पशु क्रूरता निवारण समिति की निष्क्रियता से बेजूबा बन रहे क्रूरता के शिकार
पशु क्रूरता निवारण समिति की निष्क्रियता से बेजूबा बन रहे क्रूरता के शिकार
जिले में पशु क्रूरता चरम पर है , SPCA जिसके अध्यक्ष कलेक्टर और कमिस्नर हैं पूरे समिति का गठन के बावजूद जिले में लगातार जीवों के साथ क्रूरता का मामला सामने आते रहता है , कुछ समय पहले गाय को काट कर खाने की घटना सामने आई थी , और होली के दिन मादा अजगर को बांध कर मरने की घटना की शिकायत स्नेक मैन ने पूर्व कलेक्टर महोदय से की थी परंतु कार्यवाही के आभाव में जुर्म में बढ़ोत्री देखने को मिल रही , आज पुलिस हेल्प लाइन 112 को सूचना मिली कि अजगर को बोरे में बांध मारा गया है , सूचना पर सत्यम जब वहा पहुंचे तो अजगर को बुरी तरह मारा गया था , जिसे उसका जबड़ा टूट गया था ! आपको बता से अजगर सूची 1 का वन्य जीव है ,उन अपराधों के लिए जिसमें वन्य जीव (या उनके शरीर के अंश)— जो कि इस अधिनियम की सूची 1 या सूची 2 के भाग 2 के अंतर्गत आते हैं— उनके अवैध शिकार, या अभ्यारण या राष्ट्रीय उद्यान की सीमा को बदलने के लिए दण्ड तथा 7 साल की अवधि के लिए बढ़ाया भी जा सकता है और कम से कम जुर्माना रु 10,000- है। दूसरी बार इस प्रकार का अपराध करने पर यह दण्ड कम से कम 3 साल की कारावास का है जो कि 7 साल की अवधि के लिए बढ़ाया भी जा सकता है और कम से कम जुर्माना रु 25,000/- है।