
सरगुजा: दो बच्चों की मौत के मामले में बीएमओ निलंबित, डॉक्टर कार्यमुक्त, परिजनों को 4-4 लाख की सहायता
रघुनाथपुर पीएचसी में लापरवाही और पोस्टमार्टम के लिए घूस मांगने के आरोपों पर कलेक्टर सरगुजा की सख्त कार्रवाई, बीएमओ निलंबित, डॉक्टर कार्यमुक्त, परिजनों को ₹4-4 लाख की आर्थिक सहायता।
बीएमओ निलंबित, अनुबंधित चिकित्सक कार्यमुक्त: रघुनाथपुर में बच्चों की मौत के मामले में कलेक्टर की सख्त कार्रवाई
रायपुर, 20 मई 2025। सरगुजा ज़िले के लुण्ड्रा विकासखंड स्थित रघुनाथपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दो मासूम बच्चों की मौत के बाद हुई प्रशासनिक लापरवाही और पोस्टमार्टम के एवज में पैसे मांगने के गंभीर आरोपों के मामले में कलेक्टर विलास भोसकर ने कड़ा एक्शन लिया है। उन्होंने लुण्ड्रा के खंड चिकित्सा अधिकारी (बीएमओ) डॉ. राघवेंद्र चौबे को निलंबित कर दिया है, वहीं पीएचसी रघुनाथपुर में पदस्थ अनुबंधित चिकित्सक डॉ. अमन जायसवाल को तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त कर दिया गया है।
क्या है पूरा मामला?
ग्राम सिलसिला ढोढ़ा झरिया में दो मासूम बच्चे — सूरज गिरी और जुगनू गिरी, जो सगे चचेरे भाई थे, मछली पालन के लिए बनाए गए एक गहरे और असुरक्षित गड्ढे में डूब गए। घटना के बाद परिजनों ने आरोप लगाया कि रघुनाथपुर पीएचसी में तैनात डॉक्टर ने पोस्टमार्टम के लिए प्रति शव ₹10,000 की मांग की। जब पैसे नहीं दिए गए तो पोस्टमार्टम करने से इनकार कर दिया गया। बाद में ग्रामीणों के दबाव और शिकायत के बाद पोस्टमार्टम किया गया।
कलेक्टर ने की जांच और कार्रवाई
जांच में पाया गया कि बीएमओ डॉ. राघवेंद्र चौबे अपने अधीनस्थ कर्मचारियों पर प्रशासनिक नियंत्रण रखने में असफल रहे और अपने कर्तव्यों में लापरवाही बरती। इसके अलावा, डॉ. अमन जायसवाल का आचरण भी सेवा नियमों के विपरीत पाया गया। दोनों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की गई है।
पीड़ित परिवारों को सहायता राशि
कलेक्टर भोसकर ने स्वयं रघुनाथपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया और मृतकों के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने परिवारों को ढांढस बंधाया और शासन की आरबीसी 6/4 योजना के अंतर्गत 4-4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता का चेक भी प्रदान किया।