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भाषा की सरहदें सख्त नहीं होनी चाहिए : गीतांजलि श्री
भाषा की सरहदें सख्त नहीं होनी चाहिए : गीतांजलि श्री
जयपुर, किसी भी भाषा की समृद्धि के लिए उसमें लोच और रवानगी को महतवपूर्ण बताते हुए ‘रेत समाधि’ की लेखिका एवं बुकर पुरस्कार विजेता गीतांजलि श्री ने यहां शनिवार को जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (जेएलएफ) में कहा कि भाषा की सरहदें सख्त नहीं होनी चाहिए।.
गीतांजलि श्री ने कहा कि भाषा के शुद्धिकरण के चक्कर में लोग भूल जाते हैं कि भाषा में जितना लचीलापन, जितनी गति और रवानी रहेगी, भाषा उतनी ही समृद्ध होगी।.












