
रायपुर: वक्फ बोर्ड की 85% संपत्ति पर अवैध कब्जा, कार्रवाई शुरू | नया अधिनियम लागू, माफियाओं में खलबली
छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड की संपत्तियों में से 85% पर अवैध कब्जा, जिसकी कीमत लगभग 5,000 करोड़ रुपये है। नया अधिनियम लागू होने के बाद राज्यभर में कार्रवाई शुरू, माफियाओं में दहशत।
रायपुर: वक्फ बोर्ड की 85% संपत्ति पर अवैध कब्जा, कार्रवाई शुरू – नए अधिनियम से माफियाओं में दहशत
रायपुर, छत्तीसगढ़ | 08 अप्रैल 2025 | प्रदेश खबर संवाददाता |छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में वक्फ बोर्ड से जुड़ी संपत्तियों को लेकर एक बड़ा प्रशासनिक और सामाजिक मुद्दा उभरकर सामने आया है। वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष द्वारा सोमवार को आयोजित एक प्रेस वार्ता में यह चौंकाने वाला खुलासा किया गया कि राज्य में वक्फ बोर्ड के पास मौजूद लगभग 5,000 करोड़ रुपये की संपत्तियों में से 85 प्रतिशत हिस्से पर अवैध कब्जा किया गया है।
इस खुलासे के बाद से राज्य के प्रशासनिक गलियारों में हलचल मच गई है। बोर्ड ने इस दिशा में ठोस कार्रवाई की शुरुआत कर दी है और नए वक्फ अधिनियम के तहत माफियाओं पर शिकंजा कसने की रणनीति पर काम शुरू हो गया है। अब तक राज्य भर में चिन्हित की गई कई संपत्तियों पर कार्रवाई की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है।
वक्फ संपत्तियों पर भारी कब्जा – लंबे समय से उपेक्षित
वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि राज्य के कई जिलों में वक्फ की बहुमूल्य संपत्तियों को वर्षों से नजरअंदाज किया जाता रहा है। अधिकांश संपत्तियों पर या तो स्थानीय माफियाओं ने कब्जा किया हुआ है या फिर कुछ जगहों पर धार्मिक संस्थाओं की आड़ में व्यावसायिक गतिविधियां चलाई जा रही हैं। कई जगहों पर सरकारी सहयोग के अभाव में कब्जाधारी मनमानी कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि वक्फ संपत्ति धर्मार्थ और सामाजिक कार्यों के लिए होती है – मस्जिद, कब्रिस्तान, मदरसा, अनाथालय, धर्मशाला आदि – लेकिन इनका गैर-धार्मिक कार्यों में दुरुपयोग हो रहा है।
नया वक्फ अधिनियम: अब न होगी लापरवाही
वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ने जानकारी दी कि राज्य में ‘वक्फ संपत्ति प्रबंधन एवं सुरक्षा अधिनियम – 2024’ को प्रभावी रूप से लागू कर दिया गया है। इस अधिनियम के तहत:
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वक्फ संपत्तियों की डिजिटल मैपिंग और रिकॉर्ड डिजिटाइजेशन किया जा रहा है।
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राजस्व विभाग, नगर निगम, जिला प्रशासन और पुलिस विभाग को एक साथ जोड़ते हुए वक्फ प्रोटेक्शन टास्क फोर्स का गठन किया गया है।
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कब्जा हटाने के लिए नोटिस, एफआईआर, और मुकदमे दायर किए जा रहे हैं।
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अवैध निर्माण, लीज, और बिक्री को शून्य घोषित करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
अब तक की प्रमुख कार्रवाई :
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रायपुर: मौदहापारा और टिकरापारा क्षेत्र में दो वक्फ संपत्तियों से कब्जा हटाया गया। एक कब्रिस्तान भूमि से अवैध निर्माण हटाया गया।
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बिलासपुर: रेलवे स्टेशन के पास की वक्फ भूमि पर बने 6 दुकानों को सील कर कब्जा हटाने की प्रक्रिया शुरू।
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धमतरी: पुराने मदरसे की जमीन पर अवैध गोदाम निर्माण तोड़ा गया।
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रायगढ़: जिला प्रशासन और वक्फ बोर्ड की संयुक्त टीम ने स्थानीय मस्जिद के पास की वक्फ भूमि पर किए गए व्यवसायिक निर्माणों को चिन्हित कर नोटिस जारी किया।
बोर्ड ने बनाई 3-स्तरीय कार्ययोजना:
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पहला चरण: सम्पत्तियों की पहचान, रिकॉर्ड का सत्यापन और GIS आधारित मैपिंग।
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दूसरा चरण: अवैध कब्जों की सूची तैयार कर अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी करना।
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तीसरा चरण: प्रशासनिक कार्रवाई, पुलिस सहयोग से ज़मीनों को मुक्त कराना और पुनः उपयोग के लिए नियोजन करना।
बोर्ड अध्यक्ष का बयान:
“वक्फ संपत्तियां गरीबों, अनाथों और जरूरतमंदों के कल्याण के लिए होती हैं। जिन लोगों ने इन पर कब्जा किया है, वे समाज के दुश्मन हैं। अब इस पर सख्त कार्रवाई होगी। सरकार, प्रशासन और समुदाय के सहयोग से वक्फ संपत्तियों को उनके सही उद्देश्य के लिए उपयोग में लाया जाएगा।”
– वक्फ बोर्ड अध्यक्ष
जनहित याचिकाओं का भी सहारा
वक्फ बोर्ड के कानूनी सलाहकारों ने बताया कि कई जिलों में जमीन विवाद न्यायालयों में लंबित हैं। अब इन मामलों में तेज़ी लाने के लिए जनहित याचिकाएं दाखिल की जा रही हैं, ताकि अवैध कब्जाधारियों से संपत्ति मुक्त कराई जा सके।
समाज की भूमिका अहम
वक्फ बोर्ड ने समाज से अपील की है कि जिन लोगों को वक्फ संपत्तियों की स्थिति की जानकारी है, वे आगे आकर सहयोग करें। स्थानीय समुदायों से कहा गया है कि किसी प्रकार की अवैध गतिविधि की जानकारी तुरंत वक्फ कार्यालय को दें।