कोरबाछत्तीसगढ़राज्य

रैनपुर में धरना-प्रदर्शन, किसान सभा ने कहा : वनाधिकार देने और भूविस्थापितों की समस्या हल करने में कांग्रेस सरकार नाकाम

रैनपुर में धरना-प्रदर्शन, किसान सभा ने कहा : वनाधिकार देने और भूविस्थापितों की समस्या हल करने में कांग्रेस सरकार नाकाम

रैनपुर में धरना-प्रदर्शन, किसान सभा ने कहा : वनाधिकार देने और भूविस्थापितों की समस्या हल करने में कांग्रेस सरकार नाकाम

WhatsApp Image 2025-09-25 at 3.01.05 AM

कोरबा। अखिल भारतीय किसान सभा से संबद्ध छत्तीसगढ़ किसान सभा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कटघोरा विधानसभा आगमन पर भूविस्थापितों को नियमित रोजगार देने और वनभूमि पर काबिजों को वनाधिकार पट्टा देने की मांग पर ग्राम रैनपुर में 2 घंटे तक जबरदस्त नारेबाज़ी के साथ धरना-प्रदर्शन किया और दीपका थाना प्रभारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। कटघोरा एसडीएम के द्वारा किसान सभा के प्रतिनिधिमंडल को मुख्यमंत्री से मिलवाने के आश्वासन के बाद धरना समाप्त हुआ।

मुख्यमंत्री के पूरे राज्य में हो रहे दौरे में शायद यह पहली बार हुआ है कि किसी किसान संगठन के आह्वान पर सैकड़ों ग्रामीणों ने वनाधिकार और रोजगार के सवाल पर प्रदर्शन में हिस्सा लिया हो। आम जनता में यह चर्चा है कि एक ओर तो पूरी प्रशासनिक ताकत झोंक कर मुख्यमंत्री के लिए भीड़ जुटाई गई, वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी बात कहने के लिए एकत्रित ग्रामीणों को रोकने का प्रयास पूरे जिले के प्रशासनिक अधिकारी कर रहे हैं। इससे प्रशासन की छवि धूमिल हुई है।

किसान सभा के नेता जवाहर सिंह कंवर और प्रशांत झा ने कहा है कि वनाधिकार के मुद्दे पर कोरबा जिले में सरकारी दावों की पोल खुल गई है। पूरे जिले में वन भूमि पर काबिज गरीबों की बेदखली का अभियान चल रहा है। वनाधिकार के पुराने आवेदनों को रद्दी की टोकरी में फेंक दिया गया है और नए आवेदन पत्र तो लिए ही नहीं जा रहे हैं। जहां आवेदन लिये भी जा रहे हैं, वहां पावती नहीं दी जा रही है। इस मामले पर मुख्यमंत्री का अपने प्रशासन पर ही कोई नियंत्रण नहीं है। किसान सभा के नेताओं ने आगामी दिनों में वन भूमि से बेदखल लोगों को पुनः काबिज कराने की मुहिम छेड़ने और वनाधिकार पट्टा के लिए आंदोलन का विस्तार करने की घोषणा की है।

mantr
96f7b88c-5c3d-4301-83e9-aa4e159339e2 (1)

उल्लेखनीय है कि रैनपुर में गलत तरीके से दावों को खारिज कर कब्जाधारियों को बेदखल करने का मामला सामने आया था, तो बसीबार मे वन भूमि पर काबिज किसानों की खेतों में खड़ी फसल को रौंद कर गौठान बनाया जा रहा है और कोरबा निगम के क्षेत्र में वन भूमि पर बसे आदिवासियों एवं अन्य काबिजों को पट्टा देने के लिए तो प्रशासन तैयार ही नहीं है। इन घटनाओं को केंद्र में रखकर किसान सभा ने वनाधिकार का मुद्दा उठाया है।

किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा का कहना है कि प्रशासन के रवैये से यह साफ हो चुका है कि कम-से-कम वनाधिकार के सवाल पर कांग्रेस-भाजपा में कोई अंतर नहीं है। पिछली भाजपा सरकार की तरह ही इस बार की कांग्रेस सरकार में भी आदिवासियों के साथ हुए ‘ऐतिहासिक अन्याय’ को दूर करने की कोई राजनैतिक इच्छाशक्ति नहीं है। उनका कहना है कि वनाधिकार के मामले में कोरबा जिला प्रशासन और वन विभाग सुप्रीम कोर्ट के आदेशों और दिशा-निर्देशों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहा है।

किसान सभा के जिला अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर ने कहा कि कोयला उत्पादन के नाम पर बड़े पैमाने पर किसानों को विस्थापित किया जा रहा है। भूविस्थापितों को जमीन अधिग्रहण के बाद रोजगार और मुआवजा के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है। जिले के प्रशासनिक अधिकारी केवल जमीन छीनने में लगे हुए हैं। किसान सभा ने पुराने लंबित रोजगार प्रकरणों का तत्काल निराकरण, नए-पुराने सभी अधिग्रहण में प्रत्येक खातेदार को रोजगार देने, शासकीय भूमि पर काबिजों को भी मुआवजा और बसाहट देने की मांग की है।

आज के प्रदर्शन में हेम सिंह, वेद प्रकाश, मान सिंह, दिलहरण चौहान, सेवा राम, संजय यादव, पुरषोत्तम, अमरजीत कंवर, सत्रुहन दास, दामोदर श्याम, रेशम यादव, जय कौशिक, रघु लाल यादव, राहुल जयसवाल, पवन यादव, विशंभर, बसंत चौहान, मोहन लाल यादव, राधेश्याम पटेल, कृष्णा, चंद्रशेखर, शिवदयाल कंवर, सुमेंद्र सिंह, मानिक दास, उत्तम दास, उमेश यादव, अशोक, रघु आदि कार्यकर्ता प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

किसान सभा नेताओं ने आगामी दिनों में वन भूमि से बेदखल लोगों को पुनः काबिज कराने की मुहिम छेड़ने और वनाधिकार पट्टा के लिए आंदोलन का विस्तार करने की घोषणा की है।

Pradesh Khabar

e6e82d19-dc48-4c76-bed1-b869be56b2ea (2)

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!