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रमन सरकार के समय में कोई सैलानी नहीं जाता था बस्तर, आदिवासी दहशत में थे- सीएम भूपेश बघेल

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के बस्तर को लेकर दिए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनके समय बस्तर की पहचान नक्सलवाद के रूप से था जिसें मौजूदा सरकार ने बदला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रमन सिंह के समय बस्तर में आईईडी ब्लास्ट होता था। एनकाउंटर होता था और बस्तर के लोग तमाम तरह की सुविधाओं से वंचित थे जबकि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में राज्य सरकार ने 65 वनोपज का समर्थन मूल्य तय कर उसकी खरीदी की है। तेन्दुपत्ता की दर 4000 रूपए प्रति बोरा किया है। जो जमीने छीनी गई थी उसे लौटाया है और बस्तरवासियों के जीवन में खुशिया लाने की कोशिश की गई है। गौरतलब हो कि रमन सिंह ने बस्तर में एक प्रेस कांफ्रेस कर राज्य की मौजूदा सरकार को बस्तर विरोधी करार दिया था।

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रमन सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके समय न जॉब कार्ड था, ना आधार कार्ड था। रमन सिंह के समय जवानों को राशन पहुंचाने मशक्कत करनी पड़ती थी। आज गरीब लोगों के घर में राशन पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि बस्तर की पुरानी पहचान थी। प्राकृतिक सौंदर्य की पहचान, आदिवासी संस्कृति की पहचान विलुप्त हो गया था। हमने पुराने दौर को वापस दिलाने का काम किया। बस्तर सम्मेलन को तमाशा कहे जाने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि रमन सिंह कभी सम्मेलन नहीं करा सकते, इसलिए उनको तमाशा लग रहा है। लोगों को जबरदस्ती ढोकर लाते थे, उनको कोई पूछ नहीं रहा है।

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