
छठ महापर्व पर स्वच्छता व प्रकृति संरक्षण का ले संकल्प- अमित सक्सेना
छठ महापर्व पर स्वच्छता व प्रकृति संरक्षण का ले संकल्प- अमित सक्सेना
कोयलांचल में छठ महापर्व पर लगा महाकुंभ
गोपाल सिंह विद्रोही विश्रामपुर- छठ महापर्व पर नगर के 4 पूजा स्थलों पर छठ व्रतियों का महाकुंभ लगा जिस की सेवा में विभिन्न स्वयंसेवी समितियों एवं संस्थाओं ने जगह-जगह स्टाल लगाकर सेवा की।
जानकारी के अनुसार नगर के छठ महापर्व पर गौरी शंकर मंदिर के दो विशाल सरोवर के तट पर व्रत धारियों ने वेदी का निर्माण कर स्थल का आरक्षित किया ।इसी प्रकार स्थानीय रिहंद नदी के तट पर अनूप सिन्हा के नेतृत्व में नगर के युवाओं ने पूरे छठ घाट वी नदी तट के किनारे सुरक्षित रास्ता बनाकर विद्युतीकरण किया। इसी तरह पासिंग नाला पर नगर पंचायत अध्यक्ष आशीष यादव एवं सीएमओ के देखरेख में नवीन छठ घाट पर सभी व्यवस्थाएं की गई
छठ समितियां व्रतियों के आगमन को शानदार बनाने के लिए रेड नदी ,पासिंग नाला ,गौरी शंकर मंदिर के तालाब घाट पर महाकुंभ में उपस्थित व्रत धारियों एवं परिवारजनों कुछ सुविधा के लिए साफ-सफाई कर नगर पंचायत की स्वच्छता निरीक्षक अरविंद यादव के टीम द्वारा की गई । । गौरी शंकर मंदिर स्थित छठ घाट पर नवगठित एसईसीएल बिश्रामपुर क्षेत्र के स्वयंसेवी संस्था शिवानी समिति के अध्यक्ष आभा श्रीवास्तव की टीम द्वारा स्टाल लगाकर चाय पानी की व्यवस्था की। इसी तरह पासिंग नाला घाट पर नगर पंचायत अध्यक्ष आशीष यादव ,पार्षद गंगा प्रसाद ,भावना सिंह, निर्मला तिग्गा ,दिलीप सोनी गौरी शंकर घाट पर नगर पंचायत अध्यक्ष आशीष यादव, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष राजेश यादव ,सुबोध सिंह, चंदन सिंह, विकास सिंह,नगर पंचायत सीएमओ यूफ्रेसिया एक्का, सफाई निरीक्षक अरविंद यादव, परमेश्वर ,विकास सिन्हा ,सुबोध सिंह, भोलागिरी ,प्रेमचंद सिंह ,विनय तिवारी, सतीश तिवारी, रेन नदी घाट पर भाजपा नेता अनुप सिन्हा सुदर्शन सेठी, दुर्गा गुप्ता आदि समिति के सदस्यों ने व्यवस्था में जुटे रहे।
छठ महापर्व स्वच्छता एवं प्रकृति पूजा का संदेश देता है – अमित सक्सेना
इसअवसर छठ घाट पर उपस्थित जनों के बीच एसईसीएल बिश्रामपुर क्षेत्र के महाप्रबंधक अमित सक्सेना ने आपने संदेश मे उपस्थित जनों से कहा कि पूरे ब्रह्मांड को ऊर्जा प्रदान करने वाले भगवान भास्कर को उगते एवं डूबते दोनों ही रूपों में पूजा की जाती है ,इस महापर्व में जिस तरह से सफाई पर व्रत धारी अपना ध्यान देते हैं उससे लोगों को शिक्षा ले कर अपने आसपास की सफाई एवं प्रकृति से प्रेम करना सीखना चाहिए
उल्लेखनीय है कि छठ महापर्व पर व्रतधारी रविवार को उगते और सोमवार को डूबते सूर्य को अर्ध्य दे कर कठिन व्रत को समाप्त किया