छत्तीसगढ़ताजा ख़बरेंब्रेकिंग न्यूज़राज्यरायपुर

कोरिया जिले में रेशम उत्पादन बन रहा ग्रामीणों के रोजगार का जरिया

रायपुर : कोरिया जिले में रेशम उत्पादन बन रहा ग्रामीणों के रोजगार का जरिया

WhatsApp Image 2025-09-25 at 3.01.05 AM

मनरेगा के तहत कोसा उत्पादन कार्य से जुड़कर पहले वर्ष में किया 10 लाख से अधिक कोसे का उत्पादन

मनरेगा के तहत कोसा उत्पादन कार्य

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशन में छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेशवासियों को रोजगार, स्व-रोजगार के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में लगातार कार्य कर रही है, सरकार न केवल रोजगारमूलक योजनाएं संचालित कर रही हैं बल्कि इन योजनाओं को जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू भी कर रही है। यही कारण है कि छत्तीसगढ़ अब देश के उन राज्यों में से एक है जहां न केवल अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है अपितु स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए लगातार कार्य हो रहे हैं। इन्हीं में से एक ग्रामोद्योग के रेशम प्रभाग द्वारा संचालित टसर कृमि पालन योजना भी ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका का महत्वपूर्ण माध्यम बनकर उभर रही है, कोरिया जिले में वर्ष 2022-23 में 9 हजार एक सौ 78 रोजगार मानव दिवस से एक सौ 47 हितग्राहियों को रोजगार का लाभ मिला है।

गौरतलब है कि प्रदेश के सभी जिलों में एवं जिले से जुड़े सुदूर वनांचल एवं दुर्गम क्षेत्रों के ग्रामीणों को शासन की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सामाजिक और आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने के उद्देश्य से आजीविका गतिविधियों से जोड़ा जा रहा है। कोरिया जिले में वर्तमान में तीन प्रजातियों शहतूत (मलबरी) टसर (डाबा), नैसर्गिक रैली कोसा कीटपालन का कार्य किया जा रहा है, इन रेशम केन्द्रों से जुड़कर कई समूह रेशम कीटपालन का कार्य कर अच्छी आमदनी कमा रहे हैं।

mantr
96f7b88c-5c3d-4301-83e9-aa4e159339e2 (1)
WhatsApp Image 2025-09-03 at 7.26.21 AM
WhatsApp Image 2025-09-03 at 7.07.47 AM
WhatsApp Image 2025-09-02 at 10.51.38 PM
WhatsApp Image 2025-09-02 at 10.47.11 PM
WhatsApp Image 2025-09-02 at 10.40.50 PM
ABHYANTA DIWAS new (1)_page-0001

बैकुण्ठपुर के ग्राम उरूमदुगा के रेशम कृमिपालन समूह समिति के सदस्य कुमार सिंह इस बारे में बताते हैं कि रेशम विभाग से प्रशिक्षण प्राप्त होने के उपरांत यहां रेशम कीटपालन का कार्य कर रहा हूं, समूह ने पहली फसल में इस वर्ष एक हजार डिम्ब समूह पालन कर 95 हजार 200 नग कोसाफल प्राप्त किया, जिसकी अनुमानित राशि 2 लाख 9 हजार 440 रुपए है। कुमार सिंह ने बताया कि दूसरी फसल में भी एक हजार डिम्ब समूह पालन का कार्य अभी किया जा रहा है, समूह के सभी लोग इस कार्य को मन लगाकर करते हैं, उन्होंने बताया कि समूह का उद्देश्य है कि आगे उत्पादन और बढ़ाया जाए।

कोरिया जिले में वनखण्डों और शासकीय टसर केन्द्रों में खाद्य पौधों में टसर कीटपालन योजना के माध्यम से डाबा ककून का उत्पादन किया जा रहा है, इसी क्रम में वर्ष 2022-23 में 65 हजार स्वस्थ्य डिम्ब समूह के लक्ष्य का उत्पादन रखा गया, जिसमें अब तक पहली और दूसरी फसल में कुल 47 हजार 322 स्वस्थ डिम्ब का उत्पादन किया गया है। पहली फसल से 10 लाख कोसे का उत्पादन हुआ है जबकि दूसरी फसल से उत्पादन अभी जारी है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में टसर खाद्य पौधा संधारण एवं कृमिपालन कार्य से 9 हजार 178 रोजगार मानव दिवस का सृजन हुआ है, जिससे 147 हितग्राही लाभान्वित हुए हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशानुरूप मनरेगा योजना के अन्तर्गत रेशम कीटपालन में उपयोगी अर्जुन और साजा पौधारोपण कार्य, नर्सरी कार्य, ग्रीन फेसिंग कार्य, कंटूर निर्माण आदि के द्वारा जरूरतमंद हितग्रहियों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।

Ashish Sinha

e6e82d19-dc48-4c76-bed1-b869be56b2ea (2)

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!