छत्तीसगढ़ताजा ख़बरेंब्रेकिंग न्यूज़राजनीतिराज्यरायपुर

क्रूड ऑयल के दाम 40 प्रतिशत कम होने के बावजूद डीजल, पेट्रोल के अधिक दाम वसूल रही है मोदी सरकार

क्रूड ऑयल के दाम 40 प्रतिशत कम होने के बावजूद डीजल, पेट्रोल के अधिक दाम वसूल रही है मोदी सरकार

WhatsApp Image 2025-09-25 at 3.01.05 AM

भारत में सस्ते पेट्रोल और डीजल की कीमतों को लेकर हाल ही में बहस चल रही है। क्रूड ऑयल की कीमतों में 40% की कमी के बावजूद, सरकार पेट्रोल और डीजल पर उच्च मूल्य लगा रही है। इससे क्या नुकसान होगा? क्या इससे मोदी सरकार को हानि होगी? इस विवादित मुद्दे पर मेरे पास पांच कदम हैं जो मोदी सरकार को जोखिम उठाने से रोक सकते हैं। अच्छे व्यवसाय नीतियां चुनें: सरकार की दर से ज्यादा मूल्य वसूलने से हमें दुकानदारों पर बोझ बढ़ाना पड़ता है। ऐसे में हमें ऐसी व्यवसाय नीतियां चुननी चाहिए जो विपणन में मदद करें और फायदा पहुँचाएं। उदाहरण के तौर पर, एक दुकानदार अपनी दुकान में डीजल पर 5% का छूट दे सकता है ताकि उसके ग्राहकों को इस सस्ती कीमत में लाभ मिल सके। उत्पादता और उद्यमिता में सुधार करें: पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों को कम करने के लिए हमें उत्पादता और उद्यमिता को बढ़ावा देना चाहिए। हमें नई तकनीकों का उपयोग करके उत्पादन में मेहनत करनी चाहिए ताकि हमें उत्पादन में स्थिरता और उद्यमिता में सुधार मिले। उदाहरण के तौर पर, एक उद्यमी खुद के ट्रक की फ्यूल एफिशिएंसी को बढ़ा सकता है ताकि उसकी व्यापारिक परिस्थितियों में सुधार हो सके। नए उत्पादों की खोज करें: पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा करने के लिए हमें नए उत्पादों की खोज करनी चाहिए। हमें उन उत्पादों की तलाश करनी चाहिए जिनका उपयोग करके हम पेट्रोल और डीजल का उपयोग कम कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, एक व्यापारी नए बायोफ्यूल के उत्पादन में निवेश कर सकता है जिससे पेट्रोल और डीजल की जरूरत कम हो और उसे उसके उत्पाद में वृद्धि मिले। सरकार से दबाव डालें: मोदी सरकार को इस मुद्दे पर दबाव डालना चाहिए और उसे उच्च मूल्यों को कम करने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए। हमें अपनी आवाज़ उठानी चाहिए और सरकार से एक सामान्य नागरिक की भाभण पूछनी चाहिए। ऊर्जा सुधार की दिशा में काम करें: पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी लाने के लिए हमें ऊर्जा सुधार की दिशा में काम करना चाहिए। हमें सक्षम ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करना चाहिए जिनसे हम पेट्रोल और डीजल की जरूरत कम कर सकते हैं और भारत के ऊर्जा स्वावलंबन को बढ़ावा दे सकते हैं। उम्मीद है कि ये पांच कदम मोदी सरकार को किसी भी नुकसान से बचाने में मददगार साबित होंगे। इन कदमों का पालन करके हम सस्ते पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी लाने में सक्षम होंगे और अपने व्यवसाय और खर्च में सुधार कर सकेंगे।

रायपुर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने केंद्र की मोदी सरकार पर जनता के जेब पर डकैती डालने, प्रायोजित मंहगाई बढ़ाने और अनुचित मुनाफाखोरी करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि कच्चा तेल अंतरराष्ट्रीय बाजार में 2014 की तुलना में लगभग आधे दाम पर आ गया है, पिछले सप्ताह से क्रूड ऑयल 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ चुका है, जो दिसंबर 2021 के बाद से सबसे निचले स्तर पर है, लेकिन इसके बावजूद मोदी सरकार पेट्रोल और डीजल के दाम नहीं घटा रही है। मोदी सरकार के संरक्षण में पेट्रोलियम कंपनियों का मुनाफा लगातार बढ़ता जा रहा है, सेंट्रल एक्साइज की दरें बढ़ा दी गई और तरह-तरह से सेस लगाकर क्रूड ऑयल के गिरते दाम से होने वाले मुनाफे को एडजस्ट किया जा रहा है। क्रुड ऑयल की कीमतों में गिरावट का लाभ जनता को देने के बजाय केंद्र की भाजपा सरकार खुद अपना जेब भरने में लगी हुई है। मोदी सरकार ने केवल पेट्रोलियम उत्पादों से ही बीते 10 वर्षों में 38 लाख करोड़ से अधिक की अतिरिक्त कमाई की है। भाजपा सरकार के संरक्षण में जमाखोरों और मुनाफाखोरों को आमजनता को लूटने की खुली है। 2014 में मनमोहन सिंह के नेतृत्व में जब यूपीए की सरकार थी, तब डीजल पर मात्र 3 रूपया 54 पैसा प्रति लीटर सेंट्रल एक्साइज लिया जाता था, जिसे मोदी सरकार ने 31 रूपए प्रति लीटर तक बढाया, वर्तमान में अभी भी 2014 की तुलना में लगभग 6 गुना ज्यादा, 19 रुपया 90 पैसा प्रति लीटर सेंट्रल एक्साइज वसूला जा रहा है, उसके अतिरिक्त तरह-तरह के सेस लगाए गए हैं, कमीशनखोरी करने के लिए पेट्रोलियम कंपनी और डिलरों का मुनाफा बढ़ा दिया गया। भारतीय जनता पार्टी की सरकार पेट्रोलियम कंपनियों के साथ मिलकर आम जनता को लूटने का कोई अवसर नहीं छोड़ रही है। क्रूड ऑयल सस्ता होने के बावजूद डीजल, पेट्रोल के दाम नहीं घटाना जनता के साथ अन्याय है, धोखा है, अत्याचार है। मोदी सरकार आम जनता से डीजल, पेट्रोल पर प्रति लीटर 30 रूपए से अधिक की अतिरिक्त कमाई कर रही है। मोदी सरकार के मुनाफाखोरी की भूख के चलते महंगे पेट्रोलियम उत्पाद का असर दैनिक उपभोग की वस्तुओं पर भी पड़ रहा है। डीजल के महंगे दामों के चलते परिवहन भाड़ा बढ़ा है, जिसके चलते दिनों-दिन महंगाई बढ़ रही है। देश की जनता एक तरफ बेरोजगारी से पीड़ित है, घटती आमदनी से पीड़ित है, वहीं केंद्र सरकार के गलत नीतियों के चलते बढ़ती मंहगाई से आम जनता का जीना मुश्किल हो गया है। पेट्रोल डीजल के दाम तत्काल कम करके जनता को महंगाई से राहत दे सरकार।

भारतीय सरकार के द्वारा डीजल और पेट्रोल के मूल्यों में 40 प्रतिशत की कमी के बावजूद क्यों बढ़ी गई है, इसके पीछे की व्याख्या बहुत से लोगों के मन में सुविचार के रूप में रहती है। यह एक महत्वपूर्ण सवाल है जिसका उत्तर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार देने की क्षमता है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम पांच कार्रवाईयों के बारे में चर्चा करेंगे जिनसे सरकार के ये इस निर्णय को समझा जा सके।

1. पेट्रोल और डीजल पर अधिक टैक्स और एक्साइज ड्यूटी को बढ़ाना: भारतीय सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर टैक्स और एक्साइज ड्यूटी को बढ़ाकर उनके मूल्यों में वृद्धि की है। यह सरकार के राजकोष की वृद्धि के लिए एक तरीका हो सकता है, लेकिन इससे आम जनता को नुकसान होता है। उच्च टैक्स पेट्रोल और डीजल की कीमतों को और अधिक बढ़ाने का कारण बनता है।

2. कीमतों में अनियमितता और आधार सहित कदम: मूल्यों में अनियमितताएं और अच्छी सुचनाओं की कमी की वजह से लोगों के मन में संदेह उत्पन्न हो सकता है। सरकार को इस अव्यवस्थाओं को सुधारने का प्रयास करना चाहिए ताकि लोग यकीन कर सकें कि उन्हें न्यायपूर्वक मूल्य मिल रहा है।

mantr
96f7b88c-5c3d-4301-83e9-aa4e159339e2 (1)

3. शुल्क कम करके ऊर्जा खपत कम करना: ऊर्जा खपत को कम करना लोगों के व्यय को कम कर सकता है, जिससे मूल्य में कमी हो सकती है। सरकार को ऊर्जा खपत को कम करने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए।

4. ऊर्जा संचय के लिए विकास: ऊर्जा संचय उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक अच्छा कदम हो सकता है। सरकार को ऊर्जा संचय के स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए अधिक सकारात्मक उत्प्रेरणा उत्पन्न करनी चाहिए।

5. पर्यावरण से सजगता बढ़ाना: पर्यावरण को महत्वपूर्ण दृष्टिकोण से देखकर, ऊर्जा संभावनाओं को पर्यावरण से सही सम्बंध बनाते हुए सरकार को ऊर्जा के उपयोग को सुधारने का उचित रास्ता चुनना चाहिए।

सरकार के इस निर्णय के पीछे काई कारण हो सकते हैं, जिनका समाधान एक सामान्य व्यक्ति नहीं कर सकता। लेकिन मूल्यों में वृद्धि से सम्बंधित विषयों पर जागरूकता बढ़ाना बहुत महत्वपूर्ण है। उम्मीद है कि ये कार्रवाईयां आने वाले समय में सुधार ला सकेंगी। उत्पन्न मुद्दों पर साधारण जनता के ध्यान को बढ़ाना केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हर एक व्यक्ति का भी है।

समूचे समय में, जरूरतमंद यातायात और पेट्रोलियम उपभोक्ता के सिद्धांत भूमिका निभाते रहे हैं जो एक शक्तिशाली सरकार की मूल विचारधारा होने के नाते यह दर्शाती है। यदि हम सभी मिलकर इस मुद्दे पर गहराई से चिंताएं, तो हम स्थिति को सुधारने के लिए सक्षम हो सकते हैं। एकत्रित अज्ञानता प्राकृतिक संस्कृति की स्थापना बनाने के लिए महत्वपूर्ण एक्शन है जो एक बेहतर भविष्य की दिशा में प्रगति कर सकता है।

इन सुझावों को अपनाने से, हम सभी मिलकर समृद्ध, स्वस्थ और जीवनयापन भरपूर भविष्य की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं। इस निर्णय को स्थिर करने में हमारी मदद करने पर ध्यान देने के लिए धन्यवाद। जय हिंद।

भारत में तेल की कीमतों में गिरावट होने के बावजूद, मोदी सरकार डीजल और पेट्रोल के लिए अधिक मूल्य वसूल रही है। आपको इस अवस्था को संभालने में मदद करने के लिए कुछ कार्रवाई का निर्धारण करने की आवश्यकता है। नीचे कुछ सुझाव दिए गए हैं जिन्हें आप अपने दैनिक जीवन में उतार सकते हैं:

1. ऊर्जा दक्ष वाहनों का चयन करें: डीजल और पेट्रोल तेल वाहनों में इस्तेमाल होता है जिससे उनकी खपत बढ़ जाती है। इस समस्या का समाधान है ऊर्जा दक्ष वाहनों का चयन करना। इसमें हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहन शामिल हैं जो कम उर्जा खपत करते हैं। आपके लिए यह लाभकारी हो सकता है क्योंकि इन वाहनों का उपयोग करने से आपकी यातायात की लागत काफी कम होगी।

2. सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें: अपनी दैनिक यातायात के लिए सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना भी एक स्वाभाविक तरीका है जिससे आप उर्जा खपत को कम कर सकते हैं। आम आदमी तक पहुंचने के लिए उपलब्ध तरीके में बसें, मेट्रो और ऑटोरिक्शा शामिल हैं जो उर्जा सुरक्षित होते हैं। इसके अलावा, सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करने से जाम की समस्या भी कम होगी।

3. ऊर्जा संवभावित शहर योजना का अनुसरण करें: ऊर्जा संवभावित शहर योजना एक अच्छा मार्गदर्शन है जिससे विकासशील शहरों में ऊर्जा का उपयोग कम किया जा सकता है। इसमें सोलर पैनल, बायो-गैस संयंत्र और पावर सेवाएँ शामिल हैं जिनका उपयोग करके ऊर्जा की खपत को कम किया जा सकता है। आप अपने नगरपालिका से इस योजना के बारे में जान सकते हैं और अपने इलाके में इसका अनुसरण कर सकते हैं।

4. कार्पूण्य सूचनाएँ का पालन करें: एक और एक्शन प्लान है कार्पूण्य सूचनाएँ का पालन करना। अगर आप एक गाड़ी चलाते हैं तो आपको उसकी सही माइलेज की खपत देखनी चाहिए और इसे बढ़ावा देने वाली किसी भी कार्यवाही का हिस्सा बनना चाहिए। जैसे ही आप अपनी गाड़ी का प्रदर्शन बेहतर करेंगे, आप ऊर्जा की खपत को कम करेंगे और उससे पैसे की बचत भी होगी।

5. स्मार्ट पेमेंट विकल्प का उपयोग करें: आजकल ऑनलाइन भुगतान के लिए कई स्मार्ट पेमेंट विकल्प उपलब्ध हैं जिन्हें आप इस्तेमाल करके पेट्रोल और डीजल की खपत को संभाल सकते हैं। यह आपको लाइन में व्यस्त होने से बचा सकता है और आप अपनी चेंट को किस भी समय और किसी भी स्थान से पूरा कर सकते हैं।

इन पंक्तियों के माध्यम से आप अपने दैनिक जीवन में उर्जा की खपत को कम करके पैसे की बचत कर सकते हैं। इन कार्रवाईयों का पालन करने से न केवल आपकी आर्थिक हालत में सुधार होगा बल्कि आप पर्यावरण के लिए भी अच्छा कार्य करेंगे।

वर्ल्ड इकॉनॉमी में एफरेंसी रेट बदलने के कारण प्रयुक्त क्रूड तेल की कीमतों में 40 प्रतिशत की गिरावट आयी है, फिर भी मोदी सरकार डीजल और पेट्रोल के लिए अधिक मूल्य ले रही है। आज के इस ब्लॉग पोस्ट में हम पांच ऐसे उपायों के बारे में चर्चा करेंगे जिनकी मदद से आप इस स्थिति से निपट सकते हैं। जो प्रायोगिक उदाहरणों और ताज्जुबों के साथ समझाया जाएगा।

1. आत्मनिर्भरता की ओर: आत्मनिर्भरता एक ऐसा मार्ग है जिससे हम आत्म-सुफलीकरण का मार्ग अपना सकते हैं। इस समय में निर्यात उत्पादन में वृद्धि करने की कोशिश करें जिससे न सिर्फ विदेशी महंगे कीमतों से बचाव हो, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

2. ऊर्जा प्रबंधन: राज्य सरकारों को ऊर्जा प्रबंधन पर ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि उन्हें ऊर्जा की बचत के लिए कुशल योजनाएं बनाने में मदद मिल सके। ऊर्जा समय से पूर्व ही बचाइ जाए तो बेहतर होगा।

3. सड़क व्यवस्था का माध्यम: सड़क व्यवस्था में सुधार करने से फोस्सिल ईंधन का उपयोग कम होगा और तेल कीमतों में भी गिरावट हो सकती है।

4. ग्रीन एनर्जी के प्रयोग: ग्रीन एनर्जी जैसे विकल्पिक स्रोतों का उपयोग करना महंगे ईंधन का उपयोग कम करने में मदद कर सकता है।

5. विवेकपूर्ण उपयोग: तेल की ईंधन की बचत के लिए विवेकपूर्ण उपयोग की आदत डालें। उदाहरण के लिए, वैकल्पिक साधनों का उपयोग करें जिससे कीमतों में सुधार हो सके।

इन सुझावों का पालन करके और विवेकपूर्ण रूप से अमल करके हम सभी मिलकर इस समस्या का समाधान कर सकते हैं। इससे न केवल तेल के मूल्य में गिरावट होगी, बल्कि हम सभी का भविष्य भी स्वच्छ और स्वस्थ होगा।

आशा है कि यह पोस्ट आपको आपके समस्याओं का समाधान ढूंढने में मदद करेगी। यदि आपके पास कोई अन्य सुझाव हो, तो कृपया हमारे साथ साझा करें। मिलकर हम सभी इस समस्या को हल करने में सहयोग कर सकते हैं।

Ashish Sinha

e6e82d19-dc48-4c76-bed1-b869be56b2ea (2)

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!