
78 साल बाद भी विकास से वंचित! वाड्राफनगर के धवरपुर में शव ले जाने के लिए ग्रामीणों ने बनाई मानव एंबुलेंस
बलरामपुर जिले के वाड्राफनगर ब्लॉक के धवरपुर गांव में सड़क और पुल न होने के कारण ग्रामीणों को शव को कंधे पर उठाकर 4 किमी पैदल नदी पार कर मुख्य सड़क तक लाना पड़ा।
78 साल बाद भी विकास से वंचित! वाड्राफनगर के धवरपुर में शव ले जाने के लिए ग्रामीणों ने बनाई मानव एंबुलेंस
बलरामपुर जिले के वाड्राफनगर ब्लॉक के धवरपुर गांव में सड़क और पुल न होने के कारण ग्रामीणों को शव को कंधे पर उठाकर 4 किमी पैदल नदी पार कर मुख्य सड़क तक लाना पड़ा।
बलरामपुर/वाड्राफनगर।आज़ादी के 78 साल बाद भी कई गांव बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। बलरामपुर जिले के वाड्राफनगर विकासखंड के ग्राम धवरपुर से एक मार्मिक मामला सामने आया है। यहां सड़क और पुल (वापुल) नहीं होने के कारण शव को गांव तक एंबुलेंस नहीं पहुंच पाई।
गांव के लोगों ने मजबूरी में मृतक के शव को पारंपरिक तरीके से कंधे पर उठाकर लगभग 4 किलोमीटर पैदल मुख्य सड़क तक पहुंचाया। इस दौरान ग्रामीणों को उपंती नाला और नदी को भी पार करना पड़ा।
यह घटना स्थानीय प्रशासन और शासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करती है कि आज़ादी के 78 साल बाद भी धवरपुर जैसे गांव विकास की रोशनी से कोसों दूर क्यों हैं? ग्रामीण आज भी बुनियादी सुविधाओं—सड़क, पुल, एंबुलेंस—से वंचित हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि बारिश के मौसम में हालात और भी बदतर हो जाते हैं। प्रशासन से बार-बार गुहार लगाने के बाद भी सड़क और पुलिया नहीं बन पाई। यह तस्वीर बताती है कि आज भी कई गांव गुलामी जैसे अंधेरे में जी रहे हैं।












