयक-2025 के प्रारूप को अनुमोदित किया है। इस विधेयक के तहत कारखाना अधिनियम-1948, औद्योगिक विवाद अधिनियम-1947 और ट्रेड यूनियन अधिनियम-1976 में संशोधन किए जाएंगे। इन संशोधनों का उद्देश्य श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा और औद्योगिक विवादों के समाधान को सरल बनाना है।

रजिस्ट्रेशन अधिनियम में संशोधन को मंजूरी

कैबिनेट ने रजिस्ट्रीकरण अधिनियम-1908 (छत्तीसगढ़ संशोधन) विधेयक-2025 के प्रारूप को मंजूरी दी। इस संशोधन का उद्देश्य भूमि और संपत्ति के रजिस्ट्रेशन से जुड़ी प्रक्रियाओं को अधिक पारदर्शी और सुगम बनाना है।

पंजीयन विभाग में पदोन्नति नियमों में छूट

राज्य सरकार ने वाणिज्यिक कर (पंजीयन) विभाग में उप-पंजीयक (Sub-Registrar) के 9 रिक्त पदों की पूर्ति के लिए पांच वर्ष की अर्हकारी सेवा में एक बार की छूट देने का निर्णय लिया है। इससे रजिस्ट्रेशन कार्यों में गति आएगी और सरकारी कामकाज में सुधार होगा।

औद्योगिक विकास नीति को प्रभावी बनाने के लिए संशोधन

छत्तीसगढ़ में 1 नवंबर 2024 से औद्योगिक विकास नीति 2024-30 लागू है। इसे अधिक प्रभावी बनाने के लिए सरकार ने छत्तीसगढ़ शासन भंडार क्रय नियम-2002 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी। इस बदलाव से राज्य में उद्योगों को अधिक सुविधाएं मिलेंगी और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।

ग्रामीण आजीविका और विकास के लिए ‘द आर्ट ऑफ लिविंग’ के साथ समझौता

छत्तीसगढ़ सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों के विकास और आजीविका सृजन को बढ़ावा देने के लिए व्यक्ति विकास केंद्र इंडिया (द आर्ट ऑफ लिविंग) के साथ एक समझौता (MOU) करने का निर्णय लिया है। इस समझौते के तहत सरकार का सुशासन एवं अभिसरण विभाग अधिकृत होगा।

कैबिनेट के फैसलों से राज्य को क्या लाभ?

सरकार के इन फैसलों से विभिन्न क्षेत्रों में सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा—

आबकारी नीति में स्थिरता से शराब व्यवसाय से जुड़े लोगों को राहत मिलेगी और अतिरिक्त आबकारी शुल्क समाप्त करने से उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा।

औद्योगिक नीति और श्रम कानूनों में बदलाव से निवेश बढ़ेगा और उद्योगों को अधिक सुविधाएं मिलेंगी।

ई-प्रोक्योरमेंट प्रक्रिया सरल होने से सरकारी परियोजनाओं की मंजूरी में तेजी आएगी।

उपभोक्ता विवादों के त्वरित निपटारे से न्याय प्रक्रिया प्रभावी बनेगी।

धान-चावल परिवहन की दरों की स्वीकृति से किसानों को राहत मिलेगी।

रजिस्ट्रेशन अधिनियम में बदलाव से संपत्ति पंजीयन में पारदर्शिता आएगी।

छत्तीसगढ़ मंत्रिपरिषद के ये फैसले राज्य में औद्योगिक विकास, उपभोक्ता संरक्षण, श्रमिक हितों और प्रशासनिक सुधारों को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। सरकार की प्राथमिकता निवेश बढ़ाने, व्यापार सुगमता में सुधार करने, प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाने और आम जनता को सीधी राहत देने पर केंद्रित है।

Ashish Sinha

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