
आपदा के वक्त कमाई के लिए अवसर तैयार किया मोदी सरकार ने।

छत्तीसगढ़ सरकार किसान न्याय योजना के तहत किसानों की कर रही है मदद।
बलरामपुर /13मई 2021 । कांग्रेस ने खेती में काम आने वाले खाद अर्थात उर्वरकों के दामो की गयी बढ़ोतरी को आपदा काल मे मोदी सरकार के द्वारा की जा रही लूट बताया है। जिला कांग्रेस के प्रवक्ता सुनील सिंह ने कहा कि 2022 तक किसानों की आय को दुगुनी करने के वादे के साथ सत्ता में आई मोदी सरकार किसानों की आय दुगुनी करने के बजाय खेती और किसानों को ही समाप्त करने का षड्यंत्र रच रही है। किसानों के खिलाफ काले कानून बनाने बाद अब खेती किसानी की सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता खाद और उर्वरकों के दामो को ड्योढ़ा से अधिक 58 फीसदी तक बढ़ा दिया गया है। इंडियन फार्मर फर्टिलाइजर कारपोरेशन (इफको) ने विनियंत्रित खादों के दाम 45 से 58 फीसदी तक बढ़ा दिए हैं। इस वृद्धि के साथ डीएपी के 50 किलोग्राम बैग की कीमत 1,200 रुपये से करीब 58 फीसदी बढ़कर 1,900 रुपये हो गई है। हाल के दशकों में खाद कीमतों में यह अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि है। इफको के मुताबिक, एनपीके 10:26:26 की कीमत 1,175 रुपये बढ़ाकर 1,775 रुपये प्रति बैग, एनपीके 12:32:16 की कीमत 1,185 रुपये से बढ़ाकर 1,800 रुपये और एनपीएस 20:20:0:13 की कीमत 925 रुपये से बढ़ाकर 1,350 रुपये प्रति बोरी कर दी गई है। एनपीके 15:15:15 की कीमत भी बढ़कर 1,500 रुपये प्रति बैग हो गई है। इसके अलावा, कृभको, एमसीएफएल, जुआरी एग्रो केमिकल्स और प्रदीप फॉस्फेट्स ने भी डीएपी की कीमतें बढ़ाकर 1,700 रुपये कर दी है। चंबल फर्टिलाइजर एंड केमिकल्स लिमिटेड ने दाम बढ़ाकर 1,600 रुपये और इंडोराम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने 1,495 रुपये प्रति बैग कर दिए हैं। सभी कंपनियों की कीमतें 1 अप्रैल, 2021 से प्रभावी हैं।
प्रवक्ता सुनील सिंह ने कहा कि मोदी सरकार के उर्वरक मंत्री झूठ बोल रहे कि अभी बढ़ोतरी नही होगी जबकि देश की सहकारी क्षेत्र की सबसे बड़ी उर्वरक निर्माता कंपनी इफको ने बढ़े हुए दामो को उर्वरकों की बोरियों में छपवाना भी शुरू कर दिया गया है। इफको का कहना है कि उसके पास अभी 11.26लाख टन कॉम्पेक्स खादों का पुराना स्टॉक है जो पुराने रेट पर बेचा जाएगा उसके बाद नए रेट लागू हो जायेगे ।
जिला कांग्रेस प्रवक्ता सुनील सिंह ने कहा कि मोदी सरकार बगैर किसी स्पष्ट नीति के उर्वरकों के दामो में बढ़ोतरी के चौतरफा विरोध के बाद किसानों को लूटने के लिये अपनी आदत अनुसार पिछले दरवाजे से नीति बना रही है ।इफको कहती है बढ़े दाम किसानों पर नही लागू होंगे संस्थाओं पर लगेंगे ।छत्तीसगढ़ जैसे राज्य जहां किसान मार्कफेड और सोसायटियों से खाद खरीदते हैं उनको तो बढ़ी हुई कीमत पर खाद मिलने वाली है ।यदि इफको मार्कफेड को 1200 की खाद 1900 में देगा तो स्वाभाविक है सोसायटियों से किसानों को बढ़ी कीमत पर ही खाद मिलेगी।
जिला कांग्रेस प्रवक्ता सुनील सिंह ने कहा कि मोदी सरकार और भाजपा को छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार से सीख लेनी चाहिए कि संकट के समय किसानों की कैसे मदद की जाती है । कोरोना को झेल रहे किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना की पहली किस्त प्रदेश के लाखों किसानों को 21 मई को देने जा रही है। दूसरी तरफ विपत्ति के समय जब देश के लोगो को सरकार से मदद की अपेक्षा है मोदी सरकार देश की 75 फीसदी आबादी की जीविका के साधन कृषि को ही बर्बाद करने पर तुली हुई है।मदद तो दूर मोदी सरकार किसानों से ही वसूली कर रही है।
न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि समुचे देश में खेती के लिए रासायनिक खाद का प्रयोग चलन में है और अधिकांश कृषक अभी भी इस तरह के खाद पर पूरी तरह से निर्भर है, ऐसे में रासायनिक खादों के मूल्य वृद्धि से किसानों की कमर टूट जाएगी जहां वर्तमान में कोरोनावायरस संकट से किसान वर्तमान में अपनी फसलों की लागत नहीं निकाल पाए हैं और उनकी हालत खराब है रासायनिक खादों के मूल्य वृद्धि से खेती किसानी के कार्य पर असर पड़ेगा जिसके लिए पूरी तरह से मोदी सरकार जिम्मेदार है।












