
आशा पारिख : हिंदी सिनेमा के 70 बरस के सफर की कदम दर कदम हमसफर
आशा पारिख : हिंदी सिनेमा के 70 बरस के सफर की कदम दर कदम हमसफर
नयी दिल्ली, नौ अक्टूबर/ बेहद खूबसूरत, बिंदास और अपने जमाने की बेहतरीन फिल्म अभिनेत्री, सुलझी हुई निर्माता-निर्देशक और संवेदनशील इंसान के रूप में आशा पारिख ने पिछले 70 साल के अपने फिल्मी सफर में कदम दर कदम सिनेमा को आगे बढ़ते देखा है और वह श्वेत श्याम से रंगीन और फिर तकनीकी रूप से आधुनिक होते सिनेमा के हर दौर की गवाह रही हैं। आशा पारिख को सिनेमा से जुड़े सबसे प्रतिष्ठित सम्मान ‘दादा साहब फालके’ पुरस्कार से सम्मानित करके हिंदी सिनेमा के साथ उनके जुड़ाव का सम्मान किया गया है। हिंदी सिनेमा में सफलता के नए आयाम स्थापित करने वाली आशा पारिख का जन्म दो अक्टूबर 1942 को एक गुजराती परिवार में हुआ। उनकी मां सुधा सलमा पारिख मुस्लिम थीं, जबकि पिता बच्चू भाई पारिख गुजरात के बनिया समुदाय से ताल्लुक रखते थे। आशा की मां ने बहुत छोटी उम्र में ही उन्हें भारतीय शास्त्रीय नृत्य का प्रशिक्षण दिलाना शुरू कर दिया था और उन्होंने पंडित बंसीलाल भारती सहित कई गुणी गुरुओं से नृत्य की शिक्षा ग्रहण की।.
आशा पारिख ने दर्जनों फिल्मों में अभिनय किया और उनकी ढेरों फिल्मों ने लोकप्रियता के रिकॉर्ड बनाए। लोग उनके अभिनय और नृत्य के दीवाने थे तथा एक समय तो ऐसा था कि वह हिंदी सिनेमा में सबसे ज्यादा पैसे लेने वाली अदाकारा हुआ करती थीं। एक के बाद एक उनकी कई फिल्मों की सफलता की वजह से उन्हें ‘जुबली गर्ल’ कहा जाता था।.